नई दिल्ली/पटना: लोक जनशक्ति पार्टी पर वर्चस्व को लेकर चाचा पशुपति पारस और भतीजा चिराग पासवान के बीच घमासान मचा हुआ है.
इस बीच एक व्यक्ति ने मुजफ्फरपुर की एक अदालत (Muzaffarpur court) में लोकसभा में लोजपा के नेता (Leader of LJP) पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras), पार्टी के सांसद प्रिंस राज और अन्य के खिलाफ 'पार्टी के सांसदों को गुमराह करने और पार्टी का नेतृत्व करने की साजिश रचने' के लिए शिकायत दर्ज कराई. मामले की सुनवाई 21 जून को होगी.
गौरतलब है कि लोक जनशक्ति पार्टी दो धड़ों में बंट गई है. पार्टी के बागी सांसदों ने चिराग पासवान (Chirag Paswan) को पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से हटा दिया है. उन्होंने पशुपति पारस पासवान को नया नेता चुना है. वहीं, चिराग पासवान ने सांसद पशुपति कुमार पारस समेत चार सांसदों को पार्टी से निकालने की घोषणा की थी.
चिराग के पास नहीं सांसदों को निकालने का पॉवर : पारस
पशुपति कुमार पारस का कहना है कि चिराग पासवान को मुझे व चार सांसदों को पार्टी से निकालने का पॉवर ही नहीं है. पशुपति पारस ने कहा कि लोजपा के छह में से पांच सांसद हमारे साथ हैं, नब्बे परसेंट राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य मेरे साथ हैं. हमने पार्टी छोड़ी नहीं है. पार्टी को बचाया है. मुझे समझ नहीं आ रहा कि किस हैसियत से उन्होंने 5 सांसदों को पार्टी से बाहर निकालने का निर्णय लिया है. 17 तारीख को राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा.
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(इनपुट एएनआई)