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माफिया अतीक के उस कार्यालय की कहानी जो दो बार हुआ जमींदोज, पहला बुलडोजर बसपा ने ही चलवाया

उमेश पाल हत्याकांड को लेकर पुलिस ने माफिया अतीक अहमद के जिस कार्यालय पर मंगलवार को कार्रवाई की है उस पर दो अलग-अलग सरकारों में बुलडोजर चला है. लेकिन, पहली बार तो उस पार्टी की सरकार में बुलडोजर चला जिसके वह सांसद रहे थे, यानी बसपा के. जबकि दूसरी बार कार्रवाई भाजपा की योगी सरकार ने कार्रवाई की. आइए जानते हैं इस कार्यालय की कहानी. यहां पर क्या-क्या होता था.

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Published : Mar 21, 2023, 10:08 PM IST

प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद के चकिया स्थित कार्यालय पर मंगलवार को पुलिस ने जो बड़ी कार्रवाई की है, उसके पहले इस पर दो बार बुलडोजर चल चुका है. लेकिन, इस कार्यालय की एक अलग ही शान ओ शौकत हुआ करती थी. कार्यालय के बगल से गुजरने वाली गाड़ियां के लोग भी हार्न बजाने की हिम्मत नहीं कर पाते थे. शहर ही नहीं अन्य जिलों में भी इस कार्यालय की चर्चा होती थी. इसी कार्यालय से अतीक बड़े बड़े फैसले करता था.

जेल में बंद बाहुबली अतीक अहमद का यह कार्यालय कभी उसकी पहचान हुआ करता था. उस समय अतीक की तूती बोलती थी. ऐसा कहा जाता है कि पिछली सरकारों में अतीक की इतनी चलती थी कि प्रशासन की हिम्मत नहीं पड़ती थी कि कार्यालय पर कार्रवाई हो सके. लेकिन, 2007 में जब मायावती सरकार आई तो गेस्ट हाउस कांड को लेकर पहली इस कार्यालय पर पहली कार्रवाई हुई. अतीक अहमद के इस आलीशान कार्यालय पर बुलडोजर चला. लेकिन, तब कुछ ही हिस्सा टूट पाया था. 2020 में भाजपा सरकार ने अतीक अहमद पर बड़ी कार्रवाई करते हुए इस पर पूर्ण रूप से बुलडोजर चला दिया.

इसके बाद से ही अतीक के दुर्दिन शुरू हो गए. प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने इसके ज्यदातर हिस्से को अवैध मानते हुए उसे कुछ ही घंटों में जमींदोज कर दिया. भारी पुलिस बल की मौजूदगी में करोड़ों के कार्यालय के तीन हिस्सों को अवैध बताते हुए तीन तरफ से जेसीबी लगाकर पांच घंटे में तोड़ दिया गया. कार्रवाई के बाद कार्यालय का जो खंडहरनुमा थोड़ा सा हिस्सा बचा था उसे प्रशासन ने सील कर दिया. मंगलवार को इस खंडहर में इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है और रुपए और नौ पिस्टल पुलिस ने बरामद की है.

मायावती सरकार के बाद से ही शुरू हो गया बुरे दिनः 2007 में जब मायावती सरकार आई तो गेस्ट हाउस कांड को लेकर पहली कार्रवाई अतीक अहमद पर की. अतीक अहमद के इस आलीशान कार्यालय पर बुलडोजर चलवा दिया. लेकिन. कुछ ही हिस्सा टूट पाया था. इसके बाद 2020 में हत्या, हत्या की साजिश, अपहरण, भूमि कब्जा, अपहरण जैसे कई गंभीर मुकदमों को लेकर भाजपा सरकार ने अतीक अहमद पर बड़ी कार्रवाई करते हुए इस पर पूर्ण रूप से बुलडोजर चलवा दिया.

वीरान पड़े खंडहर में इतनी बड़ी साजिशः वीरान खंडहर में इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है. इस कार्रवाई से एक बार फिर अतीक का कार्यालय चर्चा में आ गया. बताया जाता है कि जब ये कार्यालय तब यहां पर बड़ी-बड़ी साजिश तैयार होती थीं. अतीक के समय में इस कार्यालय में बड़े-बड़े माफिया घुटने टेका करते थे और बड़ी-बड़ी साजिश की तैयारी भी इसी कार्यालय से हुआ करती थी. ताजा कार्रवाई भी बताती है कि यहां पर कोई साजिश की तैयारी चल रही थी.

ये भी पढ़ेंः माफिया अतीक अहमद के ध्वस्त हो चुके कार्यालय से पुलिस को मिले 70 लाख रुपए और हथियारों का जखीरा

प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद के चकिया स्थित कार्यालय पर मंगलवार को पुलिस ने जो बड़ी कार्रवाई की है, उसके पहले इस पर दो बार बुलडोजर चल चुका है. लेकिन, इस कार्यालय की एक अलग ही शान ओ शौकत हुआ करती थी. कार्यालय के बगल से गुजरने वाली गाड़ियां के लोग भी हार्न बजाने की हिम्मत नहीं कर पाते थे. शहर ही नहीं अन्य जिलों में भी इस कार्यालय की चर्चा होती थी. इसी कार्यालय से अतीक बड़े बड़े फैसले करता था.

जेल में बंद बाहुबली अतीक अहमद का यह कार्यालय कभी उसकी पहचान हुआ करता था. उस समय अतीक की तूती बोलती थी. ऐसा कहा जाता है कि पिछली सरकारों में अतीक की इतनी चलती थी कि प्रशासन की हिम्मत नहीं पड़ती थी कि कार्यालय पर कार्रवाई हो सके. लेकिन, 2007 में जब मायावती सरकार आई तो गेस्ट हाउस कांड को लेकर पहली इस कार्यालय पर पहली कार्रवाई हुई. अतीक अहमद के इस आलीशान कार्यालय पर बुलडोजर चला. लेकिन, तब कुछ ही हिस्सा टूट पाया था. 2020 में भाजपा सरकार ने अतीक अहमद पर बड़ी कार्रवाई करते हुए इस पर पूर्ण रूप से बुलडोजर चला दिया.

इसके बाद से ही अतीक के दुर्दिन शुरू हो गए. प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने इसके ज्यदातर हिस्से को अवैध मानते हुए उसे कुछ ही घंटों में जमींदोज कर दिया. भारी पुलिस बल की मौजूदगी में करोड़ों के कार्यालय के तीन हिस्सों को अवैध बताते हुए तीन तरफ से जेसीबी लगाकर पांच घंटे में तोड़ दिया गया. कार्रवाई के बाद कार्यालय का जो खंडहरनुमा थोड़ा सा हिस्सा बचा था उसे प्रशासन ने सील कर दिया. मंगलवार को इस खंडहर में इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है और रुपए और नौ पिस्टल पुलिस ने बरामद की है.

मायावती सरकार के बाद से ही शुरू हो गया बुरे दिनः 2007 में जब मायावती सरकार आई तो गेस्ट हाउस कांड को लेकर पहली कार्रवाई अतीक अहमद पर की. अतीक अहमद के इस आलीशान कार्यालय पर बुलडोजर चलवा दिया. लेकिन. कुछ ही हिस्सा टूट पाया था. इसके बाद 2020 में हत्या, हत्या की साजिश, अपहरण, भूमि कब्जा, अपहरण जैसे कई गंभीर मुकदमों को लेकर भाजपा सरकार ने अतीक अहमद पर बड़ी कार्रवाई करते हुए इस पर पूर्ण रूप से बुलडोजर चलवा दिया.

वीरान पड़े खंडहर में इतनी बड़ी साजिशः वीरान खंडहर में इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है. इस कार्रवाई से एक बार फिर अतीक का कार्यालय चर्चा में आ गया. बताया जाता है कि जब ये कार्यालय तब यहां पर बड़ी-बड़ी साजिश तैयार होती थीं. अतीक के समय में इस कार्यालय में बड़े-बड़े माफिया घुटने टेका करते थे और बड़ी-बड़ी साजिश की तैयारी भी इसी कार्यालय से हुआ करती थी. ताजा कार्रवाई भी बताती है कि यहां पर कोई साजिश की तैयारी चल रही थी.

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