मदुरै : मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) ने छह महीने की गर्भवती एक नाबालिग के हित में एक बड़ा फैसला (HC decision in favour of pregnant minor) सुनाया है. अदालत ने पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति (permission of abortion of the rape victim) दी है.
गौरतलब है कि नाबालिग का 44 वर्षीय एक व्यक्ति ने यौन उत्पीड़न (Minor sexually assaulted by a old man) किया था. तमिलनाडु के मदुरै जिले की 17 वर्षीय लड़की के पिता ने एक याचिका दायर कर अपनी बेटी के चिकित्सकीय गर्भपात की अनुमति मांगी थी.
उच्च न्यायालय की खंडपीठ के न्यायाधीश जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने कहा कि चिकित्सकों ने लड़की का गर्भपात करने की सलाह (pregnant rape victim's abortion) दी है, जिसके साथ 44 वर्षीय बस चालक ने बलात्कार किया था. चिकित्सकों ने कहा कि इस गर्भपात से लड़की के स्वास्थ्य पर कोई बूरा असर नहीं पडेगा.
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मदुरै के सरकारी राजाजी अस्पताल के चिकित्सकों की एक टीम लड़की के गर्भपात के लिए आवश्यक कदम उठाएगी.
पुलिस पहले ही यौन अपराध से बच्चों के संरक्षण (POCSO) कानून के तहत मामला दर्ज कर चुकी है. जस्टिस ने वाडीपट्टी के पुलिस निरीक्षक को जांच के बाद आरोप पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया.
(पीटीआई-भाषा)