ETV Bharat / bharat

तलाक लेने के लिए एक साल के अलगाव की शर्त असंवैधानिक : केरल HC

author img

By

Published : Dec 10, 2022, 1:12 PM IST

केरल उच्च न्यायालय ने परिवार अदालत को निर्देश दिया कि वह युगल द्वारा दायर तलाक याचिका को दो सप्ताह के भीतर निपटाए तथा संबंधित पक्षों की और उपस्थिति पर जोर दिए बिना उनके तलाक को मंजूर करे.

Etv Bharat
Etv Bharat

कोच्चि : केरल उच्च न्यायालय ने तलाक अधिनियम के तहत आपसी सहमति से तलाक की अर्जी दाखिल करने के लिए एक साल या इससे अधिक के अलगाव की शर्त को असंवैधानिक करार दिया है. अदालत ने कहा है कि यह शर्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. जस्टिस ए. मुहम्मद मुस्ताक और जस्टिस शोभा अन्नम्मा ऐपन की खंडपीठ ने केंद्र सरकार से विवाह से संबंधित विवादों में पति-पत्नी की भलाई सुनिश्चित करने के लिए भारत में एक समान विवाह संहिता लागू करने पर गंभीरता से विचार करने को कहा.

खंडपीठ ने कहा कि कानून वैवाहिक संबंधों में भलाई के संबंध में धर्म के आधार पर पक्षों को अलग करता है. इसने कहा कि एक धर्मनिरपेक्ष देश में कानूनी पितृसत्तात्मक दृष्टिकोण धर्म के बजाय नागरिकों की समान भलाई सुनिश्चित करने पर केंद्रित होना चाहिए. पीठ ने कहा कि राज्य का ध्यान अपने नागरिकों के कल्याण और भलाई को बढ़ावा देने पर होना चाहिए. भलाई के समान उपायों की पहचान करने में धर्म के लिए कोई जगह नहीं है?

केरल उच्च न्यायालय ने यह आदेश एक युवा ईसाई दंपति द्वारा दायर याचिका पर दिया, जिसमें तलाक अधिनियम-1869 की धारा-10ए के तहत तय की गई अलगाव की न्यूनतम अवधि (एक साल) को मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए उसे चुनौती दी गई थी. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि धारा-10ए के तहत एक साल के अलगाव की न्यूनतम अवधि का निर्धारण मूलभूत सिद्धांतों का उल्लंघन है और इसे असंवैधानिक घोषित किया जाता है. उच्च न्यायालय ने परिवार अदालत को निर्देश दिया कि वह युगल द्वारा दायर तलाक याचिका को दो सप्ताह के भीतर निपटाए तथा संबंधित पक्षों की और उपस्थिति पर जोर दिए बिना उनके तलाक को मंजूर करे.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.