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जम्मू कश्मीर : राजौरी आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर सात हुई

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Published : Jan 8, 2023, 7:05 PM IST

जम्मू के राजौरी जिले के डांगरी गांव में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने दो नाबालिगों सहित छह लोगों की हत्या कर दी थी. हमले में घायल एक और व्यक्ति की मौत हो गई. इस हमले में मरने वालों की संख्या सात पहुंच गई है (JK Death toll in rajouri terror attack rises to seven).

rajouri terror attack
जम्मू कश्मीर

जम्मू : जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर के डांगरी इलाके में हुए आतंकवादी हमले में घायल एक और व्यक्ति की रविवार को यहां एक अस्पताल में मौत हो गई. इससे इस हमले में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर सात हो गई है (JK Death toll in rajouri terror attack rises to seven). अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि प्रिंस शर्मा आतंकवादियों द्वारा एक जनवरी को डांगरी गांव में की गई गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गया था. उसे बेहतर इलाज के लिए अन्य घायलों के साथ जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में स्थानांतरित किया गया था, जहां रविवार तड़के उसकी मौत हो गई.

डांगरी में हुए आतंकवादी हमले में छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जिनमें प्रिंस शर्मा का बड़ा भाई दीपक कुमार भी शामिल था. आतंकवादियों की ओर से एक जनवरी को की गई गोलीबारी में चार लोग मारे गए थे और छह अन्य घायल हुए थे. वहीं, अगली सुबह गांव में हुए एक शक्तिशाली आईईडी विस्फोट में दो लोगों की जान चली गई थी, जबकि नौ अन्य घायल हुए थे.

आतंकवादियों ने गोलीबारी के बाद डांगरी से भागने से पहले वहां आईईडी लगाई थी. हमले में शामिल आतंकवादियों की गिरफ्तारी के लिए बड़े पैमाने पर तलाश अभियान चलाया जा रहा है.

जांच एनआईए को सौंपने की मांग : इस बीच सरपंच धीरज शर्मा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपने की मांग की है. आतंकवादी हमले में अपने दोनों बेटों को खोने वाली सूरज देवी को सांत्वना देने के लिए सैकड़ों लोग मृतक के आवास पर एकत्र हो गए. उसके पति राजिंदर कुमार की लगभग चार साल पहले बीमारी के कारण मौत हो गई थी. छोटे बेटे का शव देखकर वह बेसुध हो गई.

सरपंच शर्मा ने डांगरी में संवाददाताओं से कहा, 'हम गृह मंत्री (अमित शाह) से इस मामले को तुरंत एनआईए को सौंपने की अपील करते हैं. हम लड़के का अंतिम संस्कार तब तक नहीं करेंगे, जब तक एनआईए जांच की हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती.' उन्होंने कहा कि एक सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है लेकिन सुरक्षा एजेंसियां कोई सफलता हासिल करने और दोषियों को सजा दिलाने में विफल रही हैं.

उन्होंने कहा, 'हमले में शामिल आतंकवादी अभी भी फरार हैं. हम अपने घरों में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. उपराज्यपाल ने हमें आश्वासन दिया था कि हमें एक सप्ताह के भीतर आत्मरक्षा के लिए हथियार उपलब्ध करा दिए जाएंगे, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है.'

सरपंच ने कहा कि उन्होंने गांव में एक स्थायी सैन्य शिविर की मांग की है, लेकिन अधिकारियों ने गांव की सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ जवानों को सौंपा है. प्रशासन के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करते हुए, उन्होंने गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को जीएमसी अस्पताल जम्मू में स्थानांतरित करने में देरी किए जाने की भी जांच की मांग की.

शर्मा ने कहा, 'प्रिंस शर्मा का तीन दिनों से जीएमसी राजौरी में इलाज चल रहा था, जिसके बाद उन्हें जीएमसी जम्मू स्थानांतरित कर दिया गया. उनकी जान बचाने के लिए उन्हें एम्स दिल्ली या उधमपुर में उत्तरी कमान द्वारा संचालित अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया?'

उन्होंने कहा, 'हमें जीएमसी राजौरी और जीएमसी जम्मू में कोई विश्वास नहीं है. हम मांग करते हैं कि गंभीर रूप से घायल सभी मरीजों को बेहतर इलाज के लिए तुरंत देश के आधुनिक अस्पतालों में भर्ती कराया जाए.'

पढ़ें- जम्मू कश्मीर: राजौरी आतंकी हमला, 15 संदिग्धों से पूछताछ

(पीटीआई-भाषा)

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