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एग्जिट पोल सच होते हैं तो यूपी को लेकर टूट सकते हैं मिथक-अनुराग ठाकुर बोले- सपा से जनता है खफा

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Published : Mar 9, 2022, 6:45 AM IST

Updated : Mar 9, 2022, 11:58 AM IST

यूपी के एग्जिट पोल देखें, तो बीजेपी के दावे के मुताबिक प्रचंड बहुमत मिल रहा है और यही पार्टी के बड़े नेता कैंपेन के दौरान दावे भी कर रहे थे. हमेशा से परंपरा यह रही थी कि, कोई भी पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ दोबारा उत्तर प्रदेश में सत्ता में काबिज नहीं हो पाती है, लेकिन यदि यह सर्वे सत्य होते हैं तो यूपी को लेकर पुरानी सारी मिथ्याएं टूट सकती हैं, और ना सिर्फ यह एक राज्य का चुनाव होगा बल्कि भाजपा इसे 2024 के लिए एक संकेत भी मान रही है. आइए जानते हैं एग्जिट पोल के बाद बन रही परिस्थितियों पर ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की है विस्तृत रिपोर्ट में-

If exit polls are true, old myths about UP can be broken
एग्जिट पोल सच होते हैं तो यूपी को लेकर टूट सकती हैं पुरानी मिथ्याएं

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में यदि सर्वे के मुताबिक योगी आदित्यनाथ की सरकार दोबारा बहुमत से चुनकर आती है तो पिछले लगभग 70 सालों में यह पहला मौका होगा जब कोई एक मुख्यमंत्री पूर्ण बहुमत के साथ 5 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा पूर्ण बहुमत से चुना जा रहा हो. इससे पहले 1957 में कांग्रेस के संपूर्णानंद 1962 में चंद्र भानु गुप्ता और 1974 में हेमवती नंदन बहुगुणा 1985 में नारायण दत्त तिवारी दोबारा मुख्यमंत्री बनाए तो गए मगर इनमें से संपूर्णानंद को छोड़ कोई भी मुख्यमंत्री पूरे 5 साल तक कार्यकाल में नहीं रहा था.
यही नहीं, यह भी अपने आप में पहली बार होगा कि 1985 के बाद, यानी 37 सालों बाद एक सत्ता में काबिज पार्टी दोबारा उत्तर प्रदेश में चुनकर आ रही हो.

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर

हालांकि, अभी तक एग्जिट पोल के ही रिजल्ट आए हैं लेकिन, जिस तरह से पार्टियों के दावे प्रति दावे आ रहे हैं उसे देखकर ऐसा लगता है कि इसे विपक्षी पार्टियों ने तो नहीं मगर सत्ताधारी पार्टी यानी बीजेपी ने पूर्णता सत्य मान लिया है ,और यदि एग्जिट पोल को पूर्णता सच माना जाए तो पंजाब को छोड़कर चार राज्यों में बीजेपी को बढ़त मिल रही है.

मगर विपक्षी पार्टियां जिनमें खासतौर पर आरएलडी और समाजवादी पार्टी का दावा है कि परिणाम चौंकाने वाले होंगे और तमाम एग्जिट पोल गलत साबित होंगे ,लेकिन यदि देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी ने भी पार्टी की तरफ से इंटरनल सर्वे कराया है जिसमें एक एक सीट की वैज्ञानिक तौर पर विश्लेषण कर समझाया गया है. अलग-अलग सर्वे के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बीजेपी को जो बढ़त दिखाई जा रही है, उसमें मुख्य वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लगातार सक्रिय कैंपेन और हिंदुत्ववादी एजेंडा प्रमुख कारण बताया जा रहा है क्योंकि उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रचार, जिसकी शुरुआत विकास के मुद्दे पर की गई थी,इसमें, दूसरे तीसरे चरण में ही जाकर मंदिर मस्जिद और जिन्ना तक की एंट्री करा चुका था और यह मुद्दे हमेशा से भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाते रहे हैं.

एग्जिट पोल की यदि बात करें तो, 12 में से 11 एग्जिट पोल में यूपी में दोबारा योगी की सरकार बनने की बात कही गयी है, जबकि एक सर्वे ने समाजवादी पार्टी सरकार बनने का दावा किया है. वहीं,एक सर्वे ने सपा के वोट शेयर 21.5% से बढ़कर 41% होने का दावा किया है मगर ज्यादातर सर्वे में समाजवादी पार्टी के वोट शेयर घटते हुए दिखाया गया है का यह भी कहना है कि पश्चिम बंगाल की तर्ज पर उत्तर प्रदेश से भी भारतीय जनता पार्टी साफ हो जाएगी.

सर्वे के नतीजों पर यदि ध्यान दे दो भारतीय जनता पार्टी की मुसीबत इसलिए अभी कम दिखाई दे रही है क्योंकि पार्टी ने अपने वोट शेयर को 40 फ़ीसदी से नीचे नहीं जाने दिया था लेकिन वहीं दूसरी तरफ सच्चाई यह भी है कि मौजूदा विधायकों में एक बड़ी संख्या ऐसे विधायकों की है जिनके खिलाफ सत्ता विरोधी लहर काम कर रही थी जिसकी रिकवरी उन क्षेत्रों में प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों को लगाकर करने की भरपूर कोशिश भाजपा ने की वही इस दौड़ में मायावती की पार्टी बसपा का बड़े दावेदार के तौर पर नहीं आना भी कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी को वोट शेयर में फायदा पहुंचा सकता है
यूपी पर आये, एग्जिट पोल पर ,जहां अखिलेश यादव ने दो टूक कहा है कि उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार बनने जा रही है साथ ही दावा ठोकते हुए यहां तक कह दिया है कि एग्जिट पोल के लिए पैसे कौन दे रहा है ,यह सभी जानते हैं. यही नहीं ईवीएम पर भी आरोप लगाए जाने की शुरुआत एग्जिट पोल के बाद से ही हो चुकी है और एक बार फिर से इस पिटारे को खोलते हुए अखिलेश यादव ने सवाल किया है कि क्या वजह है कि बिना सुरक्षा ,ईवीएम मशीन ले जाया जा रहा है, यदि ईवीएम को आप को हटाना है तो प्रत्याशी को जानकारी देनी चाहिए यहां तक कि उन्होंने बनारस के ईवीएम में भी गड़बड़ी का आरोप लगाया है.

वहीं, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री और बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने अखिलेश यादव के लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि अखिलेश यादव चुनाव के दौरान समझ गए थे कि लोग समाजवादी पार्टी की तरफ गंभीर नहीं थे ,क्योंकि उनकी पहली सूची ही जब जारी हुई थी तो उसमें जेल और बेल वाले लोग ज्यादा थे उम्मीदवार कम ,और जनता की उम्मीदों पर वार करने वाले ज्यादा. उन्होंने कहा कि उन्होंने तब भी यह आरोप लगाया था और इन उम्मीदवारों का चाल चरित्र और चेहरा धीरे-धीरे सामने आ गया उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान अखिलेश यादव जो नई हवा और नई सपा की बात करते हैं इसके लिए उन्हें सिर्फ 10 मार्च का इंतजार करना होगा.

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अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह वही हवा है, वहीं सपा है जनता जिससे खफा है और मन बना लिया है कि,करना इनको दफा है, और 10 मार्च को इनको पता चलेगा कि यह ईवीएम बहुत बेवफा है.' उन्होंने कहा की, अखिलेश जी ने तो 10 मार्च तक का इंतजार नहीं किया और पहले ही कहना शुरू कर दिया. उन्होंने ने कहा कि यह वह लोग हैं जो दंगे और माफियाओं को शरण देते हैं उन्होंने फिर से अपनी बात दोहराते हुए कहा कि अखिलेश जी के चार यार आतंकी ,गुंडा ,माफिया और भ्रष्टाचार. केम्द्रीय मंत्री ने कहा कि ,अखिलेश यादव इन तमाम बातों से पीछा नहीं छुड़ा सकते. उन्होंने दावा किया किउत्तर प्रदेश में एमवाई फैक्टर काम किया है और यह पुराना एमवाई फैक्टर नहीं बल्कि मोदी और योगी फेक्टर है जो काम कर गयाऔर यह इतिहास मोदी जी के नेतृत्व में किया गया है और जाएगा.

Last Updated : Mar 9, 2022, 11:58 AM IST
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