ETV Bharat / bharat

गृह मंत्रालय ने 3 सालों में जम्मू कश्मीर पुलिस पर खर्च किए 2814 करोड़ रु.

author img

By

Published : Dec 14, 2022, 4:30 PM IST

पिछले तीन सालों में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर की पुलिस पर 2814 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. यह जानकारी बुधवार को सरकार ने संसद में दी. मंत्रालय ने बताया कि सरकार की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है तथा जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है.

nitya nand rai, home minister state
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय

नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ केन्द्र सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले 3 सालों में जम्मू और कश्मीर की पुलिस पर सुरक्षा संबंधी 2814.095 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. वहीं 3 सालों में 9 कश्मीरी पंडितों की घाटी में जान गई है. गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बुधवार को ये जानकारी दी. नित्यानंद राय ने राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि संघ राज्य क्षेत्र जम्मू और कश्मीर की सुरक्षा के लिए विभिन्न एजेंसियां और संगठन कार्य करते हैं.

उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए व्यय का विवरण केंद्रीय रूप से नहीं रखा जाता है. हालांकि पिछले तीन वर्षों में गृह मंत्रालय द्वारा जम्मू और कश्मीर की पुलिस पर किये गया सुरक्षा सम्बन्धी व्यय 2814.095 करोड़ रुपए है. नित्यानंद राय ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-2020 में 1267 करोड़, 2020-21 में 611 करोड़ और 2021-22 में गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर की सुरक्षा में 936.095 करोड़ रुपए खर्च किए हैं.

वहीं मंत्रालय ने बताया कि सरकार की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है तथा जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. आतंकवादी हमलों में काफी गिरावट आई है, जो वर्ष 2018 में 417 से घटकर वर्ष 2021 में 229 हो गई है.

सरकार ने जानकारी देते हुए ये भी बताया कि पिछले 3 सालों के दौरान घाटी में कुल नौ कश्मीरी पंडितों ने आतंकवादी घटनाओं में अपनी जान गंवाई है. आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में एक कश्मीरी पंडित की जान गई, तो वहीं 2021 में चार और इस साल 2022 में भी अब तक चार कश्मीरी पंडित मारे जा चुके हैं. सरकार ने अपने जवाब में बताया कि जम्मू और कश्मीर में नागरिकों के जीवन की रक्षा के लिए सरकार द्वारा कई उपाय किए गए हैं.

इन उपायों में रणनीतिक बिंदुओं पर चौबीसों घंटे नाकाबंदी, देश विरोधी तत्वों के खिलाफ कानून का सख्त प्रवर्तन सहित आतंकवादी संगठनों द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए गहन घेरा और तलाशी अभियान चलाना शामिल है. इसके अलावा उन लोगों पर निगरानी रखना जो आतंकवादियों को सहायता प्रदान करने का प्रयास करते हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करना, जम्मू-कश्मीर में कार्यरत सभी सुरक्षा बलों के बीच वास्तविक समय के आधार पर खुफिया सूचनाओं को साझा करने के साथ ही दिन और रात में एरिया डोमिनेशन और उपयुक्त तैनाती के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था करना शामिल है.

ये भी पढ़ें : शीतकालीन सत्र 2022 : लोकसभा में अतिरिक्त अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का वित्त मंत्री ने दिया जवाब

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.