लखनऊ: प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद की आपराधिक विरासत संभालने वाली शाइस्ता परवीन बीते 50 दिन से फरार है. दो नाबालिग बेटों के बाल सुधार गृह में होने, एक बेटे का एनकाउंटर और पति व देवर की हत्या के बाद भी शाइस्ता सामने नहीं आई. ऐसे में अब कहा जाने लगा है कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार किसी महिला अपराधी को खुद के एनकाउंटर का डर सता रहा है. ऐसे में लेडी डॉन शाइस्ता अब सरेंडर करने से भी सहम रही है.
दस्यु सुंदरियों और महिला डॉन को भी नहीं लगा एनकाउंटर का डरः उत्तर प्रदेश के चंबल में एक वक्त दहशत का पर्याय बनने वाली दस्यु सुंदरियां हों या फिर बबलू श्रीवास्तव की अपराधिक विरासत संभालने वाली अर्चना शर्मा या फिर पुलिस की नाक में दम भरने वाली पश्चिमी यूपी से लेकर पूर्वांचल तक कई महिला अपराधी को कभी पुलिस के एनकाउंटर का डर नहीं था. क्योंकि, वो जानती थी कि पुलिस किसी भी हाल में महिला का एनकाउंटर नहीं करेगी. लेकिन, दशकों बाद योगी सरकार में 50 हजार की इनामी लेडी डॉन शाइस्ता परवीन को एनकाउंटर का डर सता रहा है. यही वजह है कि वो अपने बेटे और पति की मौत के बाद भी सामने नहीं आई.
नाबालिग बेटों की चिंता के बाद भी सामने नहीं आई अतीक की पत्नीः पुलिस की जांच के मुताबिक, 24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड में अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन भी साजिश का हिस्सा थी. लिहाजा एक तरफ पुलिस शाइस्ता को तलाश कर रही थी, वहीं दूसरी ओर वह छिप कर अपने दो नाबालिग बेटों को ढूंढने के लिए कोर्ट में याचिकाएं दाखिल कर रही थी. तमाम दांव पेंच के बाद भी अतीक के दोनों नाबालिग बेटों को सामने नहीं लाया गया. बावजूद इसके अपने बेटों को देखने की बौखलाहट के बाद भी शाइस्ता पुलिस के सामने नहीं आई.
बेटे असद के जनाजे से दूर रही शाइस्ता परवीनः इसी दौरान अतीक अहमद को जब साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया था, तब कहा जाने लगा था कि शाइस्ता जल्द ही सरेंडर कर सकती है. लेकिन, अतीक की रिमांड मिलने और 13 अप्रैल को ही उसके फरार बेटे असद का एनकाउंटर होने के बाद भी शाइस्ता परवीन न ही बेटे के जनाजे में पहुंची और न ही सरेंडर किया. हालांकि, दावे किए जा रहे थे कि एक मां अपने बेटे को आखिरी समय देखने जरूर आएगी. अब माना जाने लगा था कि शाइस्ता परवीन अतीक के इशारे का इंतजार का रही है, जब उसे कहा जाएगा तब ही वो पुलिस या फिर कोर्ट के सामने हाजिर होगी.
पति अतीक और देवर मारा गया, फिर भी छुपी रही लेडी डॉनः असद के एनकाउंटर में ढेर होने के तीसरे दिन उसको कसारी मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया था. ऐसे में पुलिस को ये भरोसा था कि शाइस्ता परवीन देश के किसी भी कोने में हो लेकिन वो कब्रिस्तान जरूर आएगी. हालांकि वो सामने नहीं आई. 15 अप्रैल की शाम को सूचना आई कि शाइस्ता परवीन पुलिस के सामने सरेंडर करने जा रही है. लेकिन, इसी बीच कॉल्विन अस्पताल में मेडिकल चेक अप के लिए लाए जा रहे अतीक अहमद और अशरफ की हत्या कर दी गई. दोनो का अगले दिन शाम को अंतिम संस्कार किया गया और शाइस्ता अपने पति को भी आखिरी बार देखने नहीं आई. ऐसे में अब ये माना जाने लगा है कि शाइस्ता को मौत का डर है, जिससे वो अब पुलिस के सामने नहीं आएगी.
अतीक के बिखरे साम्राज्य को संभालने के लिए छुप रही शाइस्ताः पूर्व पुलिस अधिकारी ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी कहते हैं कि उन्होंने दो दशक की पुलिस सेवा में कई कुख्यात महिला अपराधियों को देखा है. उन्हें गिरफ्तारी का तो डर रहता था लेकिन, एनकाउंटर का भय कभी नहीं रहा है. क्योंकि वो जानती हैं कि किसी महिला का पुलिस एनकाउंटर नहीं करेगी. हालांकि, शाइस्ता परवीन आज की स्थिति को देखते हुए खुद को इससे अलग देख रही है. उसे लग रहा है कि एक-एक कर उसके परिवार के सदस्य जिस तरह मारे जा रहे हैं, उससे उसका भी एनकाउंटर हो जाए, इससे इंकार नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा शाइस्ता अतीक के बिखरे हुए साम्राज्य को संभालने, जेल में बंद बेटों को बाहर निकलवाने और नाबालिग बेटों को व्यवस्थित करने के लिए भी छुप रही है. ज्ञान कहते हैं कि वैसे तो बिरले ही होता है कि किसी महिला का पुलिस एनकाउंटर करे.
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