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BrahMos accidental firing : एक से अधिक अधिकारी पाए गए दोषी, मिलेगी सख्त सजा

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Published : Apr 10, 2022, 8:12 PM IST

पाकिस्तानी भूभाग में गलती से फायर हुई भारतीय वायुसेना की मिसाइल प्रकरण में जांच (Indian Air Force BrahMos inquiry) पूरी हो गई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में मिसाइल स्क्वाड्रन के एक से अधिक अधिकारी दोषी पाए गए हैं. वायुसेना मिसाइल मिस्फायर के दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेगी. बता दें कि रक्षा मंत्रालय के बयान मुताबिक नियमित रखरखाव और निरीक्षण के दौरान, ब्रह्मोस मिसाइल गलती से लॉन्च (BrahMos accidental firing IAF inquiry) हो गई थी और मिसाइल पाकिस्तान के मियां चन्नू इलाके में गिर गई थी.

BrahMos
ब्रह्मोस मिसाइल

नई दिल्ली : भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने ब्रह्मोस मिसाइल लॉन्च प्रकरण में एक महीने से भी कम समय में जांच पूरी कर ली है. दुर्घटनावश फायर हुई ब्रह्मोस मिसाइल के मामले में मिसाइल स्क्वाड्रन के एक से अधिक अधिकारियों को दोषी ठहराया गया है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक ब्रह्मोस मिस्फायर मामले में दोषियों को कड़ी सजा देने के लिए तत्परता से कार्रवाई (swift and severe punishment) की जाएगी. सूत्रों ने कहा कि रक्षा मंत्रालय को जांच समिति की रिपोर्ट के बारे में भी बता दिया गया है और अगले कुछ हफ्तों में कार्रवाई की उम्मीद है.

बता दें कि विगत 9 मार्च को दुर्घटनावश फायर हुई मिसाइल के मामले में सहायक वायु सेना संचालन (ऑफेंसिव) एयर वाइस मार्शल आरके सिन्हा (Assistant Chief of Air Staff Operations (Offensive) Air Vice Marshal RK Sinha) को जांच की जिम्मेदारी दी गई थी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद के बजट सत्र में बताया था कि पाकिस्तान के इलाके में गिरी मिसाइल गलती से फायर हुई थी. एएनआई के मुताबिक मिसाइल मिस्फायर प्रकरण में सरकारी सूत्रों ने बताया, इस घटना के लिए एक से अधिक अधिकारियों को दोषी पाया गया है. मिसाइल लॉन्च पूरी तरह से टाला जा सकने योग्य था. दोषी अधिकारियों पर त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के दौरान संबंधित अधिकारियों को मानक संचालन प्रक्रियाओं का स्पष्ट उल्लंघन का दोषी भी पाया गया.

सूत्रों ने कहा कि सरकार और भारतीय वायु सेना के शीर्ष अधिकारियों का मानना ​​है कि ब्रह्मोस मिस्फायर प्रकरण में सजा जल्द से जल्द होनी चाहिए और यह मामला लंबे समय खींचना नहीं चाहिए. गौरतलब है कि पहले कुछ मामले में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी खत्म होने के बाद भी सजा दिए जाने में देरी या ढिलाई जैसी खबरें सामने आ चुकी हैं. जांच के दौरान गलती से मिसाइल के लॉन्च होने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने में एक अधिकारी की भूमिका भी सामने आई है.

घटना की जांच कर रहे भारतीय वायुसेना के अधिकारी को घटना की जांच जल्द से जल्द पूरी करने के लिए कहा गया था क्योंकि दुर्घटना के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय की जानी थी जिससे और अधिक नुकसान हो सकता था. सूत्रों ने कहा कि भारतीय वायु सेना ने घटना को बहुत गंभीरता से लिया है और यह सुनिश्चित करने के लिए आंतरिक रूप से हर कदम उठा रही है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों. वायुसेना विभिन्न मानक संचालन प्रक्रियाओं की समीक्षा भी कर रही है. इस बात पर भी मंथन किया जा रहा है कि हथियारों के रख-रखाव को आसान और सुरक्षित बनाने के लिए किस प्रकार के बदलाव किए जाने की जरूरत है.

यह भी पढ़ें- पाकिस्तान में गिरी मिसाइल पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में दिया बयान

गौरतलब है कि मिसाइल मिस्फायर की घटना के बाद पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की थी. भारत में संसद के बजट सत्र के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आश्वासन दिया था कि भारत की मिसाइल प्रणाली बहुत विश्वसनीय और सुरक्षित है. उन्होंने कहा था कि भारतीय सेना की सुरक्षा प्रक्रियाएं और प्रोटोकॉल उच्चतम क्रम के हैं और समय-समय पर इनकी समीक्षा की जाती है. रक्षा मंत्री ने कहा था, हमारे सशस्त्र बल अच्छी तरह से प्रशिक्षित और अनुशासित हैं और ऐसी प्रणालियों को संभालने में अच्छी तरह से अनुभवी हैं.

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(एएनआई)

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