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पंजाब के पूर्व डीजीपी सैनी को राहत, सीएम अमरिंदर पर उठे सवाल

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Published : Sep 15, 2020, 6:09 PM IST

बलवंत सिंह मुलतानी के अपहरण और हत्या मामले में पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. मामले की अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी.

saini and amrinder
पूर्व डीजीपी सैनी , सीएम अमरिंदर

नई दिल्ली : पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. साथ ही पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी द्वारा 1991 में बलवंत सिंह मुलतानी की कथित हत्या के मामले में दायर याचिका पर जवाब मांगा. मामले की अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी.

मुल्तानी एक अपराधी, सैनी एक काबिल अधिकारी : मुकुल रोहतगी

न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अगुवाई वाली पीठ ने सैनी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की. याचिका में सैनी ने बलवंत सिंह मुलतानी के अपहरण और हत्या मामले में अग्रिम जमानत देने से इंकार करने के पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है. सैनी के लिए आज वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी अदालत में पेश हुए और उन्होंने कहा कि सैनी एक काबिल अधिकारी हैं. वे आतंकवाद प्रभावित इलाके में तैनात थे.

ड्यूटी के दौरान उन्हें 5 गोलियां भी लगी हैं. मुल्तानी के भागने के बाद उसके पिता ने एक याचिका दायर की थी, लेकिन वह इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि मुल्तानी एक अपराधी था और वह भाग निकला. सुप्रीम कोर्ट ने तब यह माना था कि इस मामले में सीबीआई जांच का आदेश देने के लिए कोई ठोस वजह नहीं है और इसलिए मामले को खारिज कर दिया गया था.

पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ चार्जशीट दायर करने की सजा

रोहतगी ने सवाल किया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को 10 साल बाद कैसे सुना जा सकता है? रोहतगी ने कहा कि मुल्तानी के बेटे ने अपने पिता के फरार होने के 29 साल बाद एफआईआर दर्ज कराई है. रोहतगी ने कहा कि सरकार ने सैनी के खिलाफ सिर्फ इसलिए आरोप लगाया क्योंकि उन्होंने पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को आरोपी बनाकर 2 चार्जशीट दायर किए थे.

पंजाब सरकार से कोर्ट ने पूछा, आप जल्दबाजी में सैनी की गिरफ्तारी क्यों चाहते हैं

जस्टिस अशोक भूषण ने पंजाब सरकार से सवाल किया कि आप जल्दबाजी में सैनी की गिरफ्तारी क्यों चाहते हैं, खासकर जब मामला 30 साल पुराना 1991 का है. इसका पंजाब सरकार ने यह कहते हुए जवाब दिया कि थाने के गवाहों ने पहली बार कहा कि मुल्तानी की जारी की गई तस्वीर वास्तव में मुल्तानी की नहीं थी और हाई कोर्ट ने यह भी नोट किया था कि सैनी के अमानवीय व्यवहार के कारण एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार को सैनी की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय दिया जाएगा और तब तक सैनी को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया. वर्तमान में सुमेध सिंह सैनी फरार हैं.

सैनी को पंजाब से आतंकवाद खत्म करने को मिली थी खुली छूट
साल 2012 में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने सुमेध सिंह सैनी को डीजीपी नियुक्त किया था. पंजाब में आतंकवाद के दौर में तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह ने सुमेध सिंह सैनी और उस समय डीजीपी रहे केपीएस गिल दोनों को खुली छूट दी थी, ताकि पंजाब से आतंकवाद का खात्मा हो सके. इसके बाद सुमेध सिंह पर आतंकवाद के खात्मे को लेकर कई बार कानून से बाहर जाकर काम करने के आरोप लगे थे. अपने कार्यकाल के दौरान पंजाब के मौजूदा मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के दो केस दर्ज करने वाले सैनी पहले भी उनकी तरफ से खुद को निशाने पर रखे जाने का आरोप लगाते रहे हैं.


यह है पूरा मामला
यह पूरा मामला 1990 के दशक का है, जब सुमेध सिंह सैनी चंडीगढ़ के एसएसपी थे. 1991 में उन पर एक आतंकी हमला हुआ. उस हमले में सैनी की सुरक्षा में तैनात तीन पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, वहीं सैनी खुद भी जख्मी हो गए थे. उस केस के संबंध में पुलिस ने सैनी के ऑर्डर पर पूर्व आईएएस ऑफिसर दर्शन सिंह मुल्तानी के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी को गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने उसे हिरासत में रखा और फिर बाद में कहा कि वह पुलिस की गिरफ्त से भाग गया.

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