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गहलोत बोले- पायलट कर रहे थे सरकार गिराने की साजिश, मेरे पास सबूत

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Published : Jul 15, 2020, 9:49 AM IST

Updated : Jul 15, 2020, 4:32 PM IST

sachin pilot ashok gehlot
अशोक गहलोत और सचिन पायलट

14:36 July 15

गहलोत का पायलट पर हमला

मीडिया से बातचीत के दौरान अशोक गहलोत

राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहली बार सचिन पायलट पर खुलकर हमला बोला है. जयपुर में हार्स ट्रेडिंग की जा रही थी, हमारे पास इसका सबूत है. हमारे कुछ साथी भाजपा के जाल में फंस गए. सरकार गिराने की साजिश हो रही है. उन्होंने कहा कि यहां डिप्टी सीएम खुद डील कर रहा है. सरकार के खिलाफ साजिश में डिप्टी सीएम शामिल हैं. लोग बिना मेहनत किए डिप्टी सीएम और मंत्री बन गए.

13:57 July 15

सचिन पायलट को पद से हटाने पर बोले कांग्रेस विधायक

सचिन पायलट अब भी हैं पार्टी का हिस्सा

राजस्थान में सियासी घमासान के बीच विधायक दानिश अबरार ने कांग्रेस में पायलट की वापसी पर बयान दिया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि आलाकमान का फैसला निर्णायक होता है. जो भी उनका निर्णय होगा, वो हमें मंजूर है. वहीं, पायलट खेमे को नोटिस जारी करने को लेकर अबरार ने कहा कि ये विधानसभा की रूटीन प्रोसेस है.

अबरार ने सचिन पायलट को पद से हटाने को लेकर कहा कि पिछले दिन जो भी फैसला हुआ है, उस फैसले में पायलट को पार्टी से बाहर नहीं निकाला गया है. हालांकि, उनके जो पद थे, उनसे उनको हटाया जरूर गया है. अभी भी वो पार्टी में ही हैं.

वहीं, फ्लोर टेस्ट के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजस्थान में 5 साल तक कांग्रेस सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी. हमारे पास 109 विधायक इस होटल में मौजूद हैं. 

13:53 July 15

नोटिस के मामले में बोले प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़

नोटिस के मामले में बोले राजेंद्र राठौड़

प्रदेश में चल रहे सियासी उठापटक के बीच पायलट कैंप के 19 विधायकों को मिले विधानसभा के नोटिस के मामले में सियासत गर्म है. इस मामले में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने विधानसभा सचिवालय को कांग्रेस के अंतर कलह में टूल के रूप में इस्तेमाल होने का आरोप लगाया है. 

उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अपने संसदीय जीवन में इस प्रकार के नोटिस की कार्रवाई कभी नहीं देखी है. राठौड़ ने कहा कि विधानसभा के बाहर किसी भी माननीय सदस्य के आचरण पर इस प्रकार की नोटिस की कार्रवाई होती आज तक नहीं देखी गई. बावजूद इसके हमारे विधानसभा अध्यक्ष विद्वान हैं और संसदीय ज्ञान के ज्ञाता हैं. 

13:09 July 15

व्हिप की अवहेलना को लेकर याचिका स्वीकार

व्हिप की अवहेलना को लेकर याचिका स्वीकार

प्रदेश में चल रहे सियासी संग्राम के बीच अब विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने मुख्य सचेतक महेश जोशी की ओर से लगाई गई व्हिप की अवहेलना को लेकर याचिका स्वीकार कर ली है. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर सचिन पायलट खेमे के 19 विधायकों को नोटिस जारी किया गया है. ये वही विधायक हैं जो कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नहीं आए थे.

विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी के निर्देश पर सचिव प्रवीण कुमार ने यह नोटिस मेल के जरिए जारी किए हैं. पार्टी व्हिप की अवहेलना पर जारी हुए इस नोटिस में क्या लिखा है इसका तो अब तक खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि पार्टी की बैठक में अनुपस्थित होने को लेकर इसमें जानकारी मांगी गई होगी. पार्टी व्हिप की अवहेलना साबित होने पर बागी विधायकों की सदस्यता रद्द भी की जा सकती है. 

यह विधायक नहीं शामिल हुए थे बैठक में...

राकेश पारीक, मुरारी लाल मीणा, जीआर खटाणा, इंद्राज गुर्जर, गजेंद्र सिंह शक्तावत, हरीश मीणा, दीपेंद्र सिंह शेखावत, भंवरलाल शर्मा, इंदिरा मीणा, विजेंद्र ओला, हेमाराम चौधरी, पीआर मीणा, रमेश मीणा, विश्वेंद्र सिंह, जाहिदा, रामनिवास गावड़िया, मुकेश भाकर और सुरेश मोदी के साथ ही सचिन पायलट बैठक में शामिल नहीं हुए थे.

12:03 July 15

कांग्रेस विधायक का दावा

कांग्रेस विधायक का दावा

कांग्रेस विधायक दानिश अबरार ने दावा किया है कि होटल में 109 विधायक हैं. उन्होंने कहा कि सरकार पहले भी बहुमत में थी और अब भी है.

12:01 July 15

नोटिस देने की कार्रवाई पर उठे सवाल

पायलट सहित 19 विधायकों को विधानसभा की ओर से नोटिस देने के मामले में राजेन्द्र राठौड़ ने सवाल उठाए हैं. उन्हेंने नोटिस देने को असंवैधानिक बताया है.

11:26 July 15

पायलट कैंप से बाहर आए दो विधायक

हरियाणा के मानेसर में स्थित एक होटल में कैंप कर रहे है पायलट समर्थक विधायकों में से दो विधायकों के निकलने की सूचना.

11:20 July 15

विधायकों के घर के बाहर नोटिस चस्पा

mahesh
महेश जोशी ने जारी किया पत्र

दलबदल कानून के कार्यवाही के तहत विधायकों के घर के बाहर नोटिस चस्पा. विधानसभा सचिन की ओर से जारी हुआ है नोटिस. उपखंड अधिकारी बाड़मेर ने नोटिस चस्पा किया.

10:55 July 15

कानून व्यवस्था के मद्देनजर राजस्थान में कई जगहों पर अलर्ट जारी

कानून व्यवस्था के मद्देनजर राजस्थान में कई जगहों पर अलर्ट जारी

राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान के बीच उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को पीसीसी चीफ और उप मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त करने के बाद प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. ऐसे में पायलट के समर्थकों में आक्रोश को देखते हुए गुर्जर बाहुल्य इलाकों में पुलिस के आला अफसरों की तैनाती की गई है. दौसा, सवाईमाधोपुर, टोंक, भीलवाड़ा समेत कई जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया है. इसके लिए ADG लॉ एंड ऑर्डर सौरभ श्रीवास्तव ने आदेश जारी किए हैं.

दरअसल, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके साथी मंत्रियों की बर्खास्तगी के बाद प्रदेश के गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका बनी हुई है. जिसको मद्देनजर रखते हुए प्रदेश के गुर्जर बाहुल्य जिलों में एक-एक डीआईजी स्तर के पुलिस अधिकारी और आरपीएस अधिकारी को लगाया गया है.

विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री की दौड़ में आगे होने के बावजूद भी सचिन पायलट को मुख्यमंत्री न बनाकर उप मुख्यमंत्री बनाया गया, तो दौसा में कई जगहों पर तोड़फोड़ और नेशनल हाईवे जाम कर दिया गया था. वहीं हाईवे पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया गया था. ऐसे में अब पायलट को बर्खास्त किए जाने से गहलोत सरकार को हालात बिगड़ने का डर सता रहा है.

यहां से है पायलट परिवार का गहरा रिश्ता  

गौरतलब है कि सचिन पायलट के परिवार का दौसा से गहरा संबंध रहा है. पायलट के पिता स्वर्गीय राजेश पायलट दौसा से 5 बार सांसद रहे हैं. वहीं सचिन पायलट की मां रमा पायलट भी यहां से चुनाव लड़ कर सांसद रहीं है और खुद सचिन पायलट भी दौसा से सांसद रहे हैं. साफ जाहिर है कि दौसा पायलट परिवार की कर्मभूमि रही है. जिसके चलते दौसा वासियों का पायलट परिवार से रिश्ता गहरा है.

09:43 July 15

राजस्थान सियासी संकट लाइव

नई दिल्ली : राजस्थान के उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट ने बुधवार को कहा कि वह भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं. मंगलवार को उन्हें पद से हटा दिया गया था. इसके बाद से राजस्थान में राजनीतिक अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं.

पायलट ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस को राजस्थान की सत्ता में वापस लाने के लिए बहुत मेहनत की थी. यह पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा में शामिल हो रहे हैं तो उन्होंने कहा, 'मैं भाजपा में शामिल नहीं हो रहा हूं.' पायलट का कहना था कि राजस्थान के कुछ नेता इन अफवाहों को हवा दे रहे हैं कि मैं भाजपा में शामिल होने जा रहा हूं, जबकि यह सच नहीं है. 

दोनों प्रमुख पदों से हटाए जाने के बाद पायलट ने पहली बार सार्वजनिक रूप से इतनी विस्तृत टिप्पणी की है. माना जा रहा है कि वह जल्द ही अपने अगले कदम के बारे में कोई निर्णय करेंगे.

पद से हटाए जाने पर सचिन पायलट ने कहा कि उन्होंने कोई बड़ी मांग नहीं रखी थी. पायलट ने कहा, 'मैं नाराज नहीं हूं. मैं किसी विशेष शक्ति या विशेषाधिकार की मांग नहीं कर रहा हूं. मैं बस इतना चाहता था कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने चुनावों में जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करने की दिशा में काम किया जाए. हमने वसुंधरा राजे सरकार के अवैध खनन पट्टों के खिलाफ एक अभियान चलाया, ताकि तत्कालीन बीजेपी सरकार को उन आवंटन को रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़े. लेकिन सत्ता में आने के बाद गहलोत जी ने कुछ नहीं किया, बल्कि उसी रास्ते पर चले.' 

राजस्थान में चले पॉलिटिकल ड्रामे में सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार शाम 7:30 बजे मुख्यमंत्री निवास पर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई. इसके बाद कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक के बाद सभी मंत्री बसों में बैठकर होटल के लिए रवाना हो गए. बस में फ्रंट सीट पर नवनियुक्त प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा नजर आए. इस दौरान उन्होंने विक्ट्री चिन्ह भी दिखाया. सीएम गहलोत बस में नहीं दिखे. 

गहलोत गुट के दावे के अनुसार बैठक में सभी मंत्री मौजूद रहे. बैठक शुरू होते ही सबसे पहले गोविंद सिंह डोटासरा को बधाई दी गई. कैबिनेट के बाद मंत्री परिषद की बैठक हुई, जिसमें मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा के अलावा भविष्य में सरकार के रोडमैप पर मंथन किया गया. सीएम आवास पर हुई इस बैठक में मंत्रिमंडल को लेकर बड़ा फैसला किया गया है. लेकिन बैठक में क्या कुछ फैसला हुआ, इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आई है.

Last Updated : Jul 15, 2020, 4:32 PM IST
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