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भारतीय इतिहास कांग्रेस में आरिफ मोहम्मद खान के भाषण का विरोध

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Published : Dec 28, 2019, 10:22 PM IST

भारतीय इतिहास कांग्रेस (आईएचसी) के 80वें अधिवेशन का उद्घाटन के लिए एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को विरोध का सामना करना पड़ा.

आरिफ मोहम्मद खान और इरफान हबीब
आरिफ मोहम्मद खान और इरफान हबीब

तिरुवनंतपुरम : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को यहां आयोजित भारतीय इतिहास कांग्रेस में शनिवार को भाषण के दौरान अप्रत्याशित रूप से कुछ प्रतिनिधियों के विरोध का सामना करना पड़ा.
घटना कन्नूर विश्वविद्यालय में हुई, जहां राज्यपाल भारतीय इतिहास कांग्रेस (आईएचसी) के 80वें अधिवेशन का उद्घाटन कर रहे थे.

आरिफ मोहम्मद खान का विरोध

समारोह के मुख्य अतिथि खान ने जब संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के बारे में बोलना शुरू किया तब प्रेक्षागृह में आगे की पंक्ति में बैठे कुछ प्रतिनिधियों ने उनका विरोध किया. भाषण के दौरान मशहूर इतिहासकार इरफान हबीब ने उनके भाषण के दौरान कई बार बाधा डाली.

इरफान हबीब ने राज्यपाल को रोका
इरफान हबीब ने राज्यपाल को रोका

केरल के गवर्नर के हैंडल से पोस्ट किए गए ट्वीट के अनुसार, हबीब ने खान पर मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद के हवाले से आपत्ति जताई और चिल्लाया कि उन्हें नाथूराम गोडसे को उद्धृत करना चाहिए.

इस पर खान ने कहा, 'आपको विरोध का पूरा अधिकार है, लेकिन आप मुझे चुप नहीं करा सकते.'

उन्होंने यह भी कहा, 'जब आप चर्चा और विमर्श के लिए दरवाजे बंद कर देते हैं, तब आप हिंसा की संस्कृति को प्रोत्साहित करते हैं.'

दूसरे राज्यों के विश्वविद्यालयों से आए कुछ छात्रों ने तख्तियां लेकर नारे लगाए, जिन्हें पुलिस ने हटा दिया.

खान का भाषण समाप्त होने के बाद कुछ प्रतिनिधियों ने 'केरल के राज्यपाल शर्म करो' के नारे भी लगाए.

पढ़ें- असम को आरएसएस और नागपुर नहीं चलाएगा : राहुल गांधी

बाद में राज्यपाल ने संवाददाताओं से कहा कि वह भाषण तैयार कर ले आए थे और इसे पढ़ने जा रहे थे और वह प्रदर्शनों पर नहीं बोलते.

बहरहाल, कुछ वक्ताओं ने सीएए के प्रदर्शनों का जिक्र किया जिससे वह जवाब देने के लिए बाध्य हो गए.

राज्यपाल ने कहा, 'मैं इस मुद्दे पर नहीं बोलता अगर इसे नहीं उठाया जाता. चूंकि आपने इसे उठाया, आप राजनीतिक बयान दे रहे हैं. मैंने संविधान की रक्षा और इसे बचाने की शपथ ली है.

पुलिस ने चार छात्र प्रतिनिधियों को कार्यक्रम स्थल से हटा दिया लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया.

घटना पर चिंता जताते हुए भारतीय इतिहास कांग्रेस के सचिव ने कहा, 'कुछ प्रतिनिधि शांतिपूर्ण तरीके से तख्तियां लेकर खड़े थे. उन्हें पुलिस ने गलत तरीके से भगाया.'

जेएनयू की प्रतिनिधि मर्सी ने कहा कि उनका राज्य असम जल रहा है.

कार्यक्रम के लिए राज्यपाल के पहुंचते ही कन्नूर में उन्हें काले झंडे दिखाने वाले केरल कांग्रेस स्टूडेंट्स यूनियन और यूथ कांग्रेस के 12 समर्थकों और मुस्लिम स्टूडेंट्स फ्रंट के पांच कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.

सीएए को लेकर चल रहे प्रदर्शन के लिए पिछले कुछ दिनों से खान विरोध का सामना कर रहे हैं.

इस बीच भाजपा के महासचिव एम. टी. रमेश ने राज्यपाल के खिलाफ प्रदर्शन को सरकार प्रायोजित करार दिया.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि विस्तृत जांच की जरूरत है और सुरक्षा में ढिलाई बरती गई.

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