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हरियाणा, महाराष्ट्र में थमा चुनाव प्रचार, 21 अक्टूबर को होगी वोटिंग

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Published : Oct 19, 2019, 9:34 PM IST

Updated : Oct 19, 2019, 11:27 PM IST

महाराष्ट्र की 288 और हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए 21 अक्टूबर को मतदान होगा और 24 को नतीजे आएंगे. इसके अलावा देश के अलग-अलग राज्यों में 64 विधानसभा सीटों पर भी उसी दिन उपचुनाव होने हैं. पढ़ें पूरी खबर...

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली : महाराष्ट्र-हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार शाम पांच बजे चुनाव प्रचार थम गया. महाराष्ट्र विधानसभा की 288 जबकि हरियाणा में 90 सीटें हैं. इसके अलावा देश के अलग-अलग राज्यों में 64 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं.

21 अक्टूबर को महाराष्ट्र व हरियाणा विधानसभाओं के लिए मतदान होगा. दूसरी तरफ यूपी की 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 110 उम्मीदवार मैदान में हैं.

हरियाणा की 90 सीटों के लिए मतदान
हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए 21 अक्टूबर को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक वोटिंग होगी. राज्य की 90 सीटों से 1168 उम्मीद्वार मैदान में हैं. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में इस बार 70 पार का नारा देकर सूबे में विपक्ष को चुनौती दे डाली है.

महाराष्ट्र की 288 सीटों के लिए मतदान होगा
महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए 21 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. इस राज्य में कुल 3237 उम्मीद्वार चुनाव मैदान में हैं. बता दें कि इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन कर सत्ता में वापसी का मन बनाया है. दूसरी तरफ कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन बीजेपी को पछाड़कर सत्ता में वापस आने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.

17 राज्यों की 64 सीटों पर उपचुनाव होंगे
महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के साथ-साथ 17 राज्यों की 64 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव कराए जाएंगे. इनमें उत्तर प्रदेश की 11, कर्नाटक की 15 , केरल और बिहार की पांच-पांच, गुजरात, असम और पंजाब की चार-चार, सिक्किम की तीन, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु और राजस्थान की दो-दो और अरुणाचल प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, मेघालय, ओडिशा और पुडुचेरी की एक-एक सीटें शामिल हैं.

इन सभी सीटों के लिए 21 अक्टूबर को मतदान होगा. आज शाम 6 बजे से चुनाव प्रचार थम गया है. 24 अक्टूबर को चुनाव के नतीजें आएंगे.

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के लिए शनिवार शाम पांच बजे चुनाव प्रचार खत्म हो गया है. चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में हर राजनीतिक दल ने अपनी पूरी ताकत प्रचार में झोंक दी. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने अपने केंद्रीय नेतृत्व के साथ धुंआधार प्रचार किया, तो कांग्रेस ने भी अंतिम दिनों में अंधरूनी कलह को भूलते हुए ताबड़तोड़ रैलियां की.

पीएम मोदी ने कितनी रैलियां की?
प्रधानमंत्री मोदी बीजेपी स्टार प्रचारक हैं. उन्होंने अपनी चुनावी रैली की शुरुआत बल्लभगढ़ से की. राजनीतिक पंडितों के मुताबिक पीएम मोदी के हरियाणा आते ही सियासी समीकरण बदलने लगे. पीएम के आने से पहले विधानसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दों को ज्यादा अहमियत मिली थी, लेकिन उनके आते ही मुद्दे राष्ट्रीय हो गए.

पीएम मोदी ने हरियाणा में सात विशाल रैलियों को संबोधित किया. बल्लभगढ़ में पीएम की रैली से दलित वोटर्स को साधने की कोशिश की गई. पीएम ने इसके बाद चरखी दादरी और कुरुक्षेत्र में रैली को संबोधित किया. पीएम ने यहां राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. पीएम मोदी ने इसके बाद गोहाना (सोनीपत) और हिसार में जनसभा को संबोधित किया. पीएम ने हिसार में सरकार की बड़ी योजना का जिक्र किया. पीएम ने कहा था कि पानी के लिए सरकार साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है.

इसके बाद पीएम मोदी ने 19 अक्टूबर को ताऊ देवी लाल के गढ़ यानी ऐलनाबाद (सिरसा) में चुनावी रैली को संबोधित किया. पीएम ने यहां पूर्व सरकारों को घेरते हुए कहा कि पहले खर्ची पर्ची का खेल चलता था जिसे बीजेपी सरकार ने बंद किया.

इसके बाद पीएम मोदी ने अहीरवाल क्षेत्र यानी रेवाड़ी में विशाल जनसभा को संबोधित किया. माना जा रहा है कि पीएम की ये रैली विधानसभा चुनाव में काफी असर डालेगी. बता दें कि इस क्षेत्र में राव इंद्रजीत सिंह का खासा प्रभाव माना जाता है. जो फिलहाल में पार्टी से नाराज दिखाई पड़ रहे हैं. ऐसे में पीएम मोदी की अहीरवाल बेल्ट में रैली बीजेपी के लिए कामयाबी साबित हो सकती है.

कांग्रेस के लिए राहुल गांधी ने संभालो मोर्चा
कांग्रेस ने अपने केंद्रीय नेतृत्व से राहुल गांधी को विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए उतारा. राहुल गांधी के आने से हरियाणा कांग्रेस में एक नई ऊर्जा देखने को मिली. जो कांग्रेस अपनी अंधरूनी कलह के चलते बयानबाजी में व्यस्थ थी वहीं राहुल गांधी के आते ही कांग्रेस ने भी चुनाव प्रचार में तेजी की.

राहुल गांधी ने अपने पहली जनसभा नूंह विधानसभा क्षेत्र में की. राहुल गांधी अपने चुनाव प्रचार में सीधे तौर पर पीएम मोदी पर हमलावर नजर आए. राहुल गांधी ने अपनी जनसभा में स्थानीय मुद्दों की बजाय राष्ट्रीय मुद्दों पर पीएम मोदी को घेरा. राहुल गांधी ने बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था, गरीबी जैसे अनेक मुद्दों को लेकर पीएम मोदी को कटघरे में खड़ा किया.

राहुल गांधी ने अपनी दूसरी और आखिरी रैली महेंद्रगढ़ में की. राहुल गांधी की ये रैली बिल्कुल आखिरी समय पर तय की गई. महेंद्रगढ़ सोनिया गांधी को आना था, लेकिन अंतिम समय पर उनती तबीयत सही नहीं रही और राहुल गांधी ने आकर मोर्चा संभाला. राहुल गांधी ने यहां भी मोदी को बेरोजागारी के मुद्दे पर घेरा. राहुल गांधी ने कहा कि किसान आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन सरकार अमीरों का कर्जा माफ करने में लगी है.

भूपेंद्र हुड्डा ने संभाली हरियाणा कांग्रेस की कमान

प्रदेश में कांग्रेस ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ही सबसे बड़े चेहरा बनाया. उनके इर्द-गिर्द ही पूरा प्रचार-प्रसार घूमा. भूपेंद्र हुड्डा रोजाना 12 से 14 जनसभाएं अलग-अलग हलकों में की. उन्होंने कांग्रेस की सत्ता वापसी के लिए पूरी ताकत लगा दी है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपना फोकस जीटी रोड बेल्ट, दक्षिण हरियाणा और मध्य हरियाणा पर रखा.

सैलजा और दीपेंद्र भी डटे
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा और पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भी रोजाना दस से बारह जनसभाएं अलग-अलग विधानसभा में की. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते सैलजा ने हर विधानसभा क्षेत्र में पहुंचने की कोशिश की. सिरसा व अंबाला से वो सांसद भी रह चुकी हैं, इसलिए दोनों ही लोकसभा क्षेत्रों में उनका अच्छा जनाधार है. वहीं दीपेंद्र हुड्डा ने कांग्रेस उम्मीदवारों के समर्थन में कई जनसभाएं की.

मोदी के मुकाबले राहुल गांधी दिखे कमजोर
प्रधानमंत्री मोदी की हरियाणा में सिर्फ 4 रैलियां प्रस्तावित थी, लेकिन पीएम मोदी ने हरियाणा में 7 विशाल रैलियों को संबोधित किया. वहीं इस मुकाबले में कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व पीछे दिखाई दिया. राहुल गांधी ने हरियाणा में महज दो रैलियों को संबोधित किया. वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक भी रैली नहीं की. अब इसका खामयाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा या नहीं ये तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे.

अमित शाह और राजनाथ सिंह
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हरियाणा में कई जनसभाओं को संबोधित किया. अमित शाह ने हरियाणा में कुल 5 रैलियों को संबोधित किया. वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रदेश में 9 रैलियों को संबोधित किया. दोनों ही नेताओं ने कांग्रेस को 370 के मुद्दे पर घेरा और कांग्रेस को राष्ट्रविरोधी विचारधारा वाला घोषित किया.

बीजेपी के दिग्गजों ने किया प्रचार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बीजेपी ने सभी दिग्गज नेताओं को फील्ड में उतारा, ताकि चुनावी रण को फतह किया जा सके. गृह मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने हरियाणा में ताबड़तोड़ रैलियां की. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मैदान में डटे रहे.

परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत, केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी, प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र चौधरी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हिमाचल के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, सांसद सन्नी देओल, हंसराज हंस, पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत, कृष्णपाल गुर्जर और रतनलाल कटारिया ने बीजेपी के लिए जमकर प्रचार किया.

हरियाणा चुनाव कार्यक्रम
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 21 अक्टूबर को मतदान होगा. चुनाव परिणाम 24 अक्टूबर को आएंगे. 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल दो नवंबर को खत्म हो रहा है. विधानसभा चुनाव में 1.82 करोड़ मतदाता मतदान करेंगे.

उप्र विधानसभा की 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होगा

उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए जारी चुनाव प्रचार शनिवार की शाम को समाप्त हो गया. आखिरी दिन सभी सीटों पर प्रत्याशियों ने रोड शो, रैलियां कर जनता से अपने पक्ष में मतदान की अपील की.

सोमवार 21 अक्टूबर को इन सीटों पर मतदान होगा. जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है उनमें गंगोह, रामपुर, इगलास :सुरक्षित:, लखनऊ कैण्ट, गोविन्दनगर, मानिकपुर, प्रतापगढ, जैदपुर जलालपुर, बलहा :एससी: और घोसी शामिल हैं .

उपचुनाव में चतुष्कोणीय मुकाबले की उम्मीद है क्योंकि भाजपा, बसपा, सपा और कांग्रेस ने सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. 11 सीटों पर कुल 110 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. सबसे अधिक 13 प्रत्याशी लखनउ कैण्ट और जलालपुर सीटों पर हैं . घोसी में 12 उम्मीदवार मैदान में हैं जबकि गंगोह, प्रतापगढ और बलहा में ग्यारह ग्यारह प्रत्याशी हैं . गोविन्दनगर और मानिकपुर में नौ-नौ, रामपुर, इगलास और जैदपुर में सात सात प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं .

जिन 11 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें से आठ पर भाजपा का कब्जा था . प्रतापगढ सीट पर भाजपा की सहयोगी अपना दल :सु: जीती थी . जबकि रामपुर और जलालपुर :आंबेडकरनगर: सीटों पर क्रमश: सपा और बसपा ने जीत दर्ज की थी .

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Last Updated : Oct 19, 2019, 11:27 PM IST
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