गुवाहाटी : असम में ब्रह्मपुत्र, बराक एवं उनकी सहायक नदियों में बाढ़ की स्थिति मंगलवार को भी गंभीर बनी रही. राज्य में इस प्राकृतिक आपदा के कारण सात और लोगों की जान चली गई एवं करीब 55 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मौत के नए मामलों के बाद इस साल प्राकृतिक आपदा के कारण इस साल 89 लोग जान गंवा चुके हैं. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बाढ़ प्रभावित नलबाड़ी और कामरुप जिलों में राहत शिविरों का दौरा किया. उन्होंने कहा कि जल्द ही राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी.
-
This is That Time of the year whem some of us tweet about Terrible Flood situation in Assam. The Ritual of Devastating Flood has hit Assam this year as well. It is Embarrassing and Tragic for us Assamese people to cry for help every year. 75 years of Shame! pic.twitter.com/mnsBy3NCOo
— Adil hussain (@_AdilHussain) June 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">This is That Time of the year whem some of us tweet about Terrible Flood situation in Assam. The Ritual of Devastating Flood has hit Assam this year as well. It is Embarrassing and Tragic for us Assamese people to cry for help every year. 75 years of Shame! pic.twitter.com/mnsBy3NCOo
— Adil hussain (@_AdilHussain) June 17, 2022This is That Time of the year whem some of us tweet about Terrible Flood situation in Assam. The Ritual of Devastating Flood has hit Assam this year as well. It is Embarrassing and Tragic for us Assamese people to cry for help every year. 75 years of Shame! pic.twitter.com/mnsBy3NCOo
— Adil hussain (@_AdilHussain) June 17, 2022
पढ़ें: असम में बाढ़ का दूसरा चरण: बाढ़ और भूस्खलन में तीन लोगों की मौत
अधिकारियों के अनुसार, भुवनेश्वर से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मी बचाव अभियान में मदद के लिए असम भेजे गये हैं. बराक घाटी में करीमगंज और कचार जिलों में बराक एवं कुशियारा नदियों का जलस्तर बढ़ते जाने से स्थिति गंभीर बनी हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीआरएफ की चार इकाइयां बचाव अभियान में मदद के लिए भुवनेश्वर से सिलचर भेजी गई है. उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ की चार इकाइयां यानी कुल 105 कर्मी बराक घाटी में बचाव अभियान चलाने के लिए सिलचर भेजे गये हैं. उन्होंने इस 'त्वरित मदद' के लिए गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया.
पढ़ें: असम में बाढ़ से नौ व्यक्तियों की मौत, लगभग 42 लाख लोग प्रभावित
कचार में 506 गांव के 2.16 लाख लोग और करीमगंज में 454 गांव के 1.47 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. राज्य में 36 में से 32 जिलों में करीब 48 लाख लोग बाढ़ की इस दूसरी लहर से बेहाल हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, राज्य के 35 में से 32 जिलों के 55,42,053 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. बारपेटा सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां 12.51 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. लगातार बारिश के कारण आयी बाढ़ के चलते 2.62 लाख लोगों ने 862 राहत शिविरों में शरण ली है. राहत कार्य में लगी एजेंसियों ने पिछले 24 घंटे में 11,292 लोगों एवं 27,086 मवेशियों को बाढ़ वाले क्षेत्रों से बाहर निकाला.
पढ़ें: असम : 32 जिलों में 31 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित, 25 की मौत, 8 अब भी लापता
केंद्रीय जल आयोग के बुलेटिन के अनुसार, नगांव जिले के कामपुर में कोपिली नदी और निमाटिघाट, तेजपुर, गुवाहाटी, कामरूप, ग्वालपाड़ा और धुबरी में ब्रह्मपुत्र नदी तथा पुथिमारी, पागलडिया, बेकी, बराक, कुशियारा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बारपेटा, कचार, दारांग, ग्वालपाड़ा, कामरूप (मेट्रो) और करीमगंज के शहरी इलाकों में भी बाढ़ की खबर है तथा कामरूप एवं करीमगंज में दिन में भूस्खलन हुआ. कुल 1,13,485.37 हेक्टयर क्षेत्र में लगी फसल एवं 33,84,326 जानवरों पर बाढ़ का असर पड़ा है. दो तटबंध टूट गये तथा 316 सड़कें एवं 20 पुल क्षतिग्रस्त हो गये.