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ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में 7 मुकदमों की अब एक जगह होगी सुनवाई, जानिए कौन से हैं ये मामले

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Published : Apr 17, 2023, 6:06 PM IST

वाराणसी न्यायालय ने सोमवार को ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में 7 मुकदमों की सुनवाई एक जगह करने का फैसला सुनाया. इससे पहले मामले में ट्रांसफर एप्लीकेशन का आदेश 7 बार टल चुका है.

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में सात मुकदमों की एक जगह होगी सुनवाई.
ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में सात मुकदमों की एक जगह होगी सुनवाई.

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में सात मुकदमों की एक जगह होगी सुनवाई.

वाराणसी : ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले को लेकर अलग-अलग न्यायालय में सुनवाई चल रही है. इनमें वाराणसी कोर्ट ने सबसे महत्वपूर्ण सात अलग-अलग मुकदमों को एक ही जगह सुनने का फैसला सुनाया. जिला जज न्यायालय ने लंबे वक्त से चल रही सुनवाई के बाद आज निर्णय सुनाया. सात मुकदमों को एक ही जगह सुनने की याचिका को स्वीकार करते हुए मामले से जुड़ी सभी फाइलों को कोर्ट में तलब किया गया है. सभी मुकदमों की फाइलों का अध्ययन करने के बाद आदेश जारी किया जाएगा.

वादी पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि बहुचर्चित ज्ञानवापी केस से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई एक साथ होगी या नहीं, इस पर सोमवार को कोर्ट का आदेश आया. बहस पूरी होने के बाद 7 बार इस मामले को लेकर सुनवाई टल चुकी है. कभी वकीलों की हड़ताल तो कभी न्यायालय में कार्य न होने की वजह से आदेश जारी नहीं हो पा रहा था, लेकिन आज सभी मामलों की सुनवाई एक साथ किए जाने की मांग वाली याचिकाओं पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की तरफ से आदेश जारी किया गया.

बता दें कि कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पत्रावली सुरक्षित कर ली थी. फैसला सुनाने से पहले एक मार्च, फिर 13 मार्च की तिथि नियत की थी. हालांकि 13 मार्च को भी आदेश नहीं आ सका था. उस दिन अदालत ने आदेश के लिए 20 मार्च की तिथि तय की थी. इसके बाद कोर्ट ने 22 मार्च और फिर तिथि को आगे बढ़ाते हुए 14 अप्रैल कर दी थी. इसके बाद 17 अप्रैल को प्रकरण में आदेश जारी करने की तिथि निर्धारित की गई थी.

वादी पक्ष के वकील ने बताया कि वादी पक्ष की सीता साहू, रेखा पाठक, लक्ष्मी देवी और मंजू व्यास की तरफ से सात अलग-अलग मुकदमों को एक ही कोर्ट में सुनने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था. कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की. हालांकि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, विश्व वैदिक सनातन संघ समेत कई अन्य लोग इसके विरोध में हैं. वे इस प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए अलग-अलग सुनवाई का ही समर्थन कर रहे थे. इसे लेकर लगातार कोर्ट में उनकी तरफ से दलीलें भी पेश की गईं थीं.

इन सात मुकदमों की एक जगह होगी सुनवाई

1-वाद नंबर 839/2021, न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी, वादी लार्ड श्री आदि विशेश्वर, शीतला मंदिर महंत श्री शिवप्रसाद पाण्डेय आदि.

2-वाद नंबर 840/2021, न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी, वादी श्री नंदी महाराज व श्री सितेन्द चौधरी आदि.

3-वाद नंबर 350/2021, न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी, वादी मां श्रृंगार गौरी, रंजना अग्निहोत्री आदि.

4- वाद नंबर 245/2021 न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी, वादी सत्यम त्रिपाठी आदि.

5-वाद नंबर 358/2021, न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी, वादी मां गंगा व सुरेश चौव्हांण आदि.

6-वाद नंबर 761/2021, न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी वादिनी साध्वी पूर्णम्बा व देवी शरदम्बा.

7- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का मुकदमा सिविल जज सीनियर डिवीजन वाराणसी कोर्ट में है, जिसमें कथित ज्ञानवापी मस्जिद में कमीशन के सर्वेक्षण के दौरान शिवलिंग प्रकट हुआ था. इसमें निरंतर पूजा का अधिकार मांगा गया.

ये है मामला : पांच महिलाओं की ओर से अगस्त 2021 में श्रृंगार गौरी में पूजन और विग्रहों की सुरक्षा के लिए याचिका डाली गई थी. सिविल जज सीनियर डिविजन ने इसका संज्ञान लेते हुए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया था. सर्वे कराने का आदेश भी दिया था. सर्वे के बाद हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया गया कि वहां शिवलिंग मिला था. जबकि मुस्लिम पक्ष ने इसे खारिज कर दिया था. उनका कहना था कि वह एक एक फव्वारा है. इसके बाद हिंदू पक्ष ने विवादित स्थल को सील करने की मांग की थी. सेशन कोर्ट ने इसके आदेश भी दे दिए थे. इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट चला गया था.

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