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Sawan 2023: अबकी बार 5 महीने का होगा चतुर्मास और 2 माह का सावन, 19 साल बाद बना है संयोग

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Published : Jun 27, 2023, 12:42 PM IST

19 साल बाद बने संयोग से अबकी बार 5 महीने का चतुर्मास और 2 महीने का सावन होने जा रहा है. इसके पीछे कुछ खास कारण हैं, जिन्हें आप क्लिक करके जान सकते हैं....

5 months Chaturmas and 2 months Sawan in this calendar year
चतुर्मास और सावन

हर साल भगवान भोले के भक्तों के लिए सावन का महीना विशेष पूजा अर्चना का मौका लेकर आता है. इस माह में शिव की भक्ति चरमोत्कर्ष पर होती है. अबकी बार सावन 2023 एक नहीं बल्कि दो महीने तक चलने वाला है, जिसके कारण सावन के महीने को एक नहीं बल्कि दो चरणों में मनाया जाने वाला है.

हिंदू धर्म के पंचांग के अनुसार इस बार सावन का महीना करीब 2 महीने तक रहेगा और इस बार सावन के महीने में कुल 8 सोमवार पड़ने वाले हैं. सावन के महीने में यह दुर्लभ संयोग 19 वर्षों में देखने को मिल रहा है.

इस बार सावन का पहला पक्ष के 13 दिन यानी 4 जुलाई से 17 जुलाई तक चलेगा. इसके बाद 18 जुलाई से 16 अगस्त तक सावन अधिकमास रहेगा, जिससे अबकी बार 5 महीने का चतुर्मास और 2 माह का सावन होगा.

5 months Chaturmas and 2 months Sawan in this calendar year
देवशयनी एकादशी 2023

अबकी बार देवशयनी एकादशी 29 जून 2023 को मनायी जाएगी और इसी दिन से चतुर्मास का शुभारंभ हो जाएगा. यह माह 23 नवंबर 2023 तक चलने वाला है. इसके बाद 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी मनायी जाएगी., तब जाकर चतुर्मास खत्म होगा. उसके उपरांत ही देशभर में मांगलिक कार्यों का शुभारंभ होगा.

हिंदू पंचांग से मिली जानकारी के अनुसार, इस बार सावन का महीना 4 जुलाई 2023 से शुरू होगा और 31 अगस्त 2023 तक चलेगा. इस बार भक्तों को भगवान शिव की उपासना के लिए कुल 58 दिनों तक पूजा का खास मौका मिलने जा रहा है. ऐसा शुभ संयोग शिव भक्तों को 19 साल बाद मिलने जा रहा है.

5 months Chaturmas and 2 months Sawan in this calendar year
सावन में होंगे 8 सोमवार

वैदिक कैलेंडर को मानने वाले लोगों की गणना के अनुसार हर तीसरे वर्ष एक अतिरिक्त महीना जुड़ता है. जिससे हर तीसरे साल अधिक मास होने के कारण साल 12 महीनों की बजाय 13 महीने का हो जाता है. अबकी बार यह अधिमास सावन के महीने में जुड़ रहा है, जिससे इस साल सावन दो महीने तक चलेगा. अबकी बार यह सावन चंद्र मास और उससे जुड़े उत्सवों की दृष्टि से काफी खास माना जा रहा है. इस दौरान विशेष आयोजन भी किए जाएंगे.

आपको बता दें कि वैदिक गणना वाले पंचांग के अनुसार महीने की गिनती सौर मास और चंद्र मास के आधार पर की जाती है. इसके अनुसार चंद्रमास 354 दिनों का होता है, जबकि सौर मास 365 दिन का होता है. ऐसी स्थिति में हर साल 11 दिनों का अंतर बनता जाता है. इससे 3 साल के अंदर यह अंतर 33 दिनों का हो जाता है. इसीलिए इस बराबर करने के लिए अधिकमास आता है. अबकी बार ये अधिकमास सावन के महीने में जुड़ रहा है, जिससे सावन का महीना एक के बजाय दो महीने तक चलेगा. जिसके कारण भोलेनाथ के भक्तों को उनकी पूजा व जलाभिषेक के लिए कुल 8 सोमवार मिलेंगे.

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