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SPECIAL : परंपरागत खेती छोड़ आदिवासी युवक ने शुरू की ड्रैगन फ्रूट्स की खेती, ऐसे हासिल किया मुकाम

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Published : Aug 14, 2023, 9:43 AM IST

Updated : Aug 14, 2023, 11:07 AM IST

कहते हैं जहां चाह वहीं राह होती है. कुछ ऐसा की कर दिखाया है उदयपुर के रहने वाले चिराग ने. जिन्होंने पथरीली और पहाड़ी जमीन पर ड्रैगन फ्रुट की खेती करके लोगों को अपना लोहा मनवाया है.

chirag with drag fruits crop
चिराग खेत में लगे ड्रैगन फ्रूटस के साथ

परंपरागत खेती छोड़ चिराग ने शुरू की ड्रैगन फ्रूटस की खेती

उदयपुर. कहते हैं, कुछ कर गुजरने के हौसले अगर बुलंद हो तो कामयाबी जरूर मिलती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया दक्षिणी राजस्थान के एक युवा ने जिसने परंपरागत खेती को छोड़ते हुए आधुनिक खेती में हाथ आजमाएं. जिसमें उन्हें सफलता भी मिलती हुई नजर आ रही है. उदयपुर के आदिवासी सुदूर इलाके खेरवाड़ा के रहने वाले चिराग ने कड़ी मेहनत और परिश्रम के दम पर ड्रैगन फ्रूट्स की खेती कर रहे हैं. भले ही शुरुआत में उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति और बुलंद इरादों के बल पर अब वो आधुनिक खेती कर रहे हैं.

chirag taking care of dragon fruits in his farm
चिराग ड्रैगन फ्रूटस की कटिंग करते हुए

लकीर से हटकर की आधुनिक खेती : ग्राम पंचायत खानमीन पंचायत समिती खेरवाड़ा जिला उदयपुर के रहने चिराग एक छोटे से गांव से आते हैं. लेकिन उनके सपने इतने बड़े हैं कि उन्होंने इस आदिवासी इलाके में भी ड्रैगन फूट की खेती करना शुरू कर दिया है. इस युवा ने बचपन से ही अपने माता पिता को परंपरागत खेती करते हुए देखा. जिसमें मुनाफा कम और परिश्रम ज्यादा लगता था. साल 2020 में कोरोना महामारी के दौर में जब पूरी दुनिया इसकी चपेट से गुजर रही थी और भारत में भी लॉकडाउन का दौर था. ऐसे में चिराग ने खेती में परंपरागत खेती को छोड़ आधुनिक खेती की ओर बढ़ने का फैसला किया. चिराग का नया करने की ओर रूझान बढ़ा और उन्होने ड्रैगन फ्रुट की खेती करने का निर्णय लिया. उनके सामने एक समस्या यह थी कि ड्रैगन फ्रुट की खेती कैसे की जाती है. इसलिए वे ड्रैगन फ्रुट की खेती की पुरी जानकारी लेने के लिए उत्तर प्रदेश के कौशांबी गए. जहां उन्होंने इस खेती से जुड़े हुए प्रगतिशील किसानों से पूरी जानकारी ली. कई दिनों तक वहां रहकर उसने इस खेती की पुरी जानकारी इकट्ठा करते रहे.

Chirag taking care of dragon fruits
चिराग ड्रैगन फ्रूटस की देखभाल करते हुए

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गुजरात जाकर लिया ड्रैगन फ्रूट की खेती परीक्षण : उत्तर प्रदेश में किसानों से इस खेती की जानकारी लेने के साथ ही चिराग ने गुजरात में दलजीतपुरा, बडोदरा गुजरात में ड्रैगन फ्रुट की खेती और उसके मोडेल के बारे में पुरा प्रशिक्षण लिया. ऐसे में जब चिराग को लगा कि वह भी ड्रैगन फ्रूट्स की खेती को अपने इलाके में जाकर कर सकते हैं. लेकिन गांव में पथरीली जमीन होने के कारण उन्हें समस्या का भी सामना करना पड़ रहा था. गुजरात से अपने गांव वापस लौटकर उन्होंने साल 2020 में 10 हेक्टेयर जमीन पर ड्रैगन फ्रुट के 200 पौधों के साथ इसकी खेती की शुरुआत की और सफलता पाई. इस समय पौधे पर फुल व फल लगना शुरू हो चुके तथा पौधे स्वस्थ हैं. चिराग को मिली सफलता के बाद अब वह इस फसल को 20 हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रैगन फ्रुट लगाने की तैयारी कर रहै है. अब खेती में उन्हें अच्छी खासी कमाई भी मिलनी शुरू हो गई है.

Chirag taking care of dragon fruits
चिराग की खेत में लगे ड्रैगन फ्रूटस की फसल

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चिराग ने बताया कि वह जिस इलाके में रहते हैं. वह पथरीला और पहाड़ी क्षेत्र है. बंजर उस गांव में मांइसों की खदान है जिस पर खेती करना बहुत ही मुश्किल है. ऐसे में चिराग ने अपनी मेहनत और लगन से ड्रेगन फ्रुट की खेती कर उस गांव में एक नया नाम प्राप्त किया. बचपन से ही वह अपने माता-पिता को परंपरागत खेती करते हुए देखा करते थे. जिसमें काफी मेहनत करने के बाद भी मुनाफा बहुत कम मिलता था. इस दौरान उसने उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में इस फसल के बारे में किसानों से जानकारी ली.

Chirag taking care of dragon fruits
चिराग खेत में खड़ी ड्रैगन फ्रूटस की फसल को दिखाते हुए

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इसके अलावा चिराग ने मशरूम की खेती के लिए भी प्रशिक्षण लिया. प्रशिक्षित होने के बाद ओएस्टर व किंग ओएस्टर किस्म के मशरूम की खेती भी सफलतापूर्वक शुरू की. आने वाले वर्ष में वे ड्रेगन फ्रुट, मशरूम के साथ साथ एप्पल, बेर, कटहल, की खेती करने की तैयारी कर रहे हैं. साथ ही वे युवाओं को अपनी परंपरागत खेती छोड़ कर तकनीकी व जैविक खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

Last Updated : Aug 14, 2023, 11:07 AM IST
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