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श्रीगंगानगर में सिंचाई पानी को लेकर छिड़ा आंदोलन हुआ समाप्त, इन मांगों पर बनी सहमति

श्रीगंगानगर में सिंचाई पानी को लेकर पिछले दो सप्ताह से चला आ रहा आंदोलन मंगलवार को समाप्त कर दिया गया है. प्रशासन और किसानों के बीच मांगों को लेकर सहमति बनी है.

Protest for irrigation water ends in Sriganganagar
सिंचाई पानी को लेकर छिड़ा आंदोलन हुआ समाप्त
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 29, 2023, 5:38 PM IST

श्रीगंगानगर. जिले में पिछले दो हफ्तों से सिंचाई पानी को लेकर किसानों का चल रहा धरना-प्रदर्शन मंगलवार को वार्ता के बाद समाप्त हो गया. आज जिला कलेक्ट्रेट में जिला कलेक्टर अंशदीप की अध्यक्षता में एक समझौता वार्ता हुई. जिसमें कई मांगों पर सहमति बन गई और इसके बाद किसान संगठनों ने आंदोलन को समाप्त कर दिया.

इन मांगों पर बनी सहमति: सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता धीरज चावला ने बताया कि समझौता वार्ता में किसानों को बताया गया कि गंगनहर में पानी की मात्रा 2100 क्यूसेक हो गई है, जो की शाम तक 2400 क्यूसेक हो जाएगी. उन्होंने बताया कि सिंचाई पानी की इस मात्रा को स्टेबल रखने का आश्वासन दिया गया है. इसके साथ-साथ गंगनहर के खखा हेड पर मिल रहे पानी का सही ढंग से वितरण किया जाएगा. इसमें किसी प्रकार की अनियमितता नहीं बरती जाएगी. पानी नहीं मिलने के कारण सूख रही फसलों के मुआवजे के लिए भी राजस्व विभाग और बीमा कंपनी के अधिकारियों से सर्वे करवाया जाएगा. इसके साथ-साथ गंगनहर में हो रही पानी चोरी को रोकने के लिए भी एक टीम बनाई जाएगी.

पढ़ें: श्रीगंगानगर में सिंचाई के पानी का मुद्दा गर्माया, किसानों ने विधायक के घर का किया घेराव

बीजेपी ने भी किया प्रदर्शन: इससे पहले आज भारतीय जनता पार्टी ने भी अपना अलग धरना-प्रदर्शन किया. इस धरना-प्रदर्शन में बीकानेर संभाग प्रभारी सीआर चौधरी और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ शामिल हुए. राठौड़ और सीआर चौधरी ने अपने संबोधनों में राजस्थान सरकार को घेरते हुए कहा कि इस सरकार में किसान और आमजन बुरी तरह प्रताड़ित हो रहा है. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार किसानों के मामले में हर मोर्चे पर फेल साबित हुई है. यदि पंजाब-राजस्थान के हिस्से का पूरा पानी नहीं देगा, तो आने वाले दिनों में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

श्रीगंगानगर. जिले में पिछले दो हफ्तों से सिंचाई पानी को लेकर किसानों का चल रहा धरना-प्रदर्शन मंगलवार को वार्ता के बाद समाप्त हो गया. आज जिला कलेक्ट्रेट में जिला कलेक्टर अंशदीप की अध्यक्षता में एक समझौता वार्ता हुई. जिसमें कई मांगों पर सहमति बन गई और इसके बाद किसान संगठनों ने आंदोलन को समाप्त कर दिया.

इन मांगों पर बनी सहमति: सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता धीरज चावला ने बताया कि समझौता वार्ता में किसानों को बताया गया कि गंगनहर में पानी की मात्रा 2100 क्यूसेक हो गई है, जो की शाम तक 2400 क्यूसेक हो जाएगी. उन्होंने बताया कि सिंचाई पानी की इस मात्रा को स्टेबल रखने का आश्वासन दिया गया है. इसके साथ-साथ गंगनहर के खखा हेड पर मिल रहे पानी का सही ढंग से वितरण किया जाएगा. इसमें किसी प्रकार की अनियमितता नहीं बरती जाएगी. पानी नहीं मिलने के कारण सूख रही फसलों के मुआवजे के लिए भी राजस्व विभाग और बीमा कंपनी के अधिकारियों से सर्वे करवाया जाएगा. इसके साथ-साथ गंगनहर में हो रही पानी चोरी को रोकने के लिए भी एक टीम बनाई जाएगी.

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बीजेपी ने भी किया प्रदर्शन: इससे पहले आज भारतीय जनता पार्टी ने भी अपना अलग धरना-प्रदर्शन किया. इस धरना-प्रदर्शन में बीकानेर संभाग प्रभारी सीआर चौधरी और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ शामिल हुए. राठौड़ और सीआर चौधरी ने अपने संबोधनों में राजस्थान सरकार को घेरते हुए कहा कि इस सरकार में किसान और आमजन बुरी तरह प्रताड़ित हो रहा है. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार किसानों के मामले में हर मोर्चे पर फेल साबित हुई है. यदि पंजाब-राजस्थान के हिस्से का पूरा पानी नहीं देगा, तो आने वाले दिनों में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

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