श्रीगंगानगर में वकील के सुसाइड का मामला, थानाधिकारी निलंबित, सीएम ने दिया जांच का आश्वासन

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Published : Aug 30, 2022, 1:06 PM IST

Updated : Aug 30, 2022, 6:20 PM IST

Lawyer commits suicide in Sriganganagar

श्रीगंगानगर में सोमवार देर रात वकील के आत्महत्या के मामले में (Lawyer commits suicide in Sriganganagar) सीएम ने जांच का आश्वासन दिया है. साथ ही संबंधित थानाधिकारी को निलंबित कर दिया गया है. मामले को लेकर मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए 9 सिंतबर तक जांच के रिपोर्ट मांगे हैं.

श्रीगंगानगर. जिले में सोमवार को पुलिस की प्रताड़ना से परेशान होकर (Lawyer commits suicide in Sriganganagar) वकील के आत्महत्या के मामले में सीएम गहलोत ने जांच का आश्वासन दिया है. जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के तत्वावधान में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की और मामले में निष्पक्ष जांच और कार्यवाही की मांग की. साथ ही मामले में संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार आयोग ने बीकानेर पुलिस महानिरीक्षक को नोटिस जारी किया है.

मुख्यमंत्री ने अधिवक्ताओं को बताया कि संबंधित थानाधिकारी को निलंबित कर दिया गया है. जांच कमेटी भी गठित की जा रही है. प्रतिनिधि मंडल के साथ करीब एक घंटे तक वार्ता के बाद सीएम ने सर्किट हाउस में मौजूद अन्य अधिवक्ताओं से भी मुलाकात की. एसोसिएशन के अध्यक्ष नाथूसिंह राठौड़ ने बताया कि अधिवक्ता विजय सिंह ने अपने क्षेत्र में चलने वाले अवैध कार्यों, नशे के विरुद्ध आवाज उठाई थी. उन्होंने पुलिस महानिदेशक से बात की लेकिन किसी ने सहयोग नहीं किया. उनको गिरफ्तार कर उनसे मारपीट की गई. उन्हें लागातार प्रताड़ित किया गया. जिससे परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या की. राठौड़ ने बताया कि हमने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट पारित करने की मांग रखी जिसे मुख्यमंत्री ने अगले सत्र में लाने का आश्वासन दिया है.

श्रीगंगानगर में वकील के सुसाइड का मामला

ये था मामला : घड़साना कस्बे में सोमवार रात को वकील ने आत्महत्या कर ली. वकील के परिजनों ने आरोप लगाया कि उसे स्थानीय पुलिस की ओर से अवैध नशीले पदार्थ के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था. परिजनों ने शव लेने से इनकार करते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. वहीं, अनूपगढ़ कस्बे के अधिवक्ताओं ने इस मामले को लेकर कार्य बहिष्कार का आह्वान किया है.

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सुसाइड से पहले दोस्त को किया फोन- पुलिस ने बताया कि वकील विजय सिंह झोरड़ ने सोमवार को अपने घर में फांसी लगाने से पहले एक अधिवक्ता मित्र को फोन किया था. झोरड़ के दोस्त ने तुरंत वकील की अध्‍यापक पत्नी को फोन कर इसकी जानकारी दी, जिसके बाद वह घर पहुंची तो विजय सिंह फांसी के फंदे पर लटके (Suicide Case in Sriganganagar) मिले. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया.

5 पुलिसकर्मियों पर आरोप- वकील के परिजनों ने आरोप लगाया कि जब से झोरड़ ने इलाके में अवैध नशीले पदार्थ के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था, तब से पुलिस उसे परेशान कर रही थी. उन्होंने पुलिस पर मारपीट का भी आरोप लगाया. वकील की पत्नी ने घड़साना के थानाधिकारी मदन लाल और पांच अन्य पुलिसकर्मियों पर उनके पति को परेशान करने का आरोप (Ghadsana police accused of harassment) लगाया है. पुलिस के अनुसार परिजनों को समझाने की कोशिश की जा रही है और मामले की जांच जारी है.

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अदालती कार्य का बहिष्कार: श्रीगंगानगर में वकील की आत्महत्या के मामले में मंगलवार को जिले भर के सभी अधिवक्ताओं ने घटना का विरोध करते हुए अदालती कार्य का बहिष्कार किया. वहीं मृतक अधिवक्ता विजय सिंह के परिजनों ने दोषी पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी, एक करोड़ का मुहावजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है. जिला बार संघ के पूर्व अध्यक्ष चरणदास कंबोज ने बताया कि घटना के विरोध में घड़साना का बाजार बंद रखा गया है. वहीं जिले भर के वकील और जनप्रतिनिधि घड़साना में चल रहे आंदोलन में शामिल हुए.

जयपुर में भी घटना का विरोध: दी बार एसोसिएशन जयपुर और दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जयपुर की (Protest in Jaipur against Lawyer suicide Case)ओर से इस मामले को लेकर मंगलवार को आक्रोश जताया और सेशन कोर्ट एवं जयपुर कलेक्ट्रेट में वकीलों ने न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया. आक्रोशित वकीलों ने सेशन कोर्ट और जयपुर कलेक्ट्रेट में जमकर प्रदर्शन किया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की. सेशन कोर्ट में किसी भी वकील ने न्यायिक कार्यों में भाग नहीं लिया और न ही जयपुर कलेक्ट्रेट में वकीलों ने कोई न्यायिक कार्य किया गया. इस मामले को लेकर जयपुर के वकीलों ने मुख्यमंत्री के नाम जयपुर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को ज्ञापन सौंपा और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी की.

दी बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष कमल किशोर ने कहा कि वकील विजय सिंह द्वारा आत्महत्या करने के बाद वकील समुदाय में आक्रोश व्याप्त है. उन्होंने बताया कि सेशन कोर्ट और जिला कलेक्ट्रेट में वकीलों ने कोई न्यायिक कार्य नहीं किया. वकीलों की मांग है कि दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. साथ ही वकील के पीड़ित परिवार को मुआवजा देने और एक परिजन को सरकारी नौकरी दी जाए. वहीं डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने मामले की जांच एसओजी या सीबीआई से कराने की मांग की है.

मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान: वकील के आत्महत्या के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए बीकानेर पुलिस महानिरीक्षक को नोटिस जारी किया है और 9 सितंबर तक घटना की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.

सतीश पूनिया ने किया ट्वीट: इस मामले में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट करके राजस्थान में युवाओं के बीच तेजी से बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति के कारोबार पर चिंता जताई है. पूनिया ने लिखा कि भाजपा श्रीगंगानगर इकाई और स्थानीय विधायक पीड़ित अधिवक्ता के परिवार को न्याय दिलाने के लिए आंदोलनरत है, लेकिन यह घटना राज्य की क़ानून व्यवस्था की पोल खोलती है कि किस तरह से राजस्थान अपराधियों और नशा माफ़ियाओं की गिरफ़्त में है, और गहलोत सरकार मूकदर्शक बनी हुई है.

  • भाजपा श्रीगंगानगर इकाई और स्थानीय विधायक पीड़ित अधिवक्ता के परिवार को न्याय दिलाने के लिए आंदोलनरत है, लेकिन यह घटना राज्य की क़ानून व्यवस्था की पोल खोलती है कि किस तरह से राजस्थान अपराधियों और नशा माफ़ियाओं की गिरफ़्त में है, और गहलोत सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। (2/2)

    — Satish Poonia (@DrSatishPoonia) August 30, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
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राठौड़ ने गहलोत सरकार पर लगाया आरोप- वहीं, घटना के बाद राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत सरकार पर न‍िशाना (Rajendra Rathore on CM Gehlot) साधा. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सीकर में वकील हंसराज मावलिया के आत्मदाह की स्याही अभी सूखी ही नहीं थी कि अब श्रीगंगानगर जिले के घड़साना बार संघ के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट विजय सिंह द्वारा पुलिस प्रताड़ना से परेशान होकर आत्महत्या करने की घटना सरकार के माथे पर कलंक है. वकीलों में गहरा आक्रोश है.

  • कस्बे में नशे के खिलाफ अभियान चलाने वाले वकील के साथ पुलिसकर्मियों ने पूर्व में भी बेरहमी से मारपीट की थी। पुलिस प्रताड़ना के कारण ही वकील को मजबूरन आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ा। मेरी मांग है कि पीड़ित परिवार को शीघ्र न्याय मिले एवं दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएं।(2/2)

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राठौड़ ने कहा कि कस्बे में नशे के खिलाफ अभियान चलाने वाले वकील के साथ पुलिसकर्मियों ने पूर्व में भी बेरहमी से मारपीट की थी. पुलिस प्रताड़ना के कारण ही वकील को मजबूरन आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ा. उन्होंने मांग की है कि पीड़ित परिवार को शीघ्र न्याय मिले और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएं.

  • श्रीगंगानगर जिले के घड़साना में घड़साना बार संघ के पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता श्री विजय सिंह झोरड़ द्वारा आत्महत्या कर लेने के मामले में घड़साना में चल रहे धरने में @RLPINDIAorg
    के प्रदेश अध्यक्ष व भोपालगढ़ विधायक श्री पुखराज गर्ग को RLP के दोनो विधायको
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    — HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) August 29, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बेनीवाल ने साधा निशाना: वहीं, नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी ट्वीट कर गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि श्रीगंगानगर जिले के घड़साना में घड़साना बार संघ के पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता विजय सिंह झोरड़ द्वारा आत्महत्या कर लेने का दु:खद प्रकरण संज्ञान में आया है. आरएलपी अधिवक्ता के परिजनों के साथ है.

Last Updated :Aug 30, 2022, 6:20 PM IST
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