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स्पेशल: 'बापू' की जीवन यात्रा से रूबरू हुए स्कूली बच्चे

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Published : Feb 19, 2020, 5:40 PM IST

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महात्मा गांधी के आत्म परिचय से रूबरू हुए गांधी सेवा सदन के छात्र-छात्राएं

व्यक्ति महान नहीं होता, उसके विचार ही उसे महान बनाते हैं. जब महान लोगों का जिक्र होता है तो स्वयं ही मस्तिष्क में महात्मा गांधी की छवि का निर्माण हो जाता है. गांधी जी के विचार आज भी हमारे साथ हैं और उन्हीं विचारों को आम आदमी से लेकर सरकार तक अपना रही है.

राजसमंद. गांधी के इन्हीं विचारों को लेकर बुधवार को राजसमंद जिला मुख्यालय के गांधी सेवा सदन स्कूल में गांधी कथा का आयोजन किया गया. इसमें गांधी जी के विचारों को प्रेषित कर आत्मसात करने की कोशिश की गई.

महात्मा गांधी के आत्म परिचय से रूबरू हुए गांधी सेवा सदन के छात्र-छात्राएं

वर्तमान परिदृश्य में जहां एक तरफ देश में कई विचारधाराओं के आपसी टकराव के कारण सौहार्द का वातावरण सिकुड़ता हुआ दिखाई दे रहा है. वहीं दूसरी तरफ महात्मा गांधी के जीवन परिचय को गांधी कथा के माध्यम से और देश के आने वाली युवा पीढ़ी को महात्मा गांधी की संपूर्ण जीवन परिचय से अवगत कराया जा रहा है.

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गांधी कथा के माध्यम से कथाकार डॉ. शोभना राधा कृष्ण ने गांधी सेवा सदन स्कूल के छात्र-छात्राओं को करीब 2 घंटे तक महात्मा गांधी के जीवन परिचय से रूबरू कराया और उनके जीवन की हर छोटी से छोटी बातों को अपनी ओजस्वी वाणी से प्रस्तुत किया. डॉ. शोभना राधाकृष्ण ने बताया कि पृथ्वी पर जिस प्राणी ने जन्म लिया है, उसका समाप्त होना निश्चित है. लेकिन मृत्यु के समाप्ति के बाद उस व्यक्ति के कर्मों की रूपरेखा सदैव विद्यमान रहती है.

उन्होंने छोटे-छोटे बच्चों से महात्मा गांधी से जुड़ी कई बातों को प्रतिपादित किया. करीब 2 घंटे तक वैष्णव जन और अन्य गीत के माध्यम से छात्र-छात्राओं को महात्मा गांधी के कार्यों के बारे में बताया गया. गांधी अहिंसात्मक आंदोलन करते हुए अंग्रेजों से भारत को मुक्ति दिलाई. जबकि उन्होंने एक रोल फ्रीडम फाइटर की तरह कार्य किया. उन्होंने एक लेखक की भूमिका भी निभाई.

उन्होंने बताया कि गांधी का जीवन परिचय एक थिंकर की तरह रहा. मेरे पिता महात्मा गांधी के साथ स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल रहे. सभी महात्मा गांधी के जीवन से बहुत कुछ सीखने को मिलता है. इसलिए यहां मौजूद सभी छात्र-छात्राएं महात्मा गांधी की बातों का अनुसरण करेंगे, यह मैं देखती हूं.

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वही गांधी सेवा सदन स्कूल के मंत्री डॉ. महेंद्र कर्णावत ने कहा कि महात्मा गांधी का जीवन परिचय एक प्रयोगशाला था. उन्होंने अपने जीवन के अंदर प्रयोग किए. जो आज हमारे सांप्रदायिक और सामाजिक जीवन को प्रभावित करते हैं.

गौरतलब है कि गांधी सेवा सदन स्कूल का स्थापना 26 नवंबर 1952 को हुई थी. जहां एक तरफ वर्तमान दौर में महात्मा गांधी के विचारों को लेकर कई तरह की बातें होती हैं. लेकिन दूसरी तरफ महात्मा गांधी के उन अहिंसात्मक बातों को यह विद्यालय अपने छात्र छात्राओं को चरितार्थ करवा रहा है.

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