ETV Bharat / state

SPECIAL : मैक्सिको और अमेरिका में उगने वाली फसलें किनोवा, काला गेहूं और चिया...अब 'ग्रो इन इंडिया'

author img

By

Published : Feb 26, 2021, 6:46 PM IST

कहते हैं कि लीक से हटकर चलने वाले ही इतिहास बनाते हैं. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है राजसमंद जिले के नाकली गांव के प्रगतिशील किसान राधेश्याम कीर ने. राधेश्याम ने परंपरागत खेती छोड़ कर मैक्सिको में होने वाली औषधीय महत्व की खेती कर मिसाल पेश की है. प्रदेश के किसानों के लिए राधेश्याम आइडियल बन गए हैं.

Farmer Radheshyam Rajsamand, black wheat, chia and kinova in rajsamand, Rajsamand farmer innovation
राजसमंद में राधेश्याम उगा रहे मैक्सिकन फसलें

राजसमंद. जिले की भाटोली पंचायत के नाकली गांव के प्रगतिशील किसान राधेश्याम कीर परंपरागत खेती से हटकर औषधीय फसलों की बुवाई कर रहे हैं. उन्होंने अपने खेत में अमेरिका और मैक्सिको में पैदा होने वाली विदेशी फसलों चिया और किनोवा की बुवाई की है. यह मैक्सिकन ड्राई फूड है. जो कई प्रकार की बीमारियों में औषधी के तौर पर काम आता है. देखिये यह खास रिपोर्ट...

राजसमंद में राधेश्याम उगा रहे मैक्सिकन फसलें

किसान राधेश्याम कीर ने काले गेहूं की बुवाई भी की है. जो शुगर के मरीजों के लिए फायदेमंद बताया जाता है. उदयपुर के महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय के निर्देशन में जिले में पहली बार इन फसलों की बुवाई हुई है. तीनों फसलें विभिन्न औषधियों रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काम आती है. इनमें विभिन्न विटामिन पाए जाते हैं. इनकी बिक्री भी कृषि विश्वविद्यालय के निर्देशन में ही की जाएगी.

Farmer Radheshyam Rajsamand, black wheat, chia and kinova in rajsamand, Rajsamand farmer innovation
किनोवा, काला गेहूं और चिया जैसी दुर्लभ फसलें उगा रहे किसान राधेश्याम

राधेश्याम ने बताया कि परंपरागत खेती में ज्यादा मुनाफा नहीं मिलता. ऐसे में उन्होंने परंपरागत खेती से हटकर नवाचार करने की योजना बनाई. इसके लिए उदयपुर के महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय के डॉ विश्वभूषण से मिले. उन्होंने चिया, किनोवा, काले गेहूं की बुवाई की सलाह दी. उन्होंने बुवाई, फसल पकने तक की प्रक्रिया जानकर खेत में एक बीघा में चिया, एक बीघा में किनोवा और एक बीघा में काले गेहूं की बुवाई की.

Farmer Radheshyam Rajsamand, black wheat, chia and kinova in rajsamand, Rajsamand farmer innovation
राजसमंद के नाकली गांव के किसान राधेश्याम ने किया नवाचारने

पढ़ें- बाड़मेर : पूर्व क्रिकेटर 10 साल से जूझ रहा दुर्लभ बीमारी से...चौके-छक्के लगाने वाला क्रिकेटर चम्मच भी नहीं उठा पाता

चिया की फसल अब एक पखवाड़े के बाद पक कर तैयार हो जाएगी. इसके बाद कटाई कर बीज निकाले जाएंगे. किनोवा की फसल भी 25 दिन में पकने की उम्मीद जताई जा रही है. राधेश्याम ने एक बीघा में 25 किलो काले गेहूं की बुवाई पहली बार की है इसका बीज उन्होंने बाजार से करीब 60 रुपए किलो में खरीदा.

जिले में पहली बार चिया, किनोवा फसल की खेती

चिया का सबसे अधिक उत्पादन अमेरिका में होता है. यह बीज मध्य अमेरिका में पाया जाता है. इसके बीज की उत्पत्ति सबसे पहले मैक्सिको, ग्वाटेमाला में हुई थी. वर्तमान में इसकी खेती अमेरिका के अलावा मैक्सिको, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में भी की जाती है. भारत में चिया बीजों का आयात मैक्सिको से होता है.

Farmer Radheshyam Rajsamand, black wheat, chia and kinova in rajsamand, Rajsamand farmer innovation
चिया की फसल तिल जैसी होती है, स्वास्थ्य के लिए है गुणकारी

तिल की तरह होती है चिया की फसल

राधेश्याम को चिया और किनोवा के बीज खरीदने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ी. कृषि विश्वविद्यालय के अधिकारी ने उदयपुर से 300 रुपए किलो के भाव से उसको बीज दिलवाए गए. चिया की बुवाई का समय अक्टूबर के अंत में होता है. जब की फसल पकने का समय 5 महीने का होता है. फसल के लिए 6 से 12 डिग्री तक का तापमान जरूरी होता है. यह फसल तिल की तरह होती है. इसके पौधे पर तिल की तरह की ही फलियां आती हैं. फलियों को पत्थर पर पटक-पटक कर चिया के बीज निकाले जाएंगे. चिया एक बहुपयोगी औषधि है. इससे मोटापा कम होता है. शरीर को ओमेगा 3 और ओमेगा 6 जैसे पोषक तत्व मिलते हैं.

Farmer Radheshyam Rajsamand, black wheat, chia and kinova in rajsamand, Rajsamand farmer innovation
जानें चिया फसल के बारे में

कैसे होगी चिया की बिक्री

राधेश्याम ने बताया कि फिलहाल यहां चिया का कोई बाजार उपलब्ध नहीं है. ऐसे में वह महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय के जरिए ही फसल को बेचेंगे.

कितना लाभकारी है चिया

चिया में सबसे अधिक ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है. पोटेशियम, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, जिंक, कॉपर, ओमेगा 6, वसा, सोडियम, फास्फोरस, जस्ता, तांबा, कैल्शियम, मैगनीज आदि पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें एंटीसेप्टिक, एंटीफंगल और एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं.

Farmer Radheshyam Rajsamand, black wheat, chia and kinova in rajsamand, Rajsamand farmer innovation
जानें किनोवा फसल के बारे में

जानिए किनोवा की फसल के बारे में

किनोवा एक बीजीय फसल है. इसकी बुवाई का समय अक्टूबर अंत में होता है. जबकि इसको पकने में 5 महीने का समय लगता है. वह कभी बीच राजसमंद जिले में नहीं मिलते हैं इसे भी राधेश्याम ने उदयपुर के कृषि विश्वविद्यालय के जरिए ही मंगवाए. इसमें काफी पोषक तत्व होते हैं. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता में काम आती है. इसे उपमा की तरह नाश्ता बना कर खाया जाता है.

Farmer Radheshyam Rajsamand, black wheat, chia and kinova in rajsamand, Rajsamand farmer innovation
औषधीय फसलें उगाकर किसान बढ़ा सकते हैं अपनी आय

काले गेहूं के बारे में जानिए

काले गेहूं की बुवाई का उपयुक्त समय नवंबर में होता है. इसे पकने में करीब 5 महीने का समय लगता है. यह फसल मार्च तक सकती है. मुख्य रूप से यह शुगर में और मोटापा कम करने में काम आता है. क्योंकि इसमें कोलेस्ट्रॉल काफी कम होता है. इसका बीज भी राधेश्याम ने उदयपुर से ही खरीदा था और इसकी बिक्री भी वह उदयपुर के महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय के जरिए करेंगे.

पढ़ें- राजसमंदः पैंथर के हमले में किसान घायल, लोगों में दहशत का माहौल

दिल के रोगों को दूर करता है काला गेहूं

काले गेहूं में ट्राइग्लिसराइड तत्व और मैग्नीशियम काफी मात्रा में पाया जाता है. काला गेहूं शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है. इससे कब्ज दूर होती है. वहीं पेट के कैंसर में भी यह फायदा करता है. इसमें फाइबर अधिक होने से यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है. हाई ब्लड प्रेशर डायबिटीज में काला गेहूं काफी असरदार होता है. आंतों के इन्फेक्शन को खत्म करने में भी काला गेहूं कारगर है. इसमें फास्फोरस शरीर में नए उत्तकों को बनाने में कारगर होता है. आयरन भरपूर होने से यह एनीमिया की बीमारी को भी दूर करता है और शरीर में ऑक्सीजन का स्तर सही रहता है.

Farmer Radheshyam Rajsamand, black wheat, chia and kinova in rajsamand, Rajsamand farmer innovation
जानिये काला गेहूं की फसल के बारे में

विदेशों में ज्यादा होती है काले गेहूं की खेती

काला गेहूं सबसे ज्यादा रूस, कजाकिस्तान, चीन के अलावा मध्य और पूर्वी यूरोप में उत्तरी गोलार्ध में मुख्य रूप से इसकी खेती की जाती है. इसका उपयोग अनाज चाय में किया जाता है. इसे ग्रेटस, आटा और नूडल्स के रूप में प्रयोग किया जाता है. कई यूरोपीय और एशियाई देशों में पारंपरिक व्यंजनों में चावल के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.

Farmer Radheshyam Rajsamand, black wheat, chia and kinova in rajsamand, Rajsamand farmer innovation
राजसमंद की जलवायु इन फसलों के अनुकूल

राजसमंद कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर पी सी रैगर ने बताया कि प्रगतिशील किसान राधेश्याम ने जिले में पहली बार इन फसलों की बुवाई की है. चिया, किनोवा और काला गेहूं तीनों की औषधि महत्व की फसलें हैं. राधेश्याम ने परंपरागत खेती से हटकर औषधि खेती में रुझान दिखाया है. आगामी समय में यह खेती काफी लाभदायक सिद्ध होगी. उन्होंने बताया कि जिले का मौसम भी इन फसलों के लिए काफी अनुकूल है. ऐसे में आगामी दिनों में अन्य किसान भी इस फसल को अपनाकर आर्थिक उन्नति कर सकते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.