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प्रो. चेतन सिंह सोलंकी की एनर्जी स्वराज यात्रा पहुंची राजसमंद, पूरे देश में 11 साल तक करेंगे सफर

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Published : Feb 13, 2021, 4:28 PM IST

देश को ऊर्जा के क्षेत्र में स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी इन दिनों एनर्जी स्वराज यात्रा निकाल रहे हैं. यह एनर्जी स्वराज यात्रा राजसमंद पहुंची है. करीब 11 साल में यह यात्रा देश भर में 2 लाख किलोमीटर का सफर तय करेगी.

Rajsamand news, Energy Swaraj Yatra
प्रो. चेतन सिंह सोलंकी की एनर्जी स्वराज यात्रा पहुंची राजसमंद

राजसमंद. गांधीजी के ग्राम स्वराज की तर्ज पर देशवासियों को ऊर्जा के क्षेत्र में स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी इन दिनों एनर्जी स्वराज यात्रा निकाल रहे हैं. करीब 11 साल में यह यात्रा देश भर में 2 लाख किलोमीटर का सफर तय करेगी. देश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने और ऊर्जा के क्षेत्र में आमजन को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से निकाली जा रही ऊर्जा स्वराज यात्रा राजसमंद जिले में हैं. इस यात्रा का संचालन आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर डॉक्टर चेतन सिंह सोलंकी के द्वारा किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य लोगों को ऊर्जा संरक्षण और सौर ऊर्जा के प्रति जागरूक करना है.

वीडियो पार्ट-1

प्रोफेसर सोलंकी ने बताया कि इस यात्रा का शुभारंभ 26 नवंबर 2020 को भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने किया था. यह यात्रा 2 लाख किलोमीटर की दूरी तय करते हुए 11 साल तक लोगों को जागरूक करेगी. इसका उद्देश्य लोगों को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें जागरूक करना है. सोलंकी ने बताया कि उनके इस मिशन का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण में बदलाव के लिए आमजन को महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य की तर्ज पर ऊर्जा स्वराज के प्रति प्रेरित करना.

वीडियो पार्ट-2

इससे आदमी बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा और उनका लक्ष्य देश भर में एक करोड़ बिजली के कनेक्शन कटवा कर लोगों को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है. यात्रा 2030 तक चलेगी. सोलंकी ने अपने 11 साल के सफर को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा पर आधारित एक वैनिटी वैन भी बना रखी है, जिसमें वह अपने जन आंदोलन की रूपरेखा तय करते हैं और आमजन को जागरूक करने के साथ ही प्रशिक्षण भी देते हैं. इस वैन के अंदर उनके रहने की समस्त सुविधाएं उपलब्ध हैं.

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प्रोफेसर सोलंकी ने बताया कि उन्होंने 30 देशों की यात्रा करने के बाद यह अनुभव लिया कि दुनिया में शक्ति का सबसे बड़ा केंद्र उड़ गया है. ऊर्जा ही देशों के साथ ही आम लोगों में ऊंच-नीच की भावना पैदा करती है. अगर ऊर्जा का सही संचयन किया जाए तो इससे जीवन बेहतर हो सकता है. प्रोफेसर सोलंकी ने बताया कि वर्तमान में ऊर्जा के लिए कोयले का अंधाधुंध दोहन किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण पर भीषण संकट मंडरा रहा है.

ऐसे में सौर ऊर्जा आज के समय में ऊर्जा का सबसे बड़ा विकल्प है. सोलंकी का कहना है कि लोगों को ऊर्जा पर अपनी निर्भरता कम करनी होगी और उन्हें नेचुरल तरीके से जीवन जीने की ओर अग्रसर होना होगा. तभी दुनिया में जीवन का अस्तित्व बच पाएगा.

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