ETV Bharat / state

अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में फुटफॉल कम, नहीं निकल पा रहा बिजली का खर्च

author img

By

Published : Nov 19, 2022, 1:26 PM IST

Updated : Nov 19, 2022, 2:15 PM IST

राजस्थान का अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क (Abheda Biological Park of Rajasthan) इन दिनों सूना पड़ा है. यहां पर्यटकों के कम फुटफॉल के कारण टिकट से होने वाली आमदनी भी एकदम से थम गई है. ऐसे में बिजली का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है. यही कारण है कि पार्क प्रबंधन अब सोलर की ओर देख रहा है.

Abheda Biological Park
अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में फुटफॉल कम

कोटा. करीब 110 हेक्टेयर में बने प्रदेश के सबसे बड़े अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क का (Abheda Biological Park of Rajasthan) लोकार्पण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीते साल दिसंबर में वर्चुअल तरीके से किया था. इसके बाद इसे इस साल जनवरी में पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था. हालांकि, शुरुआती महीनों में यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे थे, लेकिन बाद में यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार कम होते चली गई.

अब तीन से साढ़े तीन हजार लोग ही हर महीने यहां पार्क को देखने के लिए आ रहे हैं. जिनमें अधिकांश स्कूली बच्चे हैं, जिन्हें स्कूल प्रबंधन लेकर आता है. बाकी समय यह बायोलॉजिकल पार्क सूना ही नजर आता है. हालात ऐसे हो गए हैं कि रिजर्व में अब टिकट से आमदनी कम हो गई है और बिजली का खर्च भी नहीं निकल रहा है. ऐसे में बढ़ते बिजली के बिल से निजात पाने को अब पार्क प्रबंधन सोलर की ओर देख रहा है. सालाना करीब 12 से 15 लाख रुपए का बिजली का बिल आता है. इसे कम करने के लिए 60 किलोवाट का सोलर सिस्टम (Solar system in Abheda Biological Park) लगाने की योजना बनाई गई है.

अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में फुटफॉल कम

खाली पिंजरे देख भड़क जाते हैं पर्यटक: पार्क में चीतल, सांभर, काला हिरण, चिंकारा, नीलगाय, भेड़िया, पैंथर का जोड़ा, लकड़बग्घा, भालू और सियार हैं, जबकि टाइगर, लोमड़ी, लॉयन और हिमालयन भालू के चार पिंजरे खाली हैं. साथ पक्षियों के केज भी अधूरे पड़े हैं. इन खाली पिंजरों को देखकर पर्यटक भड़क जाते हैं. यहां तक कि बायोलॉजिकल पार्क की सिक्योरिटी स्टाफ और अन्य कार्मिकों से भी उलझ जाते हैं. पार्क में नोटिस चस्पा किया गया है कि जानवर नहीं दिखने या कम होने पर स्टाफ से बहस न करें. हालांकि, अभेड़ा में दूसरे फेज में बेंगलुरु, हैदराबाद, ओडिशा और दक्षिण भारत के बायोलॉजिकल पार्क की तर्ज पर विदेशी वन्यजीवों को भी यहां लाने की योजना है. जिनमें जिराफ, जेबरा, वाइट टाइगर, लायन टेल्ड मकाक, चिंपांजी और ऊदबिलाव शामिल है.

इसे भी पढ़ें - अभेड़ा पार्क का Drone View : जल्द खुलेगा राजस्थान का सबसे बड़ा बायोलॉजिकल पार्क..देखिये विहंगम नजारा

15 फीसदी रह गई पर्यटकों की संख्या: इसी साल जनवरी में बायोलॉजिकल पार्क को खोला गया था. शुरुआत में जनवरी महीने में यहां 20,330 पर्यटक आए थे, जिनसे 9 लाख 85 हजार रुपए के आसपास आय अर्जित हुई थी. फरवरी महीने में रेवेन्यू थोड़ा कम हुआ था. इसमें 11,008 टूरिस्ट पहुंचे थे, जिनसे 4 लाख 75 हजार का रेवेन्यू मिला था. अब सितंबर महीने में जहां 3185 पर्यटक पहुंचे, जिनसे 1 लाख 27 हजार और अक्टूबर महीने में 3245 टूरिस्ट से 1 लाख 25 हजार का रेवेन्यू मिला है. इस साल जनवरी से अक्टूबर के बीच पर्यटकों की संख्या की तुलना की जाए तो यह महज 15 फीसदी है. हालांकि, बायोलॉजिकल पार्क से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि संख्या कम हुई है, लेकिन यह भी है कि शुरुआत में सर्दी होने के कारण यहां अधिक टूरिस्ट आते थे. गर्मी के सीजन में यह ग्राफ गिर जाता है, क्योंकि दोपहर के दौरान ज्यादा गर्मी में पड़ने पर लोग एक किलोमीटर भी नहीं चल पाते हैं. यहां पर पोलो कार्ट और ई-रिक्शा भी नहीं हैं, लेकिन वापस ठंड शुरू हुई है, जिससे टूरिस्ट की संख्या भी आहिस्ते-आहिस्ते बढ़ रही है.

Abheda Biological Park
अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में फुटफॉल कम

बड़े जानवरों को लाने की प्रक्रिया जारी: वन्यजीव विभाग के डीएफओ अनुराग भटनागर ने बताया कि उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से लॉयन के जोड़े को यहां लाने की कोशिश की जा रही है. अनुमति मिलने के बाद तुरंत इन्हें कोटा शिफ्ट कर दिया जाएगा. कोटा से जयपुर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में भेजी गई टाइग्रेस महक को भी वापस कोटा लाने की योजना है. साथ ही नाहरगढ़ से इंडियन फॉक्स को भी यहां लाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने आगे बताया कि नागालैंड के दीमापुर जू से हिमालयन भालू भी यहां आने वाला है. जिसकी अनुमति मांगी गई है.

यहां बुजुर्ग और बच्चों को होती है परेशानी: रिजर्व में पोलो कार्ट, ई-रिक्शा और साइकिल की व्यवस्था न होने के कारण यहां आने वाले बुजुर्ग व बच्चों को खासा दिक्कतें पेश आती हैं. प्रबंधन ने अब यहां इन सुविधाओं की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है, ताकि लोग इन्हें किराए पर लेकर आराम से पूरे पार्क का अवलोकन कर सकें. लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि इन व्यवस्थाओं को किए जाने को लेकर पिछले एक साल से चर्चाएं ही हो रही हैं. ऐसे में अब अधिकारियों का कहना है कि ई-रिक्शा और पोलो कार्ट के लिए हम बहुत जल्द ही टेंडर डालने वाले हैं. पहले हम एक बार टाइगर और लायन को यहां लाना चाहते हैं.

Abheda Biological Park
अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में फुटफॉल कम

यहां कैफेटेरिया, इंटरप्रिटेशन सेंटर का होगा निर्माण: सेकंड फेज में यहां करीब 20 करोड़ की लागत से विकास कार्य होने हैं. अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए जायका से फंड आवंटित होने के लिए प्लान भेजा गया है, लेकिन अभी स्वीकृति नहीं मिली है. इसके अलावा सेकंड फेज में ही कैफेटेरिया, इंटरप्रिटेशन सेंटर, वेटरनरी हॉस्पिटल व स्टाफ क्वार्टर भी बनने हैं. साथ ही इस पार्क में कुल 44 पिंजरे में से पहले फेज में 13 पिंजरे बन चुके हैं तो दूसरे फेज में 35 पिंजरे बनने वाले हैं.

Last Updated :Nov 19, 2022, 2:15 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.