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किसानों पर कहर: खड़ी फसलों को 'खा' गए ओले, तो अतिवृष्टि ने अरमानों पर फेरा पानी...अब मुआवजे की आस

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Published : Mar 14, 2021, 12:49 PM IST

Updated : Mar 15, 2021, 2:58 PM IST

बीते 2 दिनों में हुई अतिवृष्टि और ओलावृष्टि ने किसानों के अरमानों का गला घोंट दिया. एक बार फिर कुदरत ने किसानों पर कहर बरपाया. क्षेत्र के कनवास व खजूरना कला गांवों के आसपास हुई तेज बरसात के साथ ओलावृष्टि से खेतों में बर्फ की चादर बिछ गई. क्षेत्र में अतिवृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है, तो वहीं किसानों के भी चेहरे मुरझा गए हैं.

rain hailstorm in kota rajasthan, rabi crop damage
अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से किसानों की फसल तबाह...

सांगोद (कोटा). बीते 2 दिनों में हुई अतिवृष्टि और ओलावृष्टि ने किसानों के अरमानों का गला घोंट दिया. एक बार फिर कुदरत ने किसानों पर कहर बरपाया. क्षेत्र के कनवास व खजूरना कला गांवों के आसपास हुई तेज बरसात के साथ ओलावृष्टि से खेतों में बर्फ की चादर बिछ गई. क्षेत्र में अतिवृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है, तो वहीं किसानों के भी चेहरे मुरझा गए हैं.

अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से किसानों की फसल तबाह...

क्षेत्र में मौसम के बदले मिजाज से खेतों में कटी पड़ी फसलों के साथ अन्य फसलों में भारी नुकसान हुआ है. कुदरत के कहर से किसानों के चेहरों पर चिंता छाई हुई है. अभी क्षेत्र में धनिया, गेहूं, चना आदि फसलों की कटाई हो चुकी है. किसानों ने फसलों को काट कर सुखाने के लिए डाली है. अचानक मौसम के बदलने से फसलें तबाह हो गई. बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की खड़ी फसल खेतों में लेट गई, वहीं चने की फसल का भी यही हाल है.

ओलावृष्टि से फसल के नुकसान पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने चिंता जताई है. साथ ही, उन्होंने कोटा और बूंदी जिला कलेक्टर को नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही, सांगोद के पूर्व विधायक हीरालाल नागर ने भी किसानों के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए जल्द नष्ट हुई फसलों का सर्वे करवाकर किसानों को उचित मुआवजा दिए जाने की बात कही. बेमौसम बरसात व ओलावृष्टि से सिर्फ गेहूं ही नहीं, बल्कि लहसुन, चने और धनिए की फसल को भी नुकसान पहुंचा है.

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बारिश के बाद खेतों में लेटी फसल....

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कई खेतों में किसानों की ओर से काट कर रखा गया गेहूं भी खराब हो गया. इसी तरह बरसात और ओलावृष्टि की चपेट में आने से लहसुन की फसल भी खराब हो गई. किसान जोधराज गुर्जर ने बताया 2 लाख रुपये में 18 बीघा जमीन मुनाफे में पर ली थी और 3 बीघा खेत मे लहसुन 8 बीघा खेत मे चने ओर बाकी सरसों की फसल थी, जो 70 प्रतिशत तक नष्ट हो गयी है. अब किसानों को मुआवजे से राहत की उम्मीद है.

किसान गोपाल सुमन ने बताया कि 10 बीघा खेत एक लाख रुपये में मुनाफे से करा था, जिसमें पांच बीघा में चने की और पांच गेंहू की फसल बोई थी, जो 75 प्रतिशत तक खराब हो गई है. गेहूं और चने की फसल खेतों में लेट गई हैं. थोड़ी बहुत सही है, वो भी कटाई के समय नष्ट हो जाएगी. मुनाफा भी निकल पाना मुश्किल है. किसान सुरेश गोचर ने बताया कि बरसात से फसलों को बहुत नुकसान हुआ है. गेहूं की फसल खेतों में लेट गए है. लहसुन में भी कल्टी निकाल रखा है, जिससे खेत से निकली लहसुन की फसल बरसात के पानी के साथ बही खेत की मिट्टी के नीचे दब गई है, जिससे फसल सड़गल जाएगी. चने की फसल भी खेत में सुखाने की लिए रखी थी, जो भी पानी मे भीगने से नष्ट हो गई है. जमीन भी 8 लाख रुपये में मुनाफे से करी थी. लगभग 80 प्रतिशत तक फसल में नुकसान हुआ है.

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ओलावृष्टि...

यहां फसलों को भारी नुकसान

  • खजुरना ग्राम पंचायत क्षेत्र में 80 प्रतिशत
  • देवली ग्राम पंचायत क्षेत्र में 25 प्रतिशत
  • महलबावड़ी के हनुमान जी से खंडगांव तक में 80 प्रतिशत
  • ग्राम पिसाहेड़ा में 30 प्रतिशत
  • अरुनदी से मालबावड़ी हनुमान जी क्षेत्र में 70 प्रतिशत
  • ग्राम पंचायत बालूहेड़ा क्षेत्र में 25 प्रतिशत
Last Updated : Mar 15, 2021, 2:58 PM IST
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