Kota Panther Rescued: वन विभाग का दावा फेल, मादा नहीं नर निकला बघेरा

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Published : Nov 24, 2022, 7:44 AM IST

Updated : Nov 24, 2022, 8:29 AM IST

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बीते एक सप्ताह से स्पॉट हो रहे पैंथर को आखिर बुधवार रात वन विभाग की संयुक्त टीम ने ट्रेंकुलाइज कर कब्जे में ले लिया (Kota Panther Rescued). इस रेस्क्यू ऑपरेशन के साथ ही डिपार्टमेंट के बड़े दावे की भी पोल खुल गई. जिस पैंथर को मादा बता गर्भवती बताया जा रहा था वो नर निकला.

कोटा. नांता गढ़ और आसपास बीते एक सप्ताह से स्पॉट हो रहे पैंथर को आखिर बुधवार रात वन विभाग की संयुक्त टीम ने ट्रेंकुलाइज कर कब्जे में ले लिया (Kota Panther Rescued). इस बघेरे को अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क ले जाया गया. हालांकि वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर सभी ने यह दावा किया था कि मादा पैंथर है और इसने शावकों को जन्म दिया हुआ है और ये गर्भवती है लेकिन ये दावा फेल हो गया. ट्रेंकुलाइज के बाद सामने आया कि पैंथर नर है.

बघेरे के पकड़ने की सूचना के बाद गांव वासियों ने भी राहत की सांस ली, इसके अलावा खुशी जताते हुए पटाखे चलाए और एक दूसरे को बधाई भी दी. टीम में सवाई माधोपुर से आई एक्सपर्ट टीम ने राजवीर के नेतृत्व में मोर्चा संभाला. टीम में डॉ सीपी मीणा, लाड़पुरा रेंजर कुंदन सिंह वनपाल, धर्मेंद्र चौधरी, वीरेंद्र सिंह हाड़ा, रमेश चंद मीणा, हरिमोहन, राधेश्याम, बुधराम जाट, कमल प्रजापति सहित कई अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे.

वन विभाग का दावा फेल

लोगों के लिए खौफ का सबब बना बघेरा 17 नवंबर की रात को पहली बार नजर आया था. इसके लिए अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क, कोटा वन मंडल के अलावा सवाई माधोपुर से भी टीम आई थी. अब इस जानवर के पकड़ में आने के बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है. लोगों का कहना था कि अब तक उन्हें डर कर रहना पड़ रहा था. घर के बाहर रात को निकलने में भी समस्या थी. पैंथर रोज रात को बाहर निकल कर शिकार कर रहा था.

Kota Panther Rescued
देर रात किया ट्रेंकुलाइज

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ऐसे आया पकड़ में!: वन मंडल के सकतपुरा नाके के वनपाल रामस्वरूप गुर्जर ने बताया कि देर रात को पैंथर पानी पीने के लिए कुंड पर आया था. करीब 11:15 पर ही उसे ट्रेंकुलाइज के लिए शॉट लगाया. पहले ही प्रयास ही डॉट लग गई. जब यह तय हो गया कि उसको शॉट लग गया है. तो 10 मिनट बाद हमने उसे महल में ढूंढना शुरू कर दिया और कुछ देर में ही यह मिल गया.

स्वास्थ्य परीक्षण के बाद बघेरे को गाड़ी में रख लिया गया. इस बघेरे की उम्र करीब 3 से 4 साल बताई जा रही है. ये पकड़ा तो गया है लेकिन ऐहतियातन विभाग ने ट्रैप कैमरे नांता गढ़ में लगा दिए हैं.

Last Updated :Nov 24, 2022, 8:29 AM IST
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