उदयपुरिया में विदेशी पक्षियों का बसेरा, पक्षी विहार घोषित करने की मांग

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Published : Sep 24, 2022, 4:26 PM IST

Updated : Sep 24, 2022, 6:27 PM IST

Declare Udaipuria a bird sanctuary, locals demand as several migratory birds seen here

कोटा का उदयपुरिया गांव विदेशी पक्षियों का डेरा बना हुआ है. स्‍थानीय लोगों का कहना है कि यहां बड़ी संख्‍या में विदेशी पक्षी हर साल आते हैं. इन दिनों करीब 70 घोंसलों में डेढ़ सौ पक्षी डाले हुए हैं. ग्रामीणों ने इसे राज्‍य स्‍तरीय पक्षी विहार घोषित करने की मांग की (Declare Udaipuria a bird sanctuary) है.

इटावा (कोटा). जिले के दीगोद उपखंड क्षेत्र की डूंगरज्या पंचायत का उदयपुरिया गांव इन दिनों विदेशी पक्षियों का बसेरा बना हुआ है. यहां पर बड़ी संख्या में विदेशी पक्षी आते हैं. ये अपना बसेरा बना कर यहां पर कुछ समय के लिए रहते भी हैं. बताया जाता है कि उदयपुरिया पक्षी विहार के नाम से जाना जाता है. लेकिन सरकार ने इसे पक्षी विहार की मान्यता नहीं दी है. ग्रामीणों ने मांग की है कि उदयपुरिया को राज्य या राष्ट्रीय पक्षी विहार के रूप में मान्‍यता दी (Declare Udaipuria a bird sanctuary) जाए.

ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर पक्षी विहार बना दिया जाए, तो उन्हें किसी प्रकार का खतरा भी नहीं रहेगा. उन्‍होंने यहां कुछ और पेड़ लगाने की भी मांग की है. पेड़ लगाने से इन पक्षियों की बड़ी मात्रा में किलकारियां सुनने को मिलेंगी. इस जगह पर विदेशी पक्षियों की भरमार देखने को मिलती है.

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इनमें पेंटटेड स्ट्रोक, वाइट नेक्ड स्ट्रोक, परपबल मुरहन, इंडियन मुरहन, लिटिल गिरीओ सावलर, कोमोन टिल सहित कई विदेशी पक्षी यहां आते हैं. ये पक्षी यहां पर रुक कर अपना बसेरा बनाते हैं. वहीं ग्रामीणों ने मांग की है कि उदयपुरिया के पक्षी विहार को राजस्थान सरकार मान्यता दे और इसे राज्य स्तरीय पक्षी विहार पर्यटन स्थल घोषित किया जाए. ग्रामीणों का कहना है कि इससे स्‍थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. पर्यटकोंं के लिए भी यह एक रोमांचक स्‍थल साबित होगा.


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यहां इन विदेशी पक्षियों के आने का समय 14, 15 अगस्त के आसपास होता है. ये यहां प्रजनन कर मार्च तक वापस लौट जाते हैं. वर्तमान में यहां करीब 70 घोंसले हैं, जिनमें 150 से अधिक पक्षी बसेरा बनाकर रह रहे हैं. वहींं पर्यावरण प्रेमी श्याम जांगिड़ ने बताया कि यहां आने वाले विदेशी पक्षियों की देखरेख व उन्हें शिकार से बचाने के लिए ग्रामीण अपने स्तर पर ही प्रयास करते हैं.

Last Updated :Sep 24, 2022, 6:27 PM IST
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