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JEE MAIN 2023: NTA की गलती स्टूडेंट पर पड़ सकती है भारी, NIT अलाटमेंट में हजारों छात्रों की सीटें हो सकती हैं निरस्त

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Published : Feb 2, 2023, 3:13 PM IST

इस बार जेईई मेन 2023 के आवेदन के समय स्टेट ऑफ एलिजिबिलिटी की (State of eligibility in JEE MAIN) जगह स्टेट ऑफ रेजिडेंस पूछा गया है. स्टेट ऑफ रेजिडेंस को ही स्टेट ऑफ एलिजिबिलिटी मान लेने के कारण, इसका खामियाजा छात्रों कों काउंसलिंग के दौरान भुगतना पड़ सकता है.

NTA replaced column of state of eligibility
जेईई मेन 2023

कोटा. देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई की आयोजक संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की गलती हजारों स्टूडेंट्स पर भारी पड़ सकती है. हजारों स्टूडेंट्स को इस समस्या का सामना काउंसलिंग के दौरान एनआईटी के लिए होने वाली सीट आवंटन में करना पडे़गी. यह गलती जेईई मेन के आवेदन के दौरान पूछे गए स्टेट ऑफ एलिजिबिलिटी की जगह स्टेट ऑफ रेजिडेंस से जुड़ी हुई है.

निजी कोचिंग के करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि इस वर्ष एनटीए की ओर से जेईई मेन के लिए हुई आवेदन प्रक्रिया में एक बड़ी गलती की गई है. आवेदन के दौरान स्टेट ऑफ एलिजिबिलिटी की जगह स्टेट ऑफ रेजिडेंस पूछा गया. इसमें स्टूडेंट्स ने उस स्टेट का नाम दिया, जहां के वे निवासी हैं. जबकि एनटीए को इस कॉलम में उस स्टेट की डिटेल पूछनी थी, जहां से स्टूडेंट्स ने अपनी 12वीं की परीक्षा दी है या देने वाले हैं. इस जानकारी के आधार पर, छात्रों को उस विशेष राज्य के एनआईटी में गृह राज्य कोटे से 50 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश में वरीयता दी जाती है.

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स्टेट ऑफ रेजिडेंस और एलिजिबिलिटी में कंफ्यूजन : देश के 32 एनआईटी में करीब 26 हजार सीटें हैं. इनमें से 13 हजार सीटों पर होम स्टेट कोटे से प्रवेश दिया जाता है. बाकी 13 हजार सीटों पर अदर स्टेट कोटे से एडमिशन दिया जाता है. अमित आहूजा ने बताया कि आवेदन के दौरान मांगें गए स्टेट ऑफ रेजिडेंस की जानकारी के आधार पर ही स्टूडेंट्स का जेईई मेन का एडमिट कार्ड जारी किया गया.

एनटीओ ने इस कॉलम में भरे गए स्टेट ऑफ रेजिडेंस को स्टेट ऑफ एलिजिबिलिटी मान लिया है. इस वजह से अब उन हजारों स्टूडेंट्स के लिए परेशानी का विषय है, जिन्होंने आवेदन के दौरान स्टेट ऑफ रेजिडेंस वाले कॉलम में अपना निवास का स्टेट भर दिया जबकि उन्होंने 12वीं की परीक्षा अन्य किसी दूसरे राज्य से उत्तीर्ण की है या इसकी पढ़ाई कर रहे हैं.

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जेईई मेन परिणाम के बाद ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (JoSAA) की काउंसलिंग में विद्यार्थियों को उनके स्टेट ऑफ एलिजिबिलिटी में भरे हुए स्टेट के अनुसार उस स्टेट के होम स्टेट कोटा से सीट का आवंटन किया जाएगा. पहले अलॉटमेंट के आवंटन के बाद विद्यार्थियों के डॉक्यूमेंट का वेरिफिकेशन होगा. डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने का स्टेट और स्टेट ऑफ एलिजिबिलिटी में दी गई जानकारी का मिलान किया जाएगा. यदि दोनों एक नहीं पाई जाती हैं, तो आवंटित एनआईटी की सीट को निरस्त कर दिया जाएगा. आगे के राउंड में उसकी 12वीं उत्तीर्ण करने वाले स्टेट से सीट आवंटित की जाएगी.

यह हो सकता है इस समस्या का ऑप्शन : अमिता आहूजा ने बताया कि अभी जेईई मेन जनवरी सेशन का ही एग्जाम हुआ है. विद्यार्थियों के पास अप्रैल के आवेदन करने का अवसर आएगा. इस दौरान नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि स्टूडेंट को स्टेट ऑफ रेजिडेंस की जगह स्टेट ऑफ एलिजिबिलिटी को भरना है. इसके लिए नोटिस जारी कर स्टूडेंट्स को सूचित करना होगा. इसके बाद अप्रेल आवेदन के दौरान करेक्शन का अवसर देना चाहिए. अप्रेल आवेदन की प्रक्रिया 7 फरवरी से 7 मार्च तक होगी.

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