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Special : MBBS की दोगुनी सीट के साथ ढाई गुना बढ़ा कॉम्पिटिशन, NEET UG में अब एक सीट पर 20 दावेदार

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Published : Mar 13, 2023, 8:25 PM IST

नीट यूजी के लिए रजिस्ट्रेशन जारी है, लेकिन जिस गति से अभ्यर्थी रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं, उससे उम्मीद है कि एक एमबीबीएस की सीट के लिए अबकी करीब 20 अभ्यर्थी दावेदार होंगे. साल 2013 में जब पहली बार नीट यूजी का एग्जाम हुआ था, तब यह कॉम्पिटिशन 14 स्टूडेंट्स के बीच था.

Competition increased with double MBBS seats
Competition increased with double MBBS seats

करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा

कोटा. देश के सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा राष्ट्रीय सह पात्रता परीक्षा (NEET UG 2023) की ऑनलाइन फॉर्म भरने की प्रक्रिया जारी है. अभी तक करीब चार लाख अभ्यर्थी आवेदन कर चुके हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है. उम्मीद की जा रही है इस साल 20 लाख से ज्यादा विद्यार्थी आवेदन करेंगे. नीट यूजी के आयोजन की जिम्मेदारी भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी उठा रही है. एनटीए के परिणाम घोषित कर सभी विद्यार्थियों की ऑल इंडिया रैंक जारी कर देती है. जिनके बाद ही मेडिकल काउंसलिंग के तहत ऑल इंडिया और स्टेट कोटे के जरिए एमबीबीएस सीटों का अलॉटमेंट अभ्यर्थियों को होता है.

कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा का कहना है कि जिस तरह से इस बार रजिस्ट्रेशन चल रहे हैं. उससे एक्सपर्ट उम्मीद जता रहे हैं कि 20 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी इस बार एमबीबीएस के लिए नीट यूजी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. ऐसे में वर्तमान 660 मेडिकल कॉलेज है. जिनके पास 100513 मेडिकल सीट्स है. जिनमें सरकारी व गवर्नमेंट सोसायटी के 364 मेडिकल कॉलेज में 53198 सीट्स है. जबकि 296 प्राइवेट, ट्रस्ट व सोसायटी के मेडिकल कॉलेज में 47315 सीट्स है. जिससे उम्मीद है कि इस साल 1 एमबीबीएस की सीट के लिए करीब 20 अभ्यर्थी दावेदार होंगे. जबकि साल 2013 में जब पहली बार नीट यूजी का एग्जाम हुआ था, तब यह कॉम्पिटिशन 14 स्टूडेंट्स के बीच में था. हालांकि, इसके बाद अगले 2 साल तक नीट यूजी की जगह ऑल इंडिया पैरामेडिकल टेस्ट (AIPMT) हुआ था. इस समय कॉम्पिटिशन काफी कम रह गया था और साल 2016 में तो यह कॉम्पिटिशन 13 स्टूडेंट्स के बीच ही हुआ था.

सीटों की संख्या के साथ ही बढ़ा कॉम्पिटिशन - साल 2013 में जहां 52110 एमबीबीएस की सीटें थी तो एंट्रेंस नीट यूजी के लिए 717127 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. वहीं, साल 2022 में 97263 सीटों के लिए कुल 1872343 आवेदक थे. वहीं, बीते 10 सालों में एमबीबीएस की सीटों में जहां करीब 86 फीसदी की वृद्धि हुई थी. जबकि अभ्यर्थियों की संख्या महज 161 फीसदी की बढ़ी है. इसके चलते लगातार कॉम्पिटिशन बढ़ता गया है.

Competition increased with double MBBS seats
सालवार सीटों की संख्या व रजिस्ट्रेशन

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2019 में एक सीट के लिए 22 छात्रों के बीच था कॉम्पिटिशन - नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने साल 2019 में बी नीट यूजी का आयोजन किया था. इसमें करीब 1519375 विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था. जबकि इस साल मेडिकल की सीटें 70978 थी. ऐसे में एक एमबीबीएस की सीट के लिए करीब 22 अभ्यर्थियों के बीच कॉम्पिटिशन हुआ था. यह बीते 10 सालों में एक सीट के लिए सर्वाधिक कॉम्पिटिशन की संख्या रही. हालांकि, एमबीबीएस के अलावा नीट यूजी के जरिए बीडीएस, आयुष और नर्सिंग के कोर्सेज में भी एडमिशन मिलता है. इसके चलते भी इसमें शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ रही है.

38 अभ्यर्थी एक सीट पर करेंगे दावेदारी - एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा का कहना है कि सरकारी सीट पर फीस कम होने के चलते अभ्यर्थियों का रुझान सरकारी मेडिकल कॉलेज में अधिक रहता है. इसके पीछे असल वजह यह है कि निजी कॉलेजों में करीब 60 लाख से सवा करोड़ रुपए तक फीस होती है. ऐसे में अभ्यर्थियों का रुझान सरकारी मेडिकल सीट पर रहता है. जिस हिसाब से वर्तमान में 53198 सरकारी सीट्स है. उसके अनुसार अंदाजा लगाया जा सकता है कि 37 से 38 अभ्यर्थी एक सीट पर दावेदारी जताएंगे.

10 साल पहले नीट यूजी, फिर दो साल हुई AIPMT - देश में मेडिकल की एक ही परीक्षा आयोजित करने को लेकर शुरुआत में काफी कशमकश हुई. वहीं, 2013 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर नीट यूजी एग्जाम की शुरुआत की गई. इस दौरान देश में 52110 मेडिकल की सीटें थी. जिन पर 717127 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. इस पहले साल में एक मेडिकल सीट के लिए करीब 14 विद्यार्थियों के बीच कॉम्पिटिशन हुआ था. हालांकि, 2014 और 2015 में राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा नीट यूजी को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के चलते आयोजित नहीं किया गया था. इस दौरान ऑल इंडिया पैरामेडिकल टेस्ट आयोजित हुआ था. जिनमें अभ्यर्थियों की संख्या कमी थी. हालांकि, इस दौरान स्टेट पीएमटी भी आयोजित की गई थी.

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