करौली. कोरोना संक्रमण की वैश्विक महामारी के चलते आमजन के साथ पशु भी संकट में है. गरीब और दिहाड़ी मजदूर लॉकडाउन की इस विषम परिस्थिति में अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करने में असमर्थ है. वहीं, इन बेजुबान पशुओं पर भी कोरोना संक्रमण का भारी प्रकोप पड़ रहा है. जहां असहाय निराश्रितों के लिए फरिश्ते बन कर आए भामाशाहों ने यह कमान संभाली है. वहीं, बेजुबान गायों और गरीबों के लिए गुडला गांव के गुर्जर बैसलाओं के 12 गांवो के किसानों ने आपस में संग्रह कर जिला प्रशासन को 200 क्विंटल गेहूं भेंट मे दिए है. कोरोना संकट की इस घड़ी में किसानों द्वारा की गई मदद से हजारों बेसहारा गायों को भोजन की समस्या से निजात मिलेगी.
बता दें कोरोना वायरस को लेकर चल रहा लॉकडाउन बेसहारा पशुओं पर अधिक असर डाल रहा है. आम दिनों में मंदिरों गौशाला सार्वजनिक स्थानों पर श्रद्धालुओं और आमजन की ओर से डाले जाने वाले हरे चारे और घास से पेट भरने वाले बेजुबान गोंवश के समक्ष अब भुखे रहने की नौबत बन रही है. ऐसे में जिला कलेक्टर डॉ. मोहन लाल यादव और पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार की अपील पर जिले में इस महामारी से लड़ने के लिए 'कोरोना हारेगा और इंडिया जीतेगा' के जोश के साथ गुडलागढ़ के 12 गांवों के किसानों ने आपस में संग्रह कर जिला प्रशासन को 200 क्विंटल गेहूं भेंट किए हैं.
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गुर्जर आरक्षण समिति के प्रदेश मीडिया प्रभारी हाकिम सिंह गुर्जर और हिंदू सेना के प्रदेश अध्यक्ष साहब सिंह गुडला ग्राम पंचायत के समाजसेवी शेरा बैंसला ने बताया, कि कोरोना संकट की इस घड़ी में सरकार द्वारा लॉकडाउन के आदेश जारी किए गए हैं. जिससे दिहाडी मजदूर निराश्रित लोगों, सड़कों पर विचरण करने बाली गौमाता के सामने भोजन की समस्या उत्पन्न हो गई है. जिला कलेक्टर डॉ मोहन लाल यादव ने बताया की, कोरोना संकट की इस घड़ी में गुडलागढ़ के 12 गांवों ने संग्रह कर जिला प्रशासन को 200 क्विंटल गेहूं भेट किये हैं. कलेक्टर ने कहा कि गांव में उपस्थित समस्त ग्रामीणों व समाज सेवियों की सहमति के साथ यह गेंहू जिले में समस्त संचालित गौशाला में रह रही 2688 गायों के खाने के लिये कार्य में लिया जाएगा.