ETV Bharat / state

अमेजन, फ्लिपकार्ट और पेटीएम कर रही एफडीआई के नियमों का उल्लंघन...हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस

author img

By

Published : Oct 1, 2019, 6:29 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट में एक याचिका पेश की गई जिसमें याचिकाकर्ता ने ऑनलाइन कंपनी अमेजॉन, फ्लिपकार्ट और पेटीएम पर एफडीआई के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. जिसके बाद से याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से इस संबंध में नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

कोर्ट ने केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस, Court issued notice to central government

जोधपुर. ऑनलाइन भारी डिस्काउंट पर सामान बेचने वाली कंपनियां अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, पेटीएम एफडीआई नियमों का उल्लंघन कर रही है. जिसे लेकर राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य पीठ जोधपुर में कॉन्फ़िगरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन की ओर से एक याचिका पेश की गई.

याचिका की सुनवाई पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस

जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस दिनेश मेहता की कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जिसकी अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी. याचिकाकर्ताओं की ओर से पक्ष रखते हुए अधिवक्ता राजवेंद्र सारस्वत और अधिवक्ता अबीर रॉय ने कोर्ट को बताया कि यह कंपनियां एफडीआई के नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रही है.

पढ़ें: HC ने कर्मचारी को नियमित नहीं करने और सिर्फ 2400 रुपये वेतन दिए जाने पर अधिकारियों से मांगा जवाब

साथ ही कंपनियों की ओर से मार्केट पर कब्जा जमाने के उद्देश्य से लॉस्ट फंडिंग कर खरीदारों को 80 से 90 फीसदी तक डिस्काउंट देकर घरेलू बाजार को खत्म कर रही है. फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट के नियमानुसार कंपनियां अपने उत्पाद को अपने प्लेटफार्म के माध्यम से बेच रही है जिसकी ओनरशिप इन कम्पनियों की नहीं हो सकती, जबकि वर्तमान में जो प्रोडक्ट इन वेबसाइट्स पर बिक रहे हैं वे ज्यादातर इनकी ही कंपनियों के है. जो कि एफडीआई के नियमों का खुला उल्लंघन है.

इसके अलावा कोई भी कंपनी प्राइस को प्रिडेटर माइन नहीं कर सकती. जिसका सीधा-सीधा मतलब होता है कि कंपनी प्रोडक्ट पर डिस्काउंट नहीं दे सकती. अधिवक्ता राजवेंद्र सारस्वत ने कोर्ट को बताया कि गत वर्ष इन कंपनियों को करीब साढ़े सात हजार करोड़ का नुकसान हुआ. लेकिन बाजार पर कब्जा जमाने के उद्देश्य से इस नुकसान को वह सहजता से उठा रहे हैं.

पढ़ें: दौसा में दो स्थानों पर चोरी, लाखों का माल पार

वहीं उदाहरण देते हुए अधिवक्ता ने बताया कि जिस तरह से पहले बुक स्टॉल पर किताबें बिकती थी लेकिन ऑनलाइन कंपनियों ने 50 से 60 फ़ीसदी डिस्काउंट देते हुए किताबे बेचना शुरू किया. धीरे-धीरे घरेलू बाजार से बुक स्टॉल खत्म हो गई और अब कंपनियों ने डिस्काउंट देना बंद कर दिया. इसके अलावा अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि घरेलू बाजार को खत्म कर पूरे बाजार पर एकाधिकार स्थापित करने के उद्देश्य से इस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं जो कि एफडीआई के नियमों का खुला उल्लंघन है.

वहीं अब इस मामले में आगामी 14 अक्टूबर को फिर सुनवाई होगी जहां केंद्र सरकार की ओर से आगामी सुनवाई पर जवाब पेश करना है. गौरतलब है कि कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं को यह लिबर्टी दी है कि वे इन कंपनियों को ईमेल के माध्यम से नोटिस भेज सकते हैं.

Intro:Body:
अमेजन, फ्लिपकार्ट और पेटीएम द्वारा एफडीआई के नियमों के उल्लंघन की याचिका पर केंद्र सरकार नोटिस


जोधपुर।

ऑनलाइन भारी डिस्काउंट पर सामान बेचने वाली कंपनियां अमेजॉन फ्लिपकार्ट पेटीएम एफडीआई नियमों का उल्लंघन कर रही है इसको लेकर राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य पीठ जोधपुर में है कॉन्फ़िगरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन की ओर से एक याचिका पेश की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस दिनेश मेहता की कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी । याचिकाकर्ताओं की ओर से पक्ष रखते हुए अधिवक्ता राजवेंद्र सारस्वत व अधिवक्ता अबीर रॉय ने कोर्ट को बताया कि यह कंपनियां एफडीआई के नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रही है। कंपनियों द्वारा मार्केट पर कब्जा जमाने के उद्देश्य से लॉस्ट फंडिंग कर खरीदारों को 80 से 90 फ़ीसदी तक डिस्काउंट देकर घरेलू बाजार को खत्म कर रही है। फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट के नियमानुसार कंपनियां अपने उत्पाद को अपने प्लेटफार्म के माध्यम से बेच रही है उसकी ओनरशिप इन कम्पनियो की नही हो सकती जबकि वर्तमान में जो प्रोडक्ट इन वेबसाइट्स पर बिक रहे हैं वे ज्यादातर इनकी ही कंपनियों के है।
एफडीआई के नियमों का खुला उल्लंघन है। इसके अलावा कोई भी कंपनी प्राइस को प्रिडेटर माइन नहीं कर सकती। जिसका सीधा सीधा मतलब होता है कि कंपनी प्रोडक्ट पर डिस्काउंट नहीं दे सकती। अधिवक्ता राजवेंद्र सारस्वत ने कोर्ट को बताया कि गत वर्ष इन कंपनियों को करीब साढ़े सात हजार करोड़ का नुकसान हुआ। लेकिन बाजार पर कब्जा जमाने के उद्देश्य से इस नुकसान को वह सहजता से उठा रहे हैं। उदाहरण देते हुए अधिवक्ता ने बताया कि जिस तरह से पहले बुक स्टॉल पर किताबें बिकती थी लेकिन ऑनलाइन कंपनियों ने 50 से 60 फ़ीसदी डिस्काउंट देते हुए किताबे बेचना शुरू किया। धीरे-धीरे घरेलू बाजार से बुक स्टॉल खत्म हो गई और अब कंपनियों ने डिस्काउंट देना बंद कर दिया। इसके अलावा अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इनका उद्देश्य घरेलू बाजार को तहस-नहस कर देना है और घरेलू बाजार को खत्म कर पूरे बाजार पर एकाधिकार स्थापित करने के उद्देश्य से इस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं जो कि एफबीआई के नियमों का खुला उल्लंघन है। अब इस मामले में आगामी 14 अक्टूबर को फिर सुनवाई होगी केंद्र सरकार की ओर से आगामी सुनवाई पर जवाब पेश करना है। गौरतलब है कि कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं को या लिबर्टी दी है कि वे इन कंपनियों को ईमेल के माध्यम से नोटिस भेज सकते हैं।
350 करोड़ की बिक्री
ऑनलाइन कंपनी अमेजॉन ने अपनी पिछले 36 घंटों में मेगा डिस्काउंट के चलते अमेजॉन पर करीब साडे 350 करोड रुपए की बिक्री हुई है। यह तथ्य भी कोर्ट के सामने रखा गया।


बाइट-राजवेंद्र सारस्वत, अधिवक्ता याचिकाकर्ताConclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.