जोधपुर. सोच से परे है कि जरूरतमंदों का पेट भरने के लिए शुरू की गई रसोई बड़े होटलों और रेस्तरांओं का स्वाद चखने वालों को भी रास आ सकती है (Tourists In Jodhpur ). लेकिन ऐसा हुआ. ऑस्ट्रेलिया की ओली और बीम क्लार्क के दिल को खालिस देसी अंदाज में परोसी थाली छू गई. दोनों हैरान हुईं कि प्रदेश में ऐसी कोई रसोई भी है जो नाममात्र के खर्चे पर भरपेट भोजन भी कराती है. स्पष्ट है कि " कोई भी भूखा न रहे" उद्देश्य के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से शुरू की गई इंदिरा रसोई योजना न केवल राजस्थान वासियों को बल्कि विदेशी सैलानियों को भी खूब पसंद आ रही है.
जोधपुर घूमने आए ऑस्ट्रेलिया निवासी ओली और बीम क्लॉक टावर घूमने पहुंचीं. घंटाघर घूमने के दौरान उन्हें भूख लगी तो उन्होंने वहां इंदिरा रसोई का होर्डिंग देखा. सैलानियों ने यही खाना खाने का मन बनाया और घंटाघर में एमबीएल बोहरा शिक्षण संस्थान की ओर से संचालित इंदिरा रसोई में पहुंच गईं. नगर निगम उत्तर के आयुक्त अतुल प्रकाश ने बताया कि रसोई संचालक ने " अतिथि देवो भव " की परम्परा को अपनाते हुए विदेशी सैलानियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें पूरे मान सम्मान के साथ भोजन करवाया.
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इंदिरा रसोई का भोजन खाने के बाद दोनों ही विदेशी सैलानी बेहद प्रसन्न नजर आईं. उन्होंने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि जोधपुर घूमने आने वाले सैलानियों को यहां का खाना चखना चाहिए. दावा किया कि अगर सैलानी ऐसा नहीं करेंगे तो वो बहुत बड़ी चीज मिस करेंगे. वहां मौजूद इंदिरा रसोई संचालक हुकमसिंह ने बताया कि इसे सीएम गहलोत ने शुरू कराया है तो उन्होंने सीएम का आभार जताते हुए कहा- Thank You CM Ashok Gehlot.