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अपने 'घर' में ही नहीं चला गहलोत का गारंटी कार्ड, सूरसागर में भाजपा को मिली अब तक सबसे बड़ी जीत

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 5, 2023, 6:39 PM IST

जोधपुर की सूरसागर विधानसभा सीट पर भाजपा के देवेंद्र जोशी ने यहां पर अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की. पूर्व मुख्यमंत्री के गृ​ह जिले में भी उनका गारंटी कार्ड नहीं चल पाया.

Soorsagar seat won by BJP
सूरसागर विधानसा सीट पर भाजपा

जोधपुर. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनाव के पहले कहते रहे कि उनकी योजनाओं का अंडर करंट चला है, जिसके बूते वे सत्ता में लौटेंगे. लेकिन उनके गृह नगर में चल रहे अंडर करंट को वे नहीं पहचान पाए. यहां कांग्रेस की सबसे बुरी हार सूरसागर में हुई. हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण की इस सीट पर गहलोत ने युवा मुस्लिम चेहरे को इस उम्मीद के साथ उतारा कि इस बार चुनाव जीत जाएंगे. लेकिन पिछले तीन चुनावों की सबसे भीषण हार झेलनी पड़ी.

हिंदू मतों का ध्रुवीकरण का विस्फोट इस कदर हुआ कि कांग्रेस प्रत्याशी तीन दर्जन बूथों पर दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर पाया. ध्रुवीकरण मुस्लिम मतों का भी हुआ जो हर बार होता है, जिसके चलते भाजपा उम्मीदवार भी 12 बूथ पर दहाई पार नहीं कर सके और दो बूथ पर ईकाई तक सीमित रहे. यही कारण था कि 25 राउंड की गिनती में कांग्रेस प्रत्याशी शहजाद खान सिर्फ चार राउंड में आगे रहे, लेकिन तब तक भाजपा के देवेंद्र जोशी की बढ़त इतनी हो गई थी कि पीछे करना मुश्किल हो गया था.

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यह है ध्रुवीकरण की मिसाल: सूरसागर में कुल 243 मतदान केंद्रों पर वोट डाले गए थे. इनमें भाजपा के देवेंद्र जोशी को बूथ नंबर 105 पर 3 और बूथ नंबर 118 पर सिर्फ 9 मत मिले. इसके अलावा बूथ नंबर 18 पर 11, 74 पर 31, 75 पर 49, 76 पर 29, 106 पर 10, 116 पर 71, 132 पर 17, 133 पर 46, 134 पर 27, 135 पर 67, 136 पर 24 और 156 पर 19 मत मिले थे. जबकि कांग्रेस के शहजाद को सबसे कम मत बूथ नंबर 94 पर 28, 99 पर 43, 53 पर 52, 54 पर 56, 95 पर 60 सहित कुल 36 मतदान केंद्रों पर अधिकतम 99 मत मिले.

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2018 में 16 बूथ पर भाजपा दहाई में सिमटी थी: सूरसागर सीट पहले सुरक्षित सीट थी. तब भी 1990 से 2003 तक कांग्रेस एक बार ही जीती थी. 2008 में नए परिसीमन के बाद सामान्य सीट बनी, तो भाजपा की सूर्यकांता व्यास यहां से लड़ने लगी. उन्होंने तीन चुनाव जीते. हर बार जीत का अंतर 15 हजार के अंदर रहा. 2018 के चुनाव में भाजपा 5763 मतों से जीती. इस चुनाव में 14 बूथ पर भाजपा दहाई में सिमटी जबकि कांग्रेस सिर्फ 7 पर. 14 में भी 5 बूथ पर 10 से भी कम मत मिले थे.

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अपनी सीट बचाने के लिए कमजोर उतारते: कांग्रेस से सूरसागर में अंतिम बार विधायक 1998 में भंवर बलाई सुरक्षित सीट से जीते थे. इसके बाद से गहलोत अल्पसंख्यक को ही उतार रहे हैं. इस बार जब शहजाद को टिकट दिया, तो सबसे ज्यादा विरोध अल्पसंख्यकों ने ही किया. उन्होंने कहा कि सरदारपुरा बचाने के लिए हमें यहां टिकट देते हैं. लेकिन मजबूत उम्मीदवार नहीं उतारते हैं. इसके बाद कई इस्तीफे भी हुए थे. जिसका असर भी दिखा. अल्पसंख्यकों की वोटिंग कम हुई.

सूरसागर का परिणाम: सूरसागर विधानसा सीट पर भाजपा को कुल 117065 वोट मिले. ये कुल वोटों का 58.27% है. वहीं कांग्रेस को 78306 वोट मिले, जो कुल वोटों का 38.98% है. भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र जोशी ने इस सीट पर कांग्रेस के शहजाद को 38759 वोटों के अंतर से हराया.

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