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नागौर भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 21, 2023, 7:31 PM IST

जोधपुर की निचली अदालत ने नागौर से भाजपा की प्रत्याशी और पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा सहित तीन लोगों के खिलाफ उदयमंदिर थाने में मामला दर्ज करने का आदेश दिया है.

ज्योति मिर्धा के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश
ज्योति मिर्धा के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश

ज्योति मिर्धा के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश

जोधपुर. नागौर से भाजपा की प्रत्याशी और पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा सहित तीन लोगों के खिलाफ जोधपुर की निचली अदालत ने उदयमंदिर थाने में मामला दर्ज करने का आदेश दिया है. उषा पूनिया के वकील राजकुमार पारिक ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि कोर्ट ने ज्योति मिर्धा के अलावा उनकी बहन हेमश्वता और प्रेमप्रकाश मिर्धा के खिलाफ कूट रचित दस्तावेजों का प्रयोग करने को लेकर मामला दर्ज करने का आदेश जारी किया है. कोर्ट ने ये आदेश 18 नवंबर को जारी किया है. प्रेस कांफ्रेंस में भाजपा के पूर्व नेता विजय पूनिया भी मौजूद थे.

वकील राजकुमार पारीक बताया कि अगस्त 2021 में ज्योति मिर्धा उनकी बहन हेम श्वेता ने अपने चाचा भानु प्रकाश मिर्धा, पूर्व मंत्री उषा पूनिया उनकी दो पुत्रियां सहित 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था. लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद ज्योति मिर्धा ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की वो भी खारिज हो गई. दूसरे पक्ष ने जोधपुर में ज्योति मिर्धा, हेमश्वेता व प्रेमप्रकाश मिर्धा के विरुद्ध अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट संख्या 6 की अदालत में इस्तगासा पेश किए जिस पर कोर्ट ने उदयमंदिर थाने को मामला दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं.

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हमारे खिलाफ झूठा मामला दर्ज करवाया था: पूनिया ने कहा कि मेरे मिर्धा परिवार के साथ संबंध हमेशा मधुर रहे हें और आज भी हैं, लेकिन ज्योति मिर्धा ने हमारे खिलाफ झूठा मामला दर्ज करवाया था. पूनिया ने बताया कि इसमें मेरी दो बेटियों व पत्नी का भी नाम शामिल था. पूनिया ने कहा कि इसे मामले को निस्तारित करने के लिए हमें न्यायालय जाना पड़ा. पूनिया ने कहा कि मैंने सक्रिय राजनीति से अब पूरी तरह से दूरी बना ली है.

चौपासनी फार्म हाउस जमीन का था विवाद: जोधपुर के चौपासनी क्षेत्र में करीब पचास बीघा क्षेत्रफल में मिर्धा फार्म हाउस स्थित है. स्व.नाथूराम मिर्धा अमूमन यहां पर निवास करते थे. उनके दौर में यह क्षेत्र जोधपुर शहर से बाहर था. शहर के विस्तार के साथ यह शहरी सीमा में आ गया. इस कारण इस जमीन की कीमत बहुत अधिक बढ़ गए. ज्योति का आरोप था कि 1988 में उसके चाचा भानु प्रकाश ने फार्म हाउस की चार बीघा भूमि भंवरलाल को बेच दी. भंवरलाल ने इस भूमि पर कॉलोनी काटने का फैसला किया. जो हिस्सा बेचा गया वह रामप्रकाश मिर्धा के हिस्से का था. राम प्रकाश मिर्धा की 22 जुलाई 1993 को मौत हो गई थी जिसके बाद ज्योति मिर्धा की मां वीणा देवी संपत्ति की वारिस बनी. वीणा देवी की मौत के बाद दोनों बेटियां ज्योति व हेमश्वेता वारिस बनीं. ज्योति मिर्धा ने आरोप लगाया था कि उनकी पिता की मृत्यु से पहले चाचा ने कृषि भूमि का आवासीय में परिवर्तित करवा लिया. 2018 के अंत में न्यायालय के समक्ष बंटवारे के दावे के दौरान इस फर्जीवाड़े की जानकारी उन्हें प्राप्त हुई थी जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज हुई, लेकिन इस एफआईआर को पहले हाईकोर्ट व बाद में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. आरोप है कि ज्योति मिर्धा व उनकी बहन ने एक हैंड राइट एक्सपर्ट की झूठी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी.

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