Online Fraud Case : 16 करोड़ की ठगी के आरोपियों की जमानत खारिज, हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत

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Published : Jan 4, 2023, 8:10 PM IST

Rajasthan High Court

जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट व्यापारी से 16 करोड़ रुपये की ऑनलाइन ठगी के मामले में आरोपियों की जमानत (Rajasthan High Court Rejected Bail of Accused) खारिज हो गई है. बुधवार को राजस्थान हाईकोर्ट से दोनों को कोई राहत नहीं मिली.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने हैंडीक्राफ्ट व्यापारी से 16 करोड़ रुपये की ऑनलाइन ठगी के मामले में (Online Fraud Case) उदयपुर से गिरफ्तार दोनों आरोपियों की ओर से पेश जमानत याचिका को खारिज करते हुए राहत देने से इंकार कर दिया. जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की अदालत ने आरोपी याचिकाकर्ता उदयपुर निवासी दीपक सोनी व मानव गर्ग की ओर से पेश जमानत याचिका को याचिकाकर्ता द्वारा वापस लिए जाने पर बुधवार को खारिज कर दिया.

परिवादी व्यवसायी अरविंद कालाणी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. सचिन आचार्य ने पैरवी करते हुए बताया कि जोधपुर शहर के महामंदिर थाना इलाके में रहने वाले हैंडीक्राफ्ट व्यवसायी अरविंद कालाणी के साथ वायदा करोबार में पूर्वानुमान बताकर आरोपियों ने 16 करोड़ रुपये की ठगी (Fraud Case of Rs 16 Crore) की थी. जोधपुर पुलिस ने गैस चूल्हा रिपेयर करने वाले 28 साल के दीपक सोनी व एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले 27 साल के मानव गर्ग को उदयपुर से गिरफ्तार किया है.

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जोधपुर पुलिस की साइबर टीम ने कुल 8 खातों को फ्रीज करवाया है. जिनमें 1 से 21 नंवबर 2022 के बीच बदमाशों ने अरविंद कालाणी को (Online Fraud with Jodhpur Handicraft Exporter) 49 करोड़ रुपये का मुनाफा बताकर कमीशन के 16 करोड़ रुपये ले लिए थे. जबकि कालाणी को मुनाफे का एक पैसा भी नहीं दिया था. इतना ही नहीं, पुलिस जांच में ये भी सामने आया है कि जिन खातों में कालाणी ने पैसा जमा करवाया था, उनसे जुड़े लोग अब तक देश में कई लोगों से करोड़ो रुपये की ठगी कर चुके हैं.

दरअसल, जोधपुर शहर के हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर के साथ अब तक की सबसे बड़ी ऑनलाइन ठगी हुई है. ठगी में व्यापारी अरविंद कालाणी से 16 करोड़ से अधिक रुपये ऐंठने का मामला सामने आया है. महामंदिर थाना पुलिस के अनुसार विदेशी कंपनी में निवेश के नाम पर यह ठगी हुई है. निवेश के बाद व्यापारी को लाभ सहित रकम वापस नहीं दी गई और इसके लिए तकादा किया तो ठगों ने एक्सपोर्टर को व्हाट्सएप ग्रुप से अलग कर दिया. इस मामले की जांच साइबर सेल के एसीपी मांगीलाल राठौड़ को दी गई है.

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