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जोधपुर के शुष्क क्षेत्रों में किसान परिवारों की आय बढ़ाने के लिए 'काजरी' की कवायद

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Published : Oct 16, 2019, 10:25 AM IST

किसान परिवार भी अपनी आय को बढ़ाने में किस तरह काम कर सकते हैं, इसको लेकर जोधपुर के काजरी में किसान केंद्र के वैज्ञानिक क्षेत्र की फसलों के बाय प्रोडक्ट तैयार कर रहे हैं. इसका प्रशिक्षण किसान परिवार को दिया जाता है. केंद्र के वैज्ञानिक यहां किसान परिवार को बाजरे का केक, खजूर की चॉकलेट सहित अन्य मीठे पकवान बनाना सिखा रहे हैं.

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जोधपुर. केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आय को दुगुनी कर दी जाए. इसको लेकर किसानों के उत्पाद के दामों में बढ़ोत्तरी की जा रही है. साथ ही उत्पाद को बढ़ाने के लिए भी कई तरह की तकनीकें किसानों को बताई जा रही है. इसी कड़ी में यहां के वैज्ञानिक किसान परिवार को बाजरे का केक, खजूर की चॉकलेट सहित अन्य मीठे पकवान बनाना सिखा रहे हैं.

शुष्क क्षेत्र में किसान परिवार की आय बढ़ाने की काजरी की कवायद

इन पकवानों का उपयोग किसान अपने घरों में भी कर सकते हैं और साथ ही आवश्यकता पड़ने पर बड़े स्तर पर उनका उत्पाद कर अपनी आजीविका को भी बढ़ाया जा सकता है. किसान केंद्र के वैज्ञानिक हेमलता अवस्थी ने बताया कि शुष्क क्षेत्र की प्रमुख फसलें बाजरा, मूंगफली, तिल, ज्वार, गम के अलावा अनार, तरबूज, गोंद, करौंदा के साथ दूध, खजूर सहित अन्य चीजों का उपयोग कर पुडिंग बनाई जाती है.

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इसमें खासतौर पर बिना अंडे से बना बाजरे का केक काफी प्रचलित है. इसके अलावा यहां पर बाजरे के बिस्किट भी बनाए गए हैं, हालांकि अभी प्रायोगिक तौर पर इसकी शुरुआत हुई है. गौरतलब है कि प्रशिक्षण कार्यक्रम तो चलाए जा रहे हैं जिसका असर आने वाले दिनों में नजर आएगा. वैज्ञानिकों के अनुसार किसान परिवारों का प्रशिक्षण काजरी के परिसर के अलावा आवश्यकता पड़ने पर गांव में जाकर भी दिया जाता है.

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Body:जोधपुर। केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आय को दुगुनी कर दी जाए इसको लेकर किसानों के उत्पाद के दामों में बढ़ोतरी की जा रही है और साथ ही उत्पाद को बढ़ाने के लिए भी कई तरह की तकनीकें किसानों को बताई जा रही है इस कड़ी में किसान परिवार भी अपनी आय को बढ़ाने में किस तरह काम कर सकते हैं इसको लेकर जोधपुर के काजरी में किसान केंद्र के वैज्ञानिक क्षेत्र की फसलों के बाय प्रोडक्ट तैयार कर रहे हैं और इसका प्रशिक्षण किसान परिवार को दिया जाता है, केंद्र के वैज्ञानिक यहां किसान परिवार को बाजरे का केक खजूर की चॉकलेट सहित अन्य मीठे पकवान बनाना सिखा रहे हैं जिसका भी अपने घर में भी उपयोग कर सकते हैं और आवश्यकता पड़ने पर बड़े स्तर पर उनका उत्पाद कर अपनी आजीविका को भी बढ़ा सकते हैं किसान केंद्र के वैज्ञानिक हेमलता अवस्थी बताती है कि शुष्क क्षेत्र की प्रमुख फसलें बाजरा मूंगफली तिल ग्वार गम के अलावा अनार तरबूज गोंद करौंदा के साथ दूध खजूर सहित अन्य चीजों का उपयोग कर पुडिंग बनाई जाती है जिसमें खासतौर से बिना अंडे का बाजरे का केक काफी प्रचलित है इसके अलावा बाजरे के बिस्किट भी बनाए गए हैं हालांकि अभी प्रायोगिक तौर पर इसकी शुरुआत हुई है प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिसका असर आने वाले दिनों में सामने आएगा वैज्ञानिक बताती है कि किसान परिवारों का प्रशिक्षण काजरी के परिसर के अलावा आवश्यकता पड़ने पर गांव में जाकर भी दिया जाता है।
बाईट 1 हेमलता अवस्थी, वैज्ञानिक काजरी
बाईट 2 हेमलता अवस्थी वैज्ञानिक काजरी


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