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Jodhpur Jail Me khel: पैसे की दम पर कैदियों को मिलती है हर सुविधा, हो रहा लाखों का वारा-न्यारा !

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Published : Apr 14, 2023, 7:01 PM IST

Jodhpur Jail Me khel
पैसे की दम पर कैदियों को मिलती है हर सुविधा

जोधपुर जेल में कैदियों के लिए पैसों की दम पर हर सुविधा मौजूद रहती है. हां ये अलग बात है कि इसके लिए उन्हें बड़ी भारी कीमत चुकानी पड़ती है. यहां एक बीड़ी के बंडल के लिए 1 हजार से लेकर 1800 रुपए तक वसूले जाते हैं. इस प्रतिबंधित बीड़ी, तंबाकू, सिगरेट गुटखे की सप्लाई के जरिये लाखों के वारे-न्यारे किए जा रहे हैं.

पैसे की दम पर कैदियों को मिलती है हर सुविधा

जोधपुर. देश की सुरक्षित जेलों में शुमार जोधपुर की सेंट्रल जेल एक बार फिर सुर्खियों में हैं. यहां जब भी तलाशी होती है तो मोबाइल बंदियों के पास या लावारिस पाए जाते हैं. इस बार जेल में सप्लाई के लिए लाए गए मोबाइल के साथ साथ बीड़ी के बंडल, तंबाकू के पाउच बड़ी संख्या में मिले हैं. जेल सूत्रों की माने तो लंगर की छत पर पंखों के कार्टून में मिली यह सामग्री अंदर बंदियों को ही बेची जानी थीं. इस सामग्री से लाखों रुपए कमाए जाने थे. जेल के अंदर मोबाइल उपलब्ध करवाने के लिए हजारों रुपए मिलते हैं. इस पूरे मामले में जेल अधीक्षक व डीआईजी राजपाल सिंह द्वारा जेलर सूरज नारायण और स्टोर प्रभारी के निलंबन की कार्रवाई यह तो साबित करती है कि जेल के अंदर गड़बड़ है, लेकिन उन्होंने इस संबंध में स्पष्ट रूप से कुछ भी कहने से इंकार कर दिया.

एक बीड़ी बंडल मिलता है 1800 रुपए मेंः इसके अलावा किसी को बात करवाने के लिए भी बड़ी रकम वसूली जाती है. इतना ही नहीं एक बीड़ी का बंडल एवं तंबाकू पाउच कम से कम एक हजार अधिकतम 1800 रुपए में बिकता है. इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसमें शामिल जेल कर्मी दो दिन में हजारों की तादात में बीड़ी के बंडल, तंबाकू के पाउच से कितनी बड़ी रकम कमाते है. अचरज की बात यह भी है कि जेल में ऐसे समान के प्रवेश को रोकने के लिए स्कैनर, सीसीटीवी और कर्मचारी भी है, लेकिन यह सब सामान उनकी नजर से भी बचकर अंदर आ जाता है.

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किसे देने के लिए लाए बीड़ी, तंबाकूः जेल के लंगर की छत पर मिले पंखों के कार्टून में 2371 बीड़ी के बंडल बरामद जेल प्रशासन ने किए थे. इसके अलावा 630 तंबाकू के पाउच मिले. साथ ही 18-18 रजनीगंधा व तुलसी जर्दे के जिपर पाउच मिले थे. बुधवार को 20 हीटर स्प्रिंग भी बरामद हुई है. इसके बाद से सवाल उठ रहे हैं कि उपरोक्त सभी सामग्री जेल में निषेध है, तो फिर अंदर कैसे आई? कोई जांच क्यों नहीं हुई? इसमें हर स्तर पर मिलीभगत हुई. जिसके चलते जेल के अंदर लंगर की छत तक यह सामाग्री पहुंच गई. जेल प्रशासन द्वारा किए गए इस खुलासे से साफ होता जा रहा है कि जेलकर्मी ही यह सामग्री अंदर पहुंचाते हैं.

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परिजन बोले हर सुविधा का देना पड़ता है पैसाः जोधपुर जेल में प्रतिदिन बंदियों से मिलने के लिए परिजन आते हैं. जेल के बाहर परिजनों ने अपनी पहचान उजागर नहीं करने पर बताया कि जेल में उनके बंदी को सुविधा देने के एवज में खर्चा तो करना ही पड़ता है. अगर किसी को जर्दा तंबाकू बीड़ी की लत है तो उसे हम नहीं दे सकते है. अंदर ही जो लोग इस काम में शामिल हैं वे उपलब्ध करवाते हैं. एक बीड़ी बंडल कम से कम हजार रुपए में मिलता है. इसी तरह से ब्रांडेड गुटखे का एक छोटा पाउच 500 रुपए में मिलता है. जबकि चूना मिश्रित जर्दा एक हजार रुपए देने पर उपलब्ध होता है. हीटर स्प्रिंग को सीधा बिजली जोड़कर बंदी अंदर जुगाड़ का हीटर तैयार कर लेते हैं. बताया जाता है कि प्रभावशाली बंदी इनका ज्यादा उपयोग करते हैं. चाय-दूध के अलावा मनपसंद सब्जियां भी बनाई जाती हैं.

पहले भी स्टोर आया था संदेह के घेरे मेंः जोधपुर जेल में 2021 में जोधपुर डीसीपी ईस्ट धर्मेंद्र सिंह यादव ने एक विशेष जांच में 17 मोबाइल बरादम किए थे. उस मामले में भी जेल कर्मियों की मिलीभगत सामने आई थी. कुछ लोगों के तबादले किए गए थे. एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था. जिसमें किस तरह से स्टोर के मार्फत निषेध सामग्री अदंर जाती थी. बावजूद इसके कारागृह विभाग ने बड़ी कार्रवाई नहीं की था. जांच पर भी एफआर लगा दी है. सिर्फ खानापूर्ति करके छोड़ दिया गया. जिसके चलते जोधपुर जेल में मोबाइल, अफीम, चाकू जैसी निषेध सामग्री का पहुंचना रुका नहीं है.

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