जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश विजय विश्नोई व न्यायाधीश योगेंद्र कुमार पुरोहित की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका को विचारार्थ स्वीकार करते हुए सिरोही जिले के पेशुवा गांव से गुजर रही बनास नदी के कैचमेट एरिया में रॉयल्टी ठेकेदार द्वारा नियम विरूद्ध माइनिंग करने के मामले में राजस्व विभाग के सचिव, खान विभाग के सचिव, सिरोही कलेक्टर व पेशुवा के एसडीएम को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
याचिकाकर्ता मनोहरदान की ओर से अधिवक्ता श्याम पालीवाल ने जनहित याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि सिरोही जिले के पेशुवा गांव से गुजर रही बनास नदी में खुदा एक कुआं ग्रामीणों के लिए पेयजल का एकमात्र स्रोत है. ग्राम पेशुवा के खसरा संख्या 727 किस्म गैर मुमकिन नदी में गांव की पेयजल व्यवस्था के लिए बोरिंग यानि कुआं खुदा हुआ है, जिससे गांव में जलापूर्ति होती है. इस बोरिंग से महज 300 फीट की दूरी पर रॉयल्टी ठेकेदार द्वारा नियमों को ताक में रखकर बजरी का खनन किया जा रहा है.
नदी के कैचमेट एरिया से ही बजरी का धड़ल्ले से खनन हो रहा है. खनन के चलते नदी में 7-8 फीट गहरे गड्ढे हो गए हैं. खनन के लिए मशीनों आदि का इस्तेमाल किया जा रहा है. खनन के लिए गहरे गड्ढे खोदने की वजह से कुएं में पानी कम हो सकता है. जिसका सीधा असर गांव में जलापूर्ति पर पड़ेगा. अधिवक्ता पालीवाल ने कोर्ट के ध्यान में लाया कि ठेकेदार द्वारा की जा रही माइनिंग राजस्थान माइनर मिनरल कनसेशन रूल्स 2017 के नियमों के भी विरूद्ध है. अगर इस तरह नियमों के विरूद्ध माइनिंग चलती रही, तो ग्रामीणों के समक्ष पेयजल का संकट उत्पन्न हो जाएगा.
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ग्रामीणों ने इस संबंध में जिला कलेक्टर व उपखंड अधिकरी पेशुवा को भी प्रतिवेदन देकर बनास नदी में नियम विरूद्ध माइनिंग पर अंकुश लगाने का आग्रह किया, जिस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई. ऐसे में उन्हें मजबूर होकर इस कोर्ट की शरण लेनी पड़ी. खंडपीठ ने याचिका को विचारार्थ स्वीकार करते हुए राजस्व विभाग, खान विभाग, जिला कलेक्टर सिरोही व उपखंड अधिकारी पेशुवा को नोटिस जारी कर 12 अक्टूबर तक जवाब तलब किया है.