झालावाड़/बारां. कहावत है कि राजनीति में ऊंट कब किस करवट बैठ जाए, किसी को अंदाजा नहीं रहता. बारां जिले के अंता विधानसभा क्षेत्र में जनरल सीट होते हुए भी भाजपा ने रिजर्व कैटेगरी के प्रत्याशी पर बड़ा दांव लगाया है. गुरुवार को जारी की गई भाजपा उम्मीदवारों की तीसरी सूची में झालावाड़ जिले के पूर्व विधायक कंवर लाल मीणा को अंता विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया गया है. इस सीट पर कांग्रेस पार्टी मंत्री प्रमोद जैन भाया को मैदान में उतार चुकी है. ऐसे में आगामी 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों उम्मीदवारों के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है.
वसुंधरा खेमे की बड़ी जीत : बारां जिले के अंता विधानसभा क्षेत्र से झालावाड़ जिले के पूर्व विधायक कंवर लाल मीणा को भाजपा का प्रत्याशी घोषित किए जाने को लेकर राजनीतिक जानकार इसे वसुंधरा खेमे की बड़ी जीत बता रहे हैं. पूर्व विधायक कंवर लाल मीणा को वसुंधरा राजे और उनके पुत्र दुष्यंत सिंह का बेहद करीबी माना जाता है. ऐसे में जहां कंवरलाल मीणा की छवि हिंदूवादी संगठनों से भी जुड़ी है, वहीं मीणा आरएसएस संगठन से भी कई वर्षों से जुड़े हुए हैं. ऐसे में अंता सीट से उन्हें भाजपा का प्रत्याशी घोषित किए जाने में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का अहम रोल माना जा रहा है.
भाया व कंवर लाल मीणा के बीच विवाद : आगामी विधानसभा चुनाव से पहले झालावाड़ से पूर्व विधायक कंवर लाल मीणा और क्षेत्र के मंत्री प्रमोद जैन भाया पहले भी एक-दूसरे के आमने-सामने आ चुके हैं. दोनों नेताओं के बीच विवाद तब शुरू हुआ जब कंवरलाल मीणा समुदाय के युवक दिनेश मीणा की हत्या के मामले में विरोध-प्रदर्शन करने अटरू पहुंचे थे. इसी प्रदर्शन के दौरान उन्होंने मंत्री प्रमोद जैन भाया पर मीणा समाज के पांच लोगों पर झूठा मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाया था. मीणा समाज के पांच लोगों में से एक नाम कंवर लाल मीणा का भी था. वहीं, इस घटना से आहत होकर मीणा समाज के लोगों ने झालावाड़ जिले के अकलेरा में मंत्री का विरोध-प्रदर्शन किया था.
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भाया का बढ़ा कद : बारां जिले की अंता विधानसभा से विधायक प्रमोद जैन भाया का हाड़ौती में बड़ा नाम है. ऐसे में माना जाता है कि कांग्रेस और प्रमोद जैन भाया हाड़ौती में एक-दूसरे के पर्याय बन चुके हैं. वहीं, प्रदेश से लेकर केंद्र तक के कांग्रेस के बड़े नेताओं पर भाया ने अपना विश्वास जमाया है. मंत्री प्रमोद जैन की ओर से सर्वजातीय सम्मेलन का विश्व रिकॉर्ड बनाकर क्षेत्र में अपनी पहचान कायम की गई है. ऐसा माना जाता है कि हाड़ौती क्षेत्र में प्रमोद भाया का दबदबा इतना है कि पिछले दिनों झालावाड़ के एक पूर्व विधायक ने अपना टिकट कटने को लेकर मंत्री प्रमोद जैन भाया तक को जिम्मेदार ठहराया था.
अनारक्षित सीट है अंता, ये है सियासी इतिहास : बारां जिले में अंता विधानसभा क्षेत्र अनारक्षित सीट है. 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां 207876 मतदाता थे, जिन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी प्रमोद भाया को 97,160 वोट देकर जिताया था. वहीं, बीजेपी उम्मीदवार प्रभु लाल सैनी को 63,097 वोट हासिल हो सके थे और उन्हें 34,063 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. 2013 में इस क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी प्रभु लाल सैनी को जीत हासिल हुई थी. उन्होंने 69,960 वोट हासिल किए थे. इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद जैन भाया को 66,561 वोट मिले थे. वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी प्रमोद भाया ने कुल 56,519 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. बीजेपी उम्मीदवार रघुवीर सिंह दूसरे स्थान पर रहे थे.