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झालावाड़ः अफीम की खेती के लिए पट्टों का वितरण शुरू...लेकिन किसानों को सता रही ये चिंता

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Published : Nov 8, 2020, 6:04 PM IST

काला सोना के नाम से मशहूर अफीम की खेती के लिए झालावाड़ में किसानों को पट्टों का वितरण शुरू हो चुका है. जिले में इस बार अफीम नीति 2020-21 के तहत 1950 किसानों को पट्टों का वितरण किया जाना है, लेकिन पट्टे मिलने से पहले ही किसानों को फसल की चिंता सताने लगी है.

झालावाड़ में अफीम की खेती, Poppy cultivation in Jhalawar
अफीम खेती के लिए पट्टों का वितरण शुरू

झालावाड़. जिले में किसानों को करीबन 1 महीना देरी से अफीम की खेती के लिए पट्टों का वितरण किया जा रहा है. जिसका असर अफीम की खेती के दौरान देखने को मिलेगा. किसानों ने बताया कि इस बार जिले में बारिश बहुत कम हुई है. ऐसे में जिले के रायपुर, पिड़ावा और सुनेल क्षेत्र में कम पानी की वजह से अफीम की खेती प्रभावित होगी. पानी की कमी से अफीम के उत्पादन में भी कमी आएगी. जिसके चलते किसानों को उनके पट्टे निरस्त होने की भी आशंका है.

अफीम खेती के लिए पट्टों का वितरण शुरू

किसानों ने बताया कि इस बार अफीम की तुलाई भी देरी से हुई थी. जिसकी वजह से किसानों के पास रखे रखे ही अफीम का वजन कम हो गया था. जिसके कारण उनके साथ के कई किसानों के पट्टे निरस्त कर दिए गए थे. ऐसे में अब अफीम के पट्टे भी 1 महीने देरी से जारी हो रहे हैं, तो उनके लिए परेशानियां बढ़ सकती हैं.

इसके अलावा कम आरी के दिए जा रहे पट्टों को लेकर भी किसानों में नाराजगी है. किसानों का कहना है कि उनको 10 या 12 बारी के बजाय 4 और 5 आरी के ही पट्टे दिए जा रहे हैं, जो कि बेहद कम है. उन्होंने बताया कि अफीम की खेती के दौरान उनको मेहनत-मजदूरी उतनी ही करनी पड़ती है. ऐसे में अफीम की खेती के दौरान खर्चा भी अधिक हो जाता है. बावजूद उनको 4 या 5 आरी तक के पट्टे ही मिल पाते हैं.

उनको अफीम की सरकारी कीमत भी 1200 रुपए प्रति किलो के भाव से ही मिलती है. जबकि अफीम की फसल में उपकरण और मजदूर महंगे मिलने से खर्चा ज्यादा होता है. ऐसे में सरकार को प्रति किलो अफीम की दर बढ़ानी चाहिए. साथ ही पट्टे भी 10 या 12 आरी के दिए जाने चाहिए. जिससे किसान अच्छा मुनाफा कमा पाए.

वहीं, जिला अफीम अधिकारी निरंजन गुरु ने देरी से दिए जा रहे पट्टों को लेकर कहा कि अफीम नीति 2020-21 जारी होने के बाद से ही पट्टों का वितरण किया जा रहा है. 1 महीना देरी होने के कारण फसल में खास असर नहीं पड़ेगा. किसानों को अफीम की मिलने वाली कीमत को लेकर उन्होंने कहा कि अफीम नीति के अनुसार ही किसानों को रेट दी जाती है. आरी के पट्टे मॉर्फिन के आधार पर तय किए जाते हैं. जिसके बाद ही किसानों को 5, 6 या 12 आरी के पट्टे दिए जाते हैं.

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बता दें झालावाड़ में करीबन 320 गांवों में अफीम की खेती होती है. जिनमें करीबन 1950 किसानों को अफीम के पट्टे वितरित किए जाने हैं. ऐसे में किसानों को 4.2 से लेकर 5.399 मार्फिन तक 6 आरी तक के पट्टे दिए जा रहे हैं. वहीं 5.4 से लेकर 5.899 मार्फिन तक 10 आरी के पट्टे दिए जा रहे हैं. 5.9 या इससे अधिक मार्फिन तक 12 आरी तक के पट्टे दिए जा रहे हैं.

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