ETV Bharat / state

जालोर सांसद के गोद लिए गांव में प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों को धमकाया, गुस्साए लोगों ने नहीं किया मतदान

author img

By

Published : Dec 6, 2020, 1:56 PM IST

जालोर में सांसद के गोद लिए गांव में प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों को धमकाया. जिसके बाद ग्रामीणों ने वोट ही नहीं किया. ऐसे में प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

Jalore news, boycott voting in Jalore
ग्रामीणों ने किया मतदान बहिष्कार

जालोर. जिले में पंचायतीराज चुनाव के चार चरण संपन्न हो गए हैं लेकिन होथीगांव के लोगों ने मतदान नहीं किया. अपनी मांगों को लेकर ग्रामीणों ने शनिवार को मतदान का बहिष्कार किया. इसमें सबसे गौर करने वाली बात यह रही कि जो अधिकारी समझाइश के लिए आये थे. उन्होंने ही ग्रामीणों को धमकाया की आप वोट दो या नहीं दो, उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. जिसके बाद गुस्साए ग्रामीण वार्ता छोड़कर चले गए.

चितलवाना पंचायत समिति क्षेत्र के होथीगांव में चौथे चरण के तहत जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्यों का चुनाव होना था लेकिन ग्रामीणों ने पानी की मांग को लेकर मतदान के बहिष्कार की घोषणा कर रखी थी. मतदान बहिष्कार की जानकारी ग्रामीणों ने 15 दिन पूर्व चितलवाना के एसडीएम दुदा राम हुड्डा को दे दी. इसके अलावा यह न्यूज़ अखबारों व न्यूज चैनलों की सुर्खियां भी बनी, लेकिन इस बहिष्कार की जानकारी जिला प्रशासन तक नहीं पहुंच पाई. ऐसे में शनिवार को मतदान शुरू हुआ और होथीगांव में मतदान का आंकड़ा जीरो पहुंचा तो प्रशासन के हाथ पांव फूल गए.

एसडीएम दुदाराम हुड्डा को घर से बुलाकर एडीएम छगनलाल गोयल होथीगांव पहुंचे. ग्रामीणों को वार्ता के लिए बुलाया. जिसके बाद आधा घंटा बीतने के बाद ग्रामीणों का हुजूम अधिकारियों से मिलने राजीव गांधी भवन पहुंचे. वार्ता शुरू होने के बाद ग्रामीणों के तीखे सवालों के कारण प्रशासनिक अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पाए. ग्रामीणों ने बताया कि हमने खेतों में लाखों रुपये खर्च करके बीज डाल दिये है और नर्मदा नहर में पानी नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि गुजरात से पानी कम आ रहा है तो हमे कम मिलेगा, लेकिन जब हमारे हिस्से के पानी की बारी शुरू होती है तो लाइट कट जाती है और जब पानी की बारी खत्म होती है तो बिजली शुरू हो जाती है.

यह भी पढ़ें. गहलोत पर राठौड़ का वार, कहा-जिनके घर शीशे के होते हैं, वो दूसरों पर पत्थर नहीं उछाला करते

इस शिकायत का प्रशासनिक व नर्मदा विभाग के अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं था. इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों को कहा कि पानी की आगामी बारी में व्यवस्था हो जाएगी तो ग्रामीणों ने लिखित में मांगा. जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों को धमकाते हुए कहा कि आप वोट दो या नहीं दो, कोई फर्क नहीं पड़ेगा. जिसके बाद ग्रामीण सभा को छोड़कर राजीव गांधी भवन के बाहर आ गए. काफी देर नारेबाजी करने के बाद वापस गांव की तरफ निकल गए. जिसके बाद अधिकारी भी निकल गए, लेकिन इस सब के बीच एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार की घोषणा 15 दिन पहले करने के बावजूद जिला प्रशासन की कुम्भकर्णी नींद क्यों नहीं टूटी.

सबकी नजर इस बात पर की अब क्या होगा

जिले में पंचायतीराज चुनाव संपन्न हो गए, लेकिन होथीगांव में ग्रामीणों ने मतदान नहीं किया. ऐसे में अब हर जगह गांव के एकता की चर्चा हो रही है. साथ में इस बात पर भी चर्चा हो रही है कि इस गांव के मतदान को लेकर आगे क्या होगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.