ETV Bharat / state

स्पेशल: पश्चिमी सीमा पर हालात सामान्य, ग्रामीणों ने कहा- प्रशासन की तरफ से कोई अलर्ट नहीं

author img

By

Published : Jun 18, 2020, 10:58 PM IST

Updated : Jun 19, 2020, 6:06 AM IST

चीन से तनाव के बीच देश की पश्चिमी सीमा पर भी तैनाती बढ़ा दी गई है. इस बीच जैसलमेर जिले के सीमावर्ती इलाकों में पहुंच कर ईटीवी भारत की टीम ने मौजूदा हालातों का जायजा लिया. इस दौरान हमारी टीम ने ग्रामीणों से बातचीत की और पश्चिमी सीमा पर हो रही गतिविधियों को समझा. देखिए ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट..

Jaisalmer Indo-Pak border, Western border conditions, Border area villagers
जैसलमेर स्थित भारत-पाक सीमा पर पहुंचा ईटीवी भारत

जैसलमेर. भारत-चीन के बीच सीमा विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. सोमवार को लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी द्वारा भारतीय सेना के 20 जवानों को मारने के बाद विवाद और गहरा गया है. ऐसे में देश की पश्चिमी सीमा के निगेहबान जैसलमेर जिले के सीमावर्ती इलाकों में पहुंच कर ईटीवी भारत की टीम ने मौजूदा हालातों का जायजा लिया.

जैसलमेर स्थित भारत-पाक सीमा पर ईटीवी भारत, देखें रिपोर्ट

इस दौरान हमारी टीम ने ग्रामीणों से बातचीत भी की. हमारी टीम ने भारत-पाक सीमा के ग्राउंड जीरो पर जाने का प्रयास भी किया. लेकिन सुरक्षा कारणों की वजह से हम वहां नहीं पहुंच पाए. लेकिन जैसलमेर जिले के जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर रणाऊ (रणोत्तर) और गिरदुवाला गांव पहुंच कर ईटीवी भारत की टीम ने ग्रामीणों से देश में इस समय के हालातों पर बातचीत की. इस गांव से महज 35 से 40 किलोमीटर की दूरी पर भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा है.

बॉर्डर के पास रहने वाले लोगों से बातचीत

ये भी पढ़ें- SPECIAL: हिंदुमलकोट अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर BSF अलर्ट, ग्रामीणों ने कहा- 'हम सेना के साथ, दुश्मनों को देंगे मुंहतोड़ जवाब'

ग्रामीणों ने बताया कि फिलहाल पश्चिमी सीमा पर हालात सामान्य हैं और यहां पर शांति है, उन्हें सेना या प्रशासन की तरफ से किसी भी प्रकार का कोई अलर्ट जारी नहीं हुआ है. ग्रामीणों ने बताया कि सेना की गतिविधियां भी आम दिनों की तरह सामान्य है. लेकिन पाकिस्तान मौजूदा हालातों में कोई भी नापाक हरकत कर सकता है, क्योंकि यह उसकी फितरत है. ऐसे में भारतीय सेना और बीएसएफ पूरी तरह से सतर्क है और पाकिस्तान अगर कोई भी हरकत करेगा, तो उसे मुंह की खानी पड़ेगी.

Jaisalmer Indo-Pak border, Western border conditions, Border area villagers
राजस्थान के सीमावर्ती जिले

ग्रामीणों का कहना है कि 1965, 1971, और कारगिल युद्ध के अलावा अन्य कई मौकों पर यहां अलर्ट जारी किया गया था. उस दौरान ग्रामीणों ने सेना का भरपूर सहयोग किया था. ग्रामीणों के अनुसार अगर फिर से ऐसे कोई हालात और परिस्थितियां बनती है, तो ग्रामीण सेना का पूरी तरह से सहयोग करने के लिए तैयार हैं.

ये भी पढ़ें- चीन का रवैया गैर पेशेवर, भरोसे के लायक नहीं : रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा

80 वर्षीय ग्रामीण भगवान सिंह ने बताया कि 1965 और 71 के युद्ध के दौरान जब यहां हालात बुरे थे और यहां परिवहन के साधन नहीं थे और पीने को पानी भी नहीं था. तब उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर कुएं से पानी निकाल कर ऊंटों के जरिए सेना की मदद की थी.

भगवान सिंह ने बताया कि पश्चिमी राजस्थान में रेतीले टीले अपना स्थान बदलते रहते हैं. ऐसे में उन्होंने भारतीय सेना को रास्ता दिखाने में भी मदद की थी. उन्होंने ने कहा कि यदि ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न होती है, तो वह उम्र के इस पड़ाव में भी सेना का कंधे से कंधा मिलाकर साथ देंगे.

Last Updated : Jun 19, 2020, 6:06 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.