जयपुर. आम जनता को घर के समीप ही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से सरकार ने जनता क्लीनिक खोलने की घोषणा की थी. लेकिन 3 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी प्रदेश के सिर्फ 10 जिलों में ही जनता क्लीनिक खोल (Status of Janata Clinic scheme in Rajasthan) पाए. सरकार का मुख्य मकसद था कि यदि जनता क्लीनिक खुलेंगे, तो बड़े अस्पतालों पर मरीजों का भार कम हो सकेगा. लेकिन अब यह जनता क्लीनिक योजना ठंडे बस्ते में नजर आ रही है. बजट घोषणा के बाद राजधानी जयपुर में जरूर कुछ स्थानों पर जनता क्लीनिक खोले गए.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में घोषणा करते हुए कहा था कि प्रदेश के सभी जिलों में जनता क्लीनिक खोले जाएंगे ताकि लोगों को इलाज के लिए दूर न जाना पड़े. इसे लेकर जयपुर के कुछ स्थानों पर जनता क्लीनिक खोलने की शुरुआत की गई, लेकिन जैसे ही कोविड-19 संक्रमण आया, जनता क्लीनिक से जुड़ा काम धीमा पड़ गया. हालात यह हैं कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में तकरीबन 142 जनता क्लीनिक खोले जाने थे, जिसमें से महज 25 ही खोले जा सके. इनमें भी 12 जनता क्लीनिक अकेले जयपुर में हैं. जबकि गहलोत सरकार के सिर्फ 1 साल का कार्यकाल बाकी रहा है. कुछ जिलों की बात करें तो पिछले 1 साल से जनता क्लीनिक बनकर तैयार हैं, लेकिन उन्हें खोला नहीं जा सका.
पढ़ें: प्रदेश भर में खोली जाएंगी जनता क्लीनिक : डॉ. रघु शर्मा
- प्रदेश में 142 जगह जनता क्लीनिक के लिए की गईं चिन्हित
- जयपुर में खोले जाने हैं 25 जनता क्लीनिक, लेकिन पिछले 2 साल में सिर्फ 12 ही खुल पाए
- कॉन्ट्रैक्ट पर रखा जाना था स्टाफ को
- भामाशाह और स्थानीय विधायकों की सहायता से खोले जाने थे जनता क्लीनिक
मामले को लेकर चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दिसंबर महीने तक लगभग सभी जनता क्लीनिक को शुरू करने की योजना विभाग तैयार कर रहा है. अधिकतर स्थानों पर जनता क्लीनिक से जुड़ा स्ट्रक्चर तैयार हो चुका है. उपकरण भी धीरे-धीरे लगाए जा रहे हैं. प्रदेश के लगभग सभी जिलों में जनता क्लिनिक खुल जाएंगे. इसके लिए प्रत्येक जनता क्लीनिक को 70 लाख रुपए का बजट भी जारी कर दिया गया है.
पढ़ें: बीकानेर: जनता क्लिनिक नहीं खोलने से नाराज ग्रामीणों ने शुरू किया अनशन
शुरू हुए तो इस तरह की मिलेगी सुविधा: अगर तय समय पर प्रदेश में जनता क्लीनिक शुरू होते हैं, तो मरीजों को सामान्य बीमारियों को इलाज घर के पास ही मिल सकेगा. माना यह भी जा रहा है कि स्टाफ की कमी के चलते अभी तक प्रदेश में जनता क्लीनिक की सौगात आमजन को नहीं मिल पाई है. योजना के अनुसार प्रत्येक जनता क्लीनिक पर 7 लोगों का स्टाफ लगाया जाता है. जिसमें चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, फार्मासिस्ट और सपोर्टिंग स्टाफ शामिल है. प्रत्येक जनता क्लीनिक में 8 तरह की जांचें और मुख्यमंत्री निशुल्क जांच और दवा योजना का लाभ देने का प्रावधान रखा गया है.