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श्री गिरधारी मंदिर के महंत ने रामप्रसाद मीणा के पिता रामकिशोर मीणा को बताया किराएदार, होटल पर हुई कार्रवाई को बताया गलत

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Published : Apr 18, 2023, 11:50 PM IST

श्री गिरधारी मंदिर के महंत देवेंद्र कुमार शर्मा ने नगर निगम की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को गलत बताया. साथ ही उन्होंने कहा कि रामप्रसाद मीणा के पिता रामकिशोर मीणा पुराना (Mahant attack on action of Municipal Corporation) किराएदार है.

Mahant attack on action of Municipal Corporation
Mahant attack on action of Municipal Corporation

श्री गिरधारी मंदिर के महंत देवेंद्र कुमार शर्मा

जयपुर. रामप्रसाद मीणा सुसाइड मामले में नगर निगम प्रशासन ने जिस होटल के अवैध निर्माण पर कार्रवाई की है, उसे दूसरे पक्ष ने गलत बताया है. श्री गिरधारी मंदिर के महंत देवेंद्र कुमार शर्मा ने मृतक रामप्रसाद मीणा के पिता रामकिशोर मीणा को किरायादार बताया. उन्होंने कहा कि हमने परमिशन के आधार पर सत्संग हॉल और आचार्य महाराज के लिए रहने की व्यवस्था बनाने के लिए निर्माण कार्य करवाया था. निगम ने अचानक से तोड़फोड़ की कार्रवाई की है, जो गलत है. मृतक रामप्रसाद मीणा ने मंदिर के महंत देवेंद्र कुमार शर्मा पर भी आरोप लगाए थे.

महंत ने बताया कि श्री गिरधारी जी का मंदिर 260 वर्ष से भी अधिक प्राचीन मंदिर है. हमारे पूर्वजों की 9वीं पीढ़ी में हम इसके उत्तराधिकारी हैं. मंदिर के उत्तर की तरफ 203 फीट लंबी और 28 फीट चौड़ी जमीन के अंदर रामकिशोर मीणा पुराना किराएदार है. जमीन को खाली करवाने और किराया वसूली का हमने किराया अधिकरण में वाद प्रस्तुत किया था. जिसके आदेश मंदिर के पक्ष में हो गए. रामकिशोर मीणा ने उस आदेश की अपील की. वो अपील भी न्यायालय में खारिज हो गई. इसके बाद रामकिशोर ने आगे राजस्थान हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की और वो भी खारिज हो गई. इसके बाद रामकिशोर मीणा सुप्रीम कोर्ट भी गया, वहां से भी उनकी पिटीशन खारिज हो गई. न्यायालय में अंडरटेकिंग के ऊपर आदेश हो गया कि किराया जमा कराकर जमीन सुपुर्द कर दें. लेकिन कोरोनाकाल आने के बाद कार्रवाई रुक गई थी.

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इसके बाद इन लोगों ने नगर निगम से सांठगांठ करके जमीन का पट्टा बनवा लिया. लेकिन जब उन्हें इसकी जानकारी हुई तो वो एसीबी में इसकी शिकायत किए. एसीबी में यह मामला अभी विचाराधीन है. इसके बाद लोकायुक्त और मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी इसकी शिकायत की गई. इसके उपरांत पता चला कि नगर निगम से पत्रावली ही गायब हो गई है तो फिर एडवोकेट के माध्यम से नगर निगम को एक लीगल नोटिस दिया गया. जिसमें पट्टा कैंसिल करने या फिर न्यायालय से कार्रवाई के लिए तैयार रहने की बात कही गई. महंत ने कहा कि हमें न्यायालय से कब्जा वारंट जारी हुआ था. इस दौरान रामकिशोर मीणा ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया. जिसकी शिकायत नगर निगम और पुलिस से भी की गई. नगर निगम की ओर से निर्माण रोकने का नोटिस भी दिया गया, लेकिन फिर भी निर्माण नहीं रोका गया. जिसके बाद नगर निगम की ओर से गार्ड बैठा दिया गया और निर्माण कार्य रुकवाया गया.

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मंदिर के महंत ने बताया कि मंदिर परिसर में कोई होटल का निर्माण नहीं हो रहा है, बल्कि यहां सत्संग के लिए हॉल बन रहा है. प्रबुद्धजनों के सहयोग से यह काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि महाराज आचार्य के रहने के लिए और भक्तों के ठहरने के लिए निर्माण कार्य चल रहा है. साथ ही उन्होंने इस मंदिर को उनका निजी मंदिर करार दिया और कहा कि यहां दर्शन के समय ही लोग आते हैं. निर्माण कार्य के लिए हमने बहुत पहले ही परमिशन ले ली थी. नगर निगम वाले कह रहे हैं कि परमिशन बहुत पुरानी है, नई परमिशन लो. वहीं, नगर निगम ने अचानक से ही तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी. अभी भी इस मामले में केस विचाराधीन है. आगे महंत ने नगर निगम की इस कार्रवाई को गलत बताया.

बता दें कि रामप्रसाद मीणा ने सोमवार को खुदकुशी कर ली थी. हालांकि, खुदकुशी से पहले उसने वीडियो बनाया था. जिसमें मंत्री महेश जोशी समेत करीब 8 लोगों पर गंभीर आरोप लगाए थे. उनमें से एक मंदिर श्री गिरधारी मंदिर के महंत देवेंद्र कुमार शर्मा पर भी आरोप लगाया गया था. जिसके बाद मंदिर महंत ने आरोपों को गलत बताते हुए मृतक के पिता रामकिशोर मीणा को किराएदार बताया.

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