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थमा सरदारशहर उपचुनाव का प्रचार, भाजपा की एकजुटता में दिखी दरार, राजे सहित आधे स्टार प्रचारकों ने इसलिए किया किनारा

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Published : Dec 3, 2022, 8:41 PM IST

Updated : Dec 4, 2022, 12:21 AM IST

सरदारशहर उपचुनाव का प्रचार थम (Sardarshahar by election campaign ended today) गया. ऐसे में अब प्रत्याशी केवल डोर टू डोर जनसंपर्क व प्रचार कर सकेंगे. वहीं, आखिरी दिन भाजपा ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी. बावजूद इसके स्टार प्रचारकों की अनुपस्थिति ने भाजपा में व्याप्त गुटबाजी को सार्वजनिक कर दिया.

Sardarshahar campaign stop today
Sardarshahar campaign stop today

जयपुर. चुरू जिले के सरदारशहर उपचुनाव का प्रचार शनिवार शाम 5:30 बजे थम (Sardarshahar by election campaign ended today) गया. भाजपा हो या कांग्रेस या फिर आरएलपी सभी दलों ने आखिरी दिन जमकर प्रचार किया. लेकिन भाजपा के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का विषय बनी हुई है. चुरू जिला उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की कर्मभूमि है तो वहीं प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की जन्म भूमि भी है. एक ओर प्रदेश भाजपा के नेता इस चुनाव को एजुटता के साथ जीतने का दावा कर रहे हैं, लेकिन स्टार प्रचारकों (BJP Star campaigners stayed away) और पार्टी के एक खेमे की दूरी ने भाजपा में व्याप्त गुटबाजी को सार्वजनिक करने का काम किया है. ऐसे में यहां भाजपा के लिए जीत आसान नहीं है. सूबे की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और उनके गुट के नेताओं के साथ ही केंद्रीय मंत्रियों ने भी इस सीट की जीत में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई.

अंतिम दिन झोंकी ताकत: सरदारशहर उपचुनाव के लिए भाजपा, कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने प्रचार के अंतिम दिन अपनी पूरी ताकत झोंकी दी. तीनों ही पार्टियों के तमाम नेताओं ने बड़ी जनसभा के जरिए मतदाताओं को साधने की कोशिश की. साथ ही अपनी-अपनी जीत के दावे किए. उपचुनाव में अब तक भाजपा का परफॉर्मेंस कुछ खास नहीं रहा है. बावजूद इसके पार्टी यहां जीत की उम्मीद पाले हुए हैं. लेकिन अंदरूनी कलह के बीच यहां जीत मुश्किल जान पड़ रही है. हालांकि, भाजपा ने दावा किया है कि इस बार कांग्रेस के लिए यहां सिम्पेथी का कार्ड काम नहीं करेगा. बल्कि एंटी इनकंबेंसी का लाभ भाजपा को मिलेगा. साथ ही यह भी कहा गया था कि भाजपा पूरी एकजुटता के साथ चुनावी मैदान में है, लेकिन उपचुनाव के प्रचार के दौरान पार्टी में व्याप्त गुटबाजी अब सामने आ गई है.

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राजे सहित कई स्टार प्रचारकों ने बनाई दूरी: सरदारशहर के उपचुनाव के लिए प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने जिन 40 नेताओं की सूची जारी की थी, उनमें से कई ने तो प्रचार से दूरी बना रखी थी. चुनावी प्रचार खत्म होने पर स्टार प्रचारकों की सूची देखें तो आधे से अधिक स्टार प्रचारकों ने उपचुनाव में प्रचार ही नहीं किया. जिसमें खास तौर से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की दूरी खासा चर्चाओं में है. पार्टी की ओर जारी सूची में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शुरुआती उन नेताओं में शामिल रही, जिन्हें चुनाव की कमान संभालनी थी, लेकिन राजे इस चुनाव से पूरी तरह से दूरी बनाए हुए थी. वहीं, न केवल राजे, बल्कि उनके समर्थित नेता भी इस चुनाव से नदारद रहे.

ये स्टार प्रचारक रहे दूर: पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Former Chief Minister Vasundhara Raje) के अलावा प्रदेश सह प्रभारी विजया राहटकर, वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश माथुर, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत, राज्य सभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, किरोड़ी लाल मीणा, राजेंद्र गहलोत, सांसद कनकमल कटारा, सीपी जोशी, राष्ट्रीय मंत्री अलका सिंह गुर्जर, नरेंद्र खींचड़, दीया कुमारी, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, विधायक कैलाश मेघवाल, निर्मल कुमावत सहित ऐसे कई नाम हैं, जो सरदारशहर उपचुनाव में प्रचार के लिए नहीं पहुंचे. हालांकि, अब पार्टी की ओर से कहा जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर नेता गुजरात चुनाव में व्यस्त हैं.

इनको बनाया था स्टार प्रचारक: पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे , नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया , उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ , प्रदेश प्रभार अरुण सिंह, सह प्रभारी विजया राहटकर, वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश माथुर, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल, कैलाश चौधरी, राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, किरोड़ी लाल मीणा, राजेंद्र गहलोत, सांसद कनकमल कटारा शामिल थे. इसी प्रकार सीपी जोशी, नरेंद्र खींचड़, राहुल कस्वां, दीया कुमारी, राष्ट्रीय सचिव अलका गुर्जर, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, विधायक कैलाश मेघवाल, मदन दिलावर, भजन लाल शर्मा, मुकेश दाधीच, माधोराम चौधरी, पंकज गुप्ता, हिमांशु शर्मा, अलका मूंदड़ा, पूर्व विधायक प्रभुलाल सैनी, धर्मवीर पुजारी, रामगोपाल सुथार, रामसिंह कस्वां, अभिनेष महर्षि, बिहारीलाल विश्नोई, बलवीर लूथरा, निर्मल कुमावत, हरलाल सारण और मोहन मोरवाल शामिल थे.

राजे राजस्थान में लेकिन चुनाव से दूरी: भाजपा ने उपचुनाव के लिए जिन स्टार प्रचारकों की सूची जारी की उसमें ज्यादातर बड़े नेता गुजरात चुनाव में व्यस्त है. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे न गुजरात चुनाव प्रचार में गई और ना ही राजस्थान से बाहर हैं. बावजूद इसके वो प्रदेश में हो रही एक सीट के उपचुनाव में ज्यादा रुचि नहीं ली. नामांकन दाखिल कराने से लेकर अब तक किसी भी चुनावी सभा में राजे नजर नहीं आईं. इसको लेकर पार्टी के भीतर भी चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है.

अब आगे क्या: सरदारशहर उपचुनाव सीट को लेकर यह माना जा रहा था कि यह भाजपा के लिए सत्ता का सेमीफाइनल है. लेकिन इस चुनाव में परिणाम आने से पहले ही जिस तरह से पार्टी में अंदरूनी कलह देखने को मिली है, उससे अब यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की डगर मुश्किल हो सकती है. सरदारशहर उपचुनाव से एक खेमे की दूरी यह सब दिखाती है कि भाजपा में भी अंदर खाने सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. हालांकि, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दो दिन पहले ही जन आक्रोश सभा के जरिए पार्टी की एकजुटता दिखाने की कोशिश की, लेकिन इस जन आक्रोश यात्रा को छोड़ दे तो अन्य सभी कार्यक्रमों से राजे दूर ही रही हैं. मतलब साफ है कि आने वाले दिनों में न केवल कांग्रेस में, बल्कि भाजपा में भी गुटबाजी देखने को मिलेगी.

Last Updated :Dec 4, 2022, 12:21 AM IST
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