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Same Sex Marriage: जयपुर में महिलाओं ने दर्ज कराया विरोध

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Published : Apr 27, 2023, 4:04 PM IST

Updated : Apr 27, 2023, 6:09 PM IST

जयपुर में विभिन्न वर्गों की महिलाओं ने समलैंगिक विवाह को लेकर विरोध दर्ज कराया और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. महिलाओं ने बताया कि समलैंगिक विवाह का संस्कृति पर बहुत बुरा असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अगर समलैंगिक विवाह को मान्यता मिली तो बच्चों पर कंट्रोल करना मुश्किल हो जाएगा.

Protest Against Samlaingik Vivah
विभिन्न वर्गों की महिलाओं ने दर्ज कराया विरोध

विभिन्न वर्गों की महिलाओं ने दर्ज कराया विरोध

जयपुर. साल 2018 में समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से हटने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दिलाने की याचिकाओं पर सुनवाई की जा रही है. इसे लेकर पक्ष की दलील है कि समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता नहीं मिलना समानता के अधिकार का उल्लंघन है. जबकि विरोध में समलैंगिकता को एक पश्चिमी सोच बताते हुए दलील दी गई कि जैसे संविधान को बदला नहीं जा सकता, वैसे ही शादी के मूलभूत विचार को भी नहीं बदला जा सकता.

मामले में सुप्रीम कोर्ट कभी भी अपना फैसला सुना सकता है. इससे पहले राजधानी जयपुर में इसका विरोध दर्ज कराते हुए जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया. साथ ही विभिन्न धर्म, संप्रदाय के लोगों, शिक्षाविद, चिकित्सक और जागरूक जनों की समिति बनाकर इस पर मंथन करने की अपील की गई. समलैंगिक विवाह को लेकर पूरे देश में चर्चा छिड़ी हुई है. हालांकि, यहा मामला सुप्रीम कोर्ट में है, लेकिन जयपुर में इसका विरोध किया जा रहा है.

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विरोध के स्वरूप जयपुर की विभिन्न वर्ग से आने वाली महिलाओं ने गुरुवार को जिला प्रशासन कार्यालय पहुंच कलेक्टर को ज्ञापन दिया. महिलाओं ने बताया कि भारत में विभिन्न धर्म हैं, लेकिन किसी भी धर्म में समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं है. इसका जल्दबाजी में कोई फैसला ना हो जाए, इसके लिए चाहते हैं कि धार्मिक लोग, शिक्षाविद, चिकित्सक और समाज के जागरूक बंधुओं की एक समिति बनाई जाए और समिति में विचार-विमर्श होने के बाद फिर फैसला दिया जाए. महिलाओं ने बताया कि समलैंगिक विवाह का संस्कृति पर बहुत बुरा असर पड़ेगा. ऋषि परंपरा में कभी भी समलैंगिक विवाह को प्राथमिकता की बात नहीं होती है. यदि इस तरह से विवाह होने लगे तो भविष्य में डॉमेस्टिक वायलेंस बढ़ेगा.

महिला महिला से शादी करेगी तो किस भाव से सुरक्षा दी जा सकेगी. आने वाली जनरेशन पर क्या प्रभाव पड़ेगा. पूरी व्यवस्था बिगड़ने का खतरा है, किस तरह बच्चों को कंट्रोल करेंगे, कैसे समझाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर समलैंगिक विवाह को मान्यता मिली तो बच्चों पर कंट्रोल करना भी मुश्किल हो जाएगा और ना ही नई पीढ़ी तैयार हो पाएगी. वहीं कुछ ने इसे पूरी तरह अप्राकृतिक बताते हुए कहा कि यदि प्रकृति के विरुद्ध जाएंगे तो प्रकृति उसका प्रतिकार करती है. विवाह एक सामाजिक व्यवस्था है, समाज संस्कारित रूप से चल सके, इसलिए ये व्यवस्था है. समलैंगिक लोग अभी भी साथ में रह रहे हैं, लेकिन उसको विवाह का नाम देना, विवाह जैसे पद्धति को अपमानित करने जैसा है. बहरहाल, मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. लेकिन जयपुर में विरोध किया जा रहा है, जिसमें विभिन्न समाज, वर्ग और धर्म से जुड़ी हुई महिलाएं आगे आई हैं.

Last Updated : Apr 27, 2023, 6:09 PM IST
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