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24 करोड़ के डोनेशन का झांसा दे ठगे 15 लाख, एक आरोपी पकड़ा, खाते में 80 लाख रुपए फ्रीज

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Published : May 17, 2023, 11:36 PM IST

जयपुर पुलिस ने ट्रस्ट में 24 करोड़ का डोनेशन देने का झांसा दे, प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 15 लाख रुपए ठग लिए. इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को प्रयागराज से गिरफ्तार किया है. एक बैंक खाते में 80 लाख रुपए भी पुलिस ने फ्रीज करवाए हैं.

Rs 15 lakh fraud in the name of donation of Rs 24 crore
24 करोड़ के डोनेशन का झांसा दे ठगे 15 लाख, एक आरोपी पकड़ा, खाते में 80 लाख रुपए फ्रीज

जयपुर. एक ट्रस्ट में 24 करोड़ रुपए का डोनेशन देने का झांसा देकर प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 15 लाख रुपए की ठगी की वारदात का पुलिस ने खुलासा किया है. आदर्श नगर थाना पुलिस ने इस मामले में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक आरोपी को गिरफ्तार कर इन शातिर बदमाशों द्वारा काम में लिए जा रहे बैंक खातों में 80 लाख रुपए भी फ्रीज करवाए गए हैं. गिरफ्तार आरोपी से उसके अन्य आरोपियों के बारे में पूछताछ की जा रही है.

डीसीपी, जयपुर (पूर्व) ज्ञानचंद यादव ने बताया कि गत 12 मई को परिवादी योगेश ने आदर्श नगर थाने में मामला दर्ज करवाया था. उसने रिपोर्ट में बताया कि फर्म दा मोंडे टैक्नो के प्रतिनिधि ने दौसा निवासी ट्रस्ट संचालक प्रभुनारायण मीणा को ट्रस्ट में 24 करोड़ रुपए का डोनेशन देने का झांसा देकर प्रोसेसिंग फीस के नाम पर एक बैंक खाते में 15 लाख रुपए जमा करवा लिए. इसके बाद यह राशि अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर ऑनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया है. इस पर आदर्श नगर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया और एक टीम का गठन किया गया.

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जयपुर (पूर्व) की तकनीकी शाखा ने ट्रांजेक्शन डिटेल खंगाली, तो यह रकम आईसीआईसीआई बैंक के एक खाते में जमा होने के तुरंत बाद इन्डसइन्ड बैंक, आईडीएफसी बैंक और एचएसबीसी बैंक में इस राशि को ट्रांसफर कर दिया गया. इन सभी बैंक खातों का पुलिस ने स्टेटमेंट निकलवाया, तो पता चला कि इन खातों में भी अलग-अलग लोगों द्वारा करीब 80 लाख रुपए जमा करवाए गए हैं. इसके बाद इन खातों को भी फ्रीज करवाया गया है. पुलिस टीम ने आरोपियों के मोबाइल नंबर ट्रैस करते हुए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से प्रदीप कुमार त्रिपाठी को हिरासत में लिया और जयपुर लाकर पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार किया गया. उसे पुलिस रिमांड पर लेकर इस गिरोह के अन्य बदमाशों के बारे में पूछताछ की जा रही है.

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ट्रस्ट का रिकॉर्ड देखकर बनाते शिकारः ऑनलाइन ठगी करने वाले इस गिरोह से जुड़े बदमाश पहले किसी निजी ट्रस्ट का रिकॉर्ड देखकर अपने साथियों को उस ट्रस्ट की जानकारी शेयर करते हैं. जो ट्रस्ट के संचालकों से संपर्क कर बड़ी राशि का डोनेशन देने का झांसा देते हैं और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर रकम अपने खाते में जमा करवा लेते हैं. इस रकम को अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करवाकर ये बदमाश निकलवा लेते हैं.

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