Rajasthan High Court : भूतेश्वर वन खंड में नहीं हटे अतिक्रमण, जिला कलेक्टर व पुलिस कमिश्नर को किया तलब

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Published : Oct 10, 2022, 10:28 PM IST

Rajasthan Highcourt

जोधपुर शहर (Rajasthan High Court) में भूतेश्वर वन खंड क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने में पुलिस व प्रशासन की ओर से सहयोग नहीं किए जाने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने 18 अक्टूबर को अगली सुनवाई पर जिला कलेक्टर जोधपुर व पुलिस कमिश्नर जोधपुर को तलब किया है. साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच ने मानसरोवर मेट्रो स्टेशन से रीको फ्लाईओवर के बीच बनी सड़क पर अतिक्रमण हटाने को लेकर दिए आदेश पर रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

जोधपुर. शहर के आस पास वन (Rajasthan Highcourt) विभाग की भूमि में स्थित भूतेश्वर वन खंड क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने में पुलिस व प्रशासन की ओर से सहयोग नहीं किए जाने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई पर जिला कलेक्टर जोधपुर व पुलिस कमिश्नर जोधपुर को तलब किया है. वहीं राजस्व विभाग की ओर से 07 अक्टूबर 2022 किए गए संचार में आगे कोई भी कदम उठाने पर रोक लगा दी है.

वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश कुलदीप माथुर की खंडपीठ के समक्ष वन विभाग की ओर (encroachment in Bhuteshwar forest area) से जवाब पेश किया गया. इसमें आरक्षित वन भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रस्तावित कदमों व विफलता को लेकर रिकार्ड पेश किया. इसमें बताया कि पुलिस अधिकारियों की आवश्यक कारवाई में सहायता प्रदान नहीं की गई. इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई पर जिला कलेक्टर व पुलिस कमिश्नर जोधपुर को 18 अक्टूबर 2022 को तलब किया है. याचिकाकर्ता राम जी व्यास की ओर से अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने याचिका पेश की थी. इस दौरान सरकार व वन विभाग की ओर से एएजी संदीप शाह, राजस्व विभाग की ओर से एएजी सुनील बेनीवाल व निगम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश पंवार ने पक्ष रखा.

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वन विभाग की भूमि में स्थित भूतेश्वर वन खंड क्षेत्र में हुए अतिक्रमण को संयुक्त कारवाई कर हटाने के आदेश के साथ दो माह में पालना रिपोर्ट मांगी थी. वन विभाग व राज्य सरकार की ओर से एएजी संदीप शाह ने पक्ष रखते हुए बताया था कि वन विभाग के पास पर्याप्त संसाधन नहीं होने से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई अभी तक नहीं हो पाई. इस पर कोर्ट ने कहा कि जेडीए, नगर निगम, वन विभाग और पुलिस विभाग मिलकर संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए भूतेश्वर वन खंड में अतिक्रमण हटाए.

पूर्व में वन विभाग की ओर से अपने जवाब में कहा गया कि भूतेश्वर वन खंड में 1868 अतिक्रमण हो रहे हैं. इनको 91 ए का नोटिस भी दिया गया है. लेकिन संसाधन के अभाव में कार्रवाई नहीं हो पाई. इस पर कोर्ट ने संयुक्त अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाकर 29 सितंबर 2022 तक पालना रिपोर्ट मांगी थी. कोर्ट ने कहा कि इस सम्बंध में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतते हुए मामले को गंभीरता से लिया जाएगा.

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मानसरोवर मेट्रो स्टेशन से रीको फ्लाईओवर के बीच सड़क पर अतिक्रमण :
राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच ने मानसरोवर मेट्रो स्टेशन से रीको फ्लाईओवर के बीच बनी सड़क पर अतिक्रमण हटाने को लेकर दिए आदेश की पालना को लेकर तीन माह बाद रिपोर्ट पेश करने को कहा है. अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि जेडीए ने जिन लोगों की आपत्तियां निस्तारित कर अतिक्रमी माना है, उनका निर्माण हटाया जाए और शेष आपत्तियों को तय किया जाए. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस वीके भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश बाबूलाल शर्मा की याचिका पर दिए.

सुनवाई के दौरान जेडीए की ओर से कहा गया कि करीब साढ़े छह किलोमीटर दूरी की इस सड़क पर 691 अतिक्रमण चिन्हित किए गए हैं. इन्हें जेडीए एक्ट की धारा 72 के तहत अतिक्रमण हटाने का नोटिस दिया गया है. वहीं इनमें से 357 लोगों ने अपनी आपत्तियां पेश कर दी हैं. इसमें से 51 आपत्तियां निस्तारित कर उन्हें अतिक्रमी माना गया है. वहीं शेष आपत्तियों का निस्तारण होना बाकी है.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट ने जुलाई, 2021 को जेडीए का आदेश दिए थे कि वह एक माह में अतिक्रमण चिन्हित कर उसके तीन माह में अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाए. इसके बावजूद भी अब तक अतिक्रमण नहीं हटाए गए हैं. इसके अलावा हाईकोर्ट ने नवंबर 2021 में अपने फैसले में दखल से इनकार करते हुए न्यू सांगानेर व्यापार मंडल, मानसरोवर व अन्य की पुनर्विचार याचिका को भी खारिज कर दिया था.

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