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वकीलों की समस्याओं के लिए निस्तारण कमेटी गठित

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 17, 2024, 7:58 PM IST

dispute resolution committee राजस्थान हाईकोर्ट ने वकीलों की समस्याओं के निराकरण के लिए विवाद निस्तारण कमेटी का गठन किया है.

Rajasthan High Court,  dispute resolution committee
वकीलों की समस्याओं के लिए निस्तारण कमेटी गठित.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वकीलों की समस्याओं के लिए विवाद निस्तारण कमेटी का गठन किया है. वकील अब अपनी समस्या के निस्तारण के लिए आंदोलन या हड़ताल आदि करने से पहले इस कमेटी के समक्ष अपनी मांग रखेंगे. हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से गठित इस छह सदस्यीय कमेटी में मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस पंकज भंडारी, जस्टिस इन्द्रजीत सिंह को शामिल किया गया है, जबकि वकीलों के प्रतिनिधि के तौर पर महाधिवक्ता, बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के चेयरमैन और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को शामिल किया गया है.

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों की समस्याओं से जुडे़ एक मामले में व्यवस्था दी थी कि हर हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश और दो वरिष्ठ न्यायाधीशों की एक विवाद निस्तारण कमेटी बनाई जाए. वकील अपनी समस्याओं के लिए आंदोलन करने से पूर्व इस कमेटी के समक्ष अपना पक्ष रखें. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत कमेटी गठन के लिए एसोसिएशन की ओर से गत दिनों हाईकोर्ट प्रशासन को पत्र लिखा गया था. बार अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा ने बताया की वकीलों से जुडी कई समस्याएं हैं.

पढ़ेंः राजस्थान हाईकोर्ट ने पूछा राज्य सरकार बताए होमगार्ड्स को नियमित नियुक्ति क्यों नहीं

नए वकीलों के बैठने के लिए चैंबर की अपर्याप्त संख्या है. चैंबर आवंटन के नियमों के तहत तीन साल की वकालत और तीस मुकदमों में पैरवी कर चुका अधिवक्ता चैंबर के लिए हकदार होगा. इसके बावजूद नए वकीलों को चैंबर नहीं मिले हैं. इसके अलावा वाहन खड़ा करने के लिए भी वकीलों को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई बार वकीलों को वाहन खड़ा करने की जगह नहीं मिलती और दूसरी तरफ अदालत में उसके मुकदमें का नंबर निकल जाता है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से पूछा है कि वकील बार-बार हड़ताल क्यों करते हैं?. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बार एसोसिएशन से यह अंडरटेकिंग मांगी कि भविष्य में केवल हरीश उप्पल के मामले में दिए गए दिशा-निर्देशों के विपरीत जाकर हड़ताल नहीं करेंगे.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वकीलों की समस्याओं के लिए विवाद निस्तारण कमेटी का गठन किया है. वकील अब अपनी समस्या के निस्तारण के लिए आंदोलन या हड़ताल आदि करने से पहले इस कमेटी के समक्ष अपनी मांग रखेंगे. हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से गठित इस छह सदस्यीय कमेटी में मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस पंकज भंडारी, जस्टिस इन्द्रजीत सिंह को शामिल किया गया है, जबकि वकीलों के प्रतिनिधि के तौर पर महाधिवक्ता, बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के चेयरमैन और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को शामिल किया गया है.

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों की समस्याओं से जुडे़ एक मामले में व्यवस्था दी थी कि हर हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश और दो वरिष्ठ न्यायाधीशों की एक विवाद निस्तारण कमेटी बनाई जाए. वकील अपनी समस्याओं के लिए आंदोलन करने से पूर्व इस कमेटी के समक्ष अपना पक्ष रखें. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत कमेटी गठन के लिए एसोसिएशन की ओर से गत दिनों हाईकोर्ट प्रशासन को पत्र लिखा गया था. बार अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा ने बताया की वकीलों से जुडी कई समस्याएं हैं.

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नए वकीलों के बैठने के लिए चैंबर की अपर्याप्त संख्या है. चैंबर आवंटन के नियमों के तहत तीन साल की वकालत और तीस मुकदमों में पैरवी कर चुका अधिवक्ता चैंबर के लिए हकदार होगा. इसके बावजूद नए वकीलों को चैंबर नहीं मिले हैं. इसके अलावा वाहन खड़ा करने के लिए भी वकीलों को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई बार वकीलों को वाहन खड़ा करने की जगह नहीं मिलती और दूसरी तरफ अदालत में उसके मुकदमें का नंबर निकल जाता है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से पूछा है कि वकील बार-बार हड़ताल क्यों करते हैं?. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बार एसोसिएशन से यह अंडरटेकिंग मांगी कि भविष्य में केवल हरीश उप्पल के मामले में दिए गए दिशा-निर्देशों के विपरीत जाकर हड़ताल नहीं करेंगे.

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