जयपुर. राज्य सरकार ने स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप कंपनी से बिना टेंडर खरीद की सीमा को 15 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए तक कर दिया है. सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी बजट घोषणा को अमलीजामा पहना दिया. सीएम ने राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता (आरटीपीपी) नियम 2013 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन दे दिया है. इसके साथ ही अब स्टार्टअप्स को 1 साल में 6 कार्य आदेश मिल सकेंगे.
हाल ही में राज्य सरकार की ओर से राजस्थान आईटी डे (सूचना प्रौद्योगिकी दिवस) के मौके पर प्रदेश के युवाओं और स्टार्टअप प्रेमियों को प्रोत्साहित करने के लिए मेगा जॉब फेयर, मेगा हैकाथान, स्टार्टअप बाजार और स्टार्टअप एक्सपो का आयोजन किया गया था. वहीं हैकाथान में शामिल हुए 3 हजार प्रतिभागियों में से प्रथम विजेता को 25 लाख, दूसरे विजेता को 20 लाख और तीसरे विजेता को 15 लाख का पुरस्कार दिया गया. इसके अलावा यहां पहुंची करीब 450 कंपनियों ने हजारों युवाओं को हायर भी किया. वहीं राज्य सरकार ने इस क्रम में अब एक और बड़ा फैसला लिया है. सीएम ने बजट घोषणा 2023-24 को धरातल पर उतारते हुए स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता (आरटीपीपी) नियम 2013 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है.
अब प्रदेश में स्टार्टअप्स से बिना टेंडर खरीद की सीमा को 15 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दिया गया है. इसके साथ ही राजस्थान स्टार्टअप पॉलिसी, 2022 में स्टार्टअप को एक वित्तीय वर्ष में दिए जाने वाले कार्यादेशों (वर्क ऑर्डर) की संख्या को बढ़ाकर अधिकतम 6 कर दिया गया है. इसका मतलब है कि एक स्टार्टअप कंपनी को सरकार की तरफ से साल से 6 वर्क ऑर्डर मिलेंगे. इसके अलावा महिला, विशेष योग्यजन, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ट्रांसजेंडर स्टार्टअप्स को एक कार्यादेश अतिरिक्त मिल सकेगा. अब तक स्टार्टअप्स को अधिकतम 3 कार्य आदेश ही मिलते थे.
खुशखबरी : स्टार्टअप को बिना टेंडर मिलेंगे 25 लाख रुपए तक के वर्क ऑर्डर
जयपुर. राज्य सरकार ने स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप कंपनी से बिना टेंडर खरीद की सीमा को 15 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए तक कर दिया है. सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी बजट घोषणा को अमलीजामा पहना दिया. सीएम ने राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता (आरटीपीपी) नियम 2013 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन दे दिया है. इसके साथ ही अब स्टार्टअप्स को 1 साल में 6 कार्य आदेश मिल सकेंगे.
हाल ही में राज्य सरकार की ओर से राजस्थान आईटी डे (सूचना प्रौद्योगिकी दिवस) के मौके पर प्रदेश के युवाओं और स्टार्टअप प्रेमियों को प्रोत्साहित करने के लिए मेगा जॉब फेयर, मेगा हैकाथान, स्टार्टअप बाजार और स्टार्टअप एक्सपो का आयोजन किया गया था. वहीं हैकाथान में शामिल हुए 3 हजार प्रतिभागियों में से प्रथम विजेता को 25 लाख, दूसरे विजेता को 20 लाख और तीसरे विजेता को 15 लाख का पुरस्कार दिया गया. इसके अलावा यहां पहुंची करीब 450 कंपनियों ने हजारों युवाओं को हायर भी किया. वहीं राज्य सरकार ने इस क्रम में अब एक और बड़ा फैसला लिया है. सीएम ने बजट घोषणा 2023-24 को धरातल पर उतारते हुए स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता (आरटीपीपी) नियम 2013 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है.
अब प्रदेश में स्टार्टअप्स से बिना टेंडर खरीद की सीमा को 15 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दिया गया है. इसके साथ ही राजस्थान स्टार्टअप पॉलिसी, 2022 में स्टार्टअप को एक वित्तीय वर्ष में दिए जाने वाले कार्यादेशों (वर्क ऑर्डर) की संख्या को बढ़ाकर अधिकतम 6 कर दिया गया है. इसका मतलब है कि एक स्टार्टअप कंपनी को सरकार की तरफ से साल से 6 वर्क ऑर्डर मिलेंगे. इसके अलावा महिला, विशेष योग्यजन, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ट्रांसजेंडर स्टार्टअप्स को एक कार्यादेश अतिरिक्त मिल सकेगा. अब तक स्टार्टअप्स को अधिकतम 3 कार्य आदेश ही मिलते थे.