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Rajasthan Budget 2023: सीएम का बजट पूर्व संवाद बैठक, जानें व्यापारिक संगठनों की क्या हैं उम्मीदें

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Published : Jan 21, 2023, 10:31 PM IST

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार शाम को प्रदेश की व्यापारिक संगठनों के साथ में बजट पूर्व संवाद (Rajasthan Budget 2023) किया. इसमें उन्होंने स्क्रैप पॉलिसी, रीको नियमों में सुधार सहित कई सुझाव दिए. वहीं, उद्योग मंत्री ने इस बजट के पिछले बजट से बेहतर होने की बात कही है.

CM Gehlot pre budget meet
CM Gehlot pre budget meet

जयपुर. राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र 23 जनवरी से शुरू होने जा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 8 फरवरी को अपना पांचवा और अंतिम बजट पेश करेंगे. 5वें बजट को लेकर सीएम गहलोत लगातार बजट पूर्व संवाद बैठक कर रहे हैं. इसी क्रम में शनिवार शाम मुख्यमंत्री गहलोत ने व्यापारिक संगठनों के साथ संवाद बैठक की और सुझाव लिए. व्यापारियों ने भी कई मुद्दों पर अपनी डिमांड रखी. इसमें खासतौर से स्क्रैप पॉलिसी, रीको के नियमों में सुधार, फायर एनओसी और पर्यटन के बजट में वृद्धि सहित कई सुझाव शामिल हैं.

फिर बदला समय : व्यापारिक संगठनों के साथ संवाद बैठक पहले शनिवार सुबह 11:30 बजे समय निर्धारित हुआ था. बाद में इसमें बदलाव करते हुए शाम का किया गया. इसके बाद फिर समय में बदलाव हुआ और शाम 7:00 बजे बैठक शुरू हुई. इससे पहले कर्मचारियों और सामाजिक संगठनों के साथ हुई बजट पूर्व संवाद बैठकों में भी दो तीन बार समय में बदलाव हुआ था. बैठक के दौरान व्यापारिक संगठनों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समक्ष अपनी समस्याएं रखी. इसके साथ ही उनके निस्तारण की मांग भी की. मुख्यमंत्री गहलोत ने व्यापारिक संगठनों को बजट में उनके हित में बड़ी घोषणा करने का आश्वासन दिया है. वहीं उद्योग मंत्री ने कहा कि इस बार बजट पिछले बजट से बेहतर होगा.

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स्क्रैप पॉलिसी को आसान किया जाए : व्यापारिक संगठनों का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बजट में व्यापार जगत के लिए कोई बड़ा तोहफा देना चाहिए. पार्टी की तरफ से प्रतिनिधि के रूप में शामिल हुए अरुण अग्रवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्क्रैप पॉलिसी को 2022 में लागू किया था. हालांकि राजस्थान सरकार ने इसे अभी लागू नहीं किया है. इसमें कुछ सरलीकरण करके उसे राजस्थान में लागू किए जाने की मांग की है.

इसके साथ ही उन्होंने रीको क्षेत्र में नगर निगम के हस्तक्षेप को भी दूर करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि रीको स्वायत्त संस्था है और इसमें जो जमीन आवंटित होती है उसमें पानी, सड़क, बिजली सब रीको करता है. व्यापारी इन सब को अदा करते हैं. बावजूद इसके नगर निगम इस क्षेत्र में हस्तक्षेप करके यूडी टैक्स वसूलता है, जो सही नहीं है. सरकार को चाहिए कि इसे बंद किया जाए. साथ ही फायर एनओसी भी केवल कमर्शियल भवनों में होने चाहिए क्योंकि व्यापार जगत से जुड़े लोग खुद सेफ्टी रखते हैं.

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फायर और लैंड टैक्स कम किया जाए : व्यापारिक संगठनों से जुड़े सीताराम अग्रवाल ने प्रमुख शिकायतें और मांग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने रखी. इसमें फायर टैक्स रीजनेबल करने, लैंड टैक्स कम करने और जीएसटी के सरलीकरण की मांग की गई. सीताराम अग्रवाल ने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व्यापार जगत के लिए अच्छी घोषणा बजट में करेंगे, इससे व्यापार जगत का भी भला होगा.

यूनिट टूरिज्म पॉलिसी लागू हो : होटल एसोसिएशन से जुड़े प्रतिनिधी रणविजय सिंह ने कहा कि राजस्थान में यूनिट टूरिज्म पॉलिसी को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर जल्द से जल्द इसके लागू होने की घोषणा बजट में होती है तो इससे और इन्वेस्टमेंट राजस्थान में आएगा. हालांकि राजस्थान सरकार ने यूनिट पर्यटन पॉलिसी को उद्योग का दर्जा दिया हुआ है. कई और राज्य भी इसे फॉलो कर रहे हैं. लेकिन हमारी मांग है कि इसे जल्द से जल्द लागू किया जाए.

पिछले बजट से अच्छा होगा : उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चारों बजट एक से बढ़कर एक रहे हैं. हर बजट में और बेहतर करने की कोशिश की गई है. आखिरी बजट पेश होने जा रहा है. इसमें भी सभी से सुझाव शामिल किए जा रहे हैं. इसके बाद ये बजट पेश किया जाएगा. रावत ने कहा कि जनता का बजट जनता के लिए समर्पित हो. इसी दिशा में काम किया जा रहा है. इस बार का बजट होगा पिछले बजट से और ज्यादा बेहतर होगा. इसमें हर वर्ग को लाभ मिलेगा.

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